राजस्थान कांग्रेस में भूचाल! डोटासरा का विधानसभा न जाने का फैसला, पार्टी में सियासी हलचल!
Rajasthan Congress : राजस्थान कांग्रेस की रविवार को जयपुर में आयोजित विस्तारित कार्यकारिणी की बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। बैठक में कांग्रेस के बड़े नेता शामिल हुए, जिनमें सचिन पायलट भी पहुंचे। इस बैठक के दौरान पार्टी में चल रही राजनीतिक हलचलों को लेकर कई नेताओं ने अपनी राय दी। (Rajasthan Congress)बैठक के दौरान नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने राजस्थान सरकार के संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि बैठक का उद्देश्य प्रदेश में भूचाल लाने वाले हालातों पर चर्चा करना था। जूली ने कहा कि इसी कारण यह बैठक आयोजित की गई है और सभी नेता इसमें भाग ले रहे हैं।
कांग्रेस के नेताओं की मिलीभगत नहीं सहन...
बैठक में पार्टी प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि कांग्रेस का कोई भी नेता, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, अगर वह दूसरी पार्टी से मिलीभगत करता है तो उसे पार्टी से बाहर निकाला जाएगा। यह बयान गुजरात में राहुल गांधी के पार्टी कार्यकर्ताओं की मीटिंग के दौरान भाजपा से मिले हुए नेताओं को पार्टी से बाहर निकालने के बयान के बाद आया। रंधावा ने इस बयान के जरिए पार्टी के भीतर अनुशासन बनाए रखने की आवश्यकता को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि निष्क्रिय पदाधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी और जल्द ही पदों में बदलाव हो सकते हैं।
डोटासरा का विधानसभा में न जाने का फैसला
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने एक बार फिर यह स्पष्ट किया कि वह फिलहाल विधानसभा में नहीं जाएंगे। डोटासरा ने कहा कि जब वह विधानसभा जाने का निर्णय लेंगे, तो वह मीडिया के सामने अपनी पूरी बात रखेंगे। उन्होंने यह निर्णय विधानसभा स्पीकर द्वारा की गई टिप्पणी के बाद लिया है और पार्टी के नेता और कार्यकर्ता इस फैसले के समर्थन में हैं। टीकाराम जूली ने भी कहा कि वह और पार्टी के अन्य सदस्य डोटासरा के फैसले के साथ हैं। डोटासरा का यह निर्णय पार्टी के भीतर राजनीतिक सुलह के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
डोटासरा के नेतृत्व को लेकर उठ रहे सवाल
राजस्थान कांग्रेस में आंतरिक राजनीति के बीच बदलाव की आहट महसूस हो रही है। डोटासरा के विधानसभा में न जाने के फैसले के साथ-साथ पार्टी के भीतर नेतृत्व को लेकर कुछ सवाल भी उठने लगे हैं। पार्टी में एकता और अनुशासन बनाए रखने के लिए रंधावा ने सख्त संदेश दिया है। हाल ही में पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच उठ रहे विवादों और आरोपों के कारण पार्टी के भीतर बदलाव की आवश्यकता महसूस हो रही है। अब यह देखना होगा कि कांग्रेस अपने संगठन में सुधार के लिए कौन से कदम उठाती है।
राजस्थान कांग्रेस के भीतर की राजनीति में बदलाव की हवा तेज हो गई है। पार्टी के अंदर चल रहे सत्ता संघर्ष और नेतृत्व के मुद्दे के बाद अब यह सवाल उठने लगा है कि क्या कांग्रेस को भविष्य में सत्ता संघर्ष का सामना करना पड़ेगा। पार्टी की रणनीति और निर्णयों पर सभी की निगाहें लगी हुई हैं। इसके साथ ही पार्टी के भीतर हो रहे बदलावों और विवादों को लेकर सियासी हलचल बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
विधानसभा चुनावों की तैयारी में कांग्रेस
कांग्रेस पार्टी अब विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुटी हुई है। पार्टी ने इन चुनावों के लिए रणनीति तैयार करने के तहत अपने कार्यकर्ताओं से फीडबैक प्राप्त किया है। पार्टी के भीतर नेताओं के बीच नेताओं के रुख पर चर्चा की जा रही है। वहीं, डोटासरा के फैसले और रंधावा के सख्त रुख के बाद यह देखा जाएगा कि कांग्रेस आगामी चुनावों में एकजुट होकर मैदान में उतर पाती है या नहीं।
राजस्थान कांग्रेस की राजनीति में बदलाव की लहर तेजी से बढ़ रही है। पार्टी में चल रही उठा-पटक के बाद बदलाव की बातें तेज हो गई हैं। डोटासरा के विधानसभा में न जाने का निर्णय और रंधावा के पार्टी अनुशासन को लेकर दिए गए बयान से यह स्पष्ट है कि कांग्रेस को अब एक नई दिशा में आगे बढ़ने की आवश्यकता है। यह समय कांग्रेस के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि राज्य में सत्ता की ओर जाने वाली यह यात्रा नई राजनीतिक दिशा का संकेत देती है।
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