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Rajasthan By-Election Result 2024: देवली उनियारा उपचुनाव! थप्पड़ कांड के बाद सियासी समीकरणों में बड़ा बदलाव, किसका चमकेगा सितारा?

Rajasthan By-Election Result 2024: राजस्थान की सियासत में 13 नवंबर को सम्पन्न हुए सात विधानसभा सीटों के उपचुनाव ने राजनीतिक हलचल को नए मोड़ पर ला खड़ा किया है। (Rajasthan By-Election Result 2024)आगामी 23 नवंबर को घोषित होने वाले परिणामों की...
12:58 PM Nov 22, 2024 IST | Rajesh Singhal

Rajasthan By-Election Result 2024: राजस्थान की सियासत में 13 नवंबर को सम्पन्न हुए सात विधानसभा सीटों के उपचुनाव ने राजनीतिक हलचल को नए मोड़ पर ला खड़ा किया है। (Rajasthan By-Election Result 2024)आगामी 23 नवंबर को घोषित होने वाले परिणामों की प्रत्याशा में, सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है। विशेषकर टोंक जिले के समरावता गांव में कांग्रेस के बागी नरेश मीणा के थप्पड़ कांड ने देवली उनियारा विधानसभा सीट पर राजनीतिक पारे को चढ़ा दिया है। इस घटना ने इस सीट के सियासी समीकरणों को बदलकर रख दिया है, और राजनीतिक विश्लेषक इस उपचुनाव के संभावित परिणामों को लेकर जोड़-गुणा में लगे हुए हैं।

आइए, इस रिपोर्ट के माध्यम से देवली उनियारा विधानसभा सीट के सियासी समीकरण और संभावित एग्जिट पोल का विश्लेषण करते हैं और जानते हैं कि इस थप्पड़ कांड के बाद उपचुनाव के परिणाम किस ओर जा सकते हैं।

थप्पड़ कांड के बाद कितना बदलाव होगा समीकरणों में?

राजस्थान में समरावता गांव में हुए थप्पड़ कांड और उसके बाद की हिंसा की गूंज अभी तक सुनाई दे रही है। कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने के बाद सचिन पायलट के करीबी नरेश मीणा ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय लिया। इस दौरान समरावता गांव की एक मांग को लेकर नरेश ने इतना बड़ा बवाल खड़ा कर दिया। अब आगामी चुनाव परिणाम को लेकर सियासी पारे में हलचल मची हुई है। राजनीतिक विश्लेषक अपने-अपने कयास लगाकर चुनाव परिणाम की समीकरणों को समझने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में सवाल उठता है कि नरेश मीणा के थप्पड़ कांड से किसकी सियासत चमकेगी और किसका चुनाव में भाग्य उदय होगा?

मीणा समाज ने नरेश को लेकर दिखाया अपना क्रेज

नरेश मीणा ने देवली उनियारा विधानसभा सीट से पहले कांग्रेस से टिकट मांगा, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला। हालांकि, उन्होंने एक बार तो चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था, लेकिन फिर से उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया। उन्होंने अपने चुनाव प्रचार में टोंक सांसद हरीश मीणा पर अपने टिकट काटने का आरोप लगाया और जमकर कोसा। दूसरी ओर, कांग्रेस से भी कस्तूर चंद मीणा उम्मीदवार के रूप में खड़े हुए हैं। उपचुनाव के दौरान मीणा समाज के लोगों में नरेश मीणा का काफी क्रेज देखने को मिला है। कयास लगाए जा रहे हैं कि नरेश कांग्रेस के मीणा वोटर्स पर सेंध लगा सकते हैं, जिससे कांग्रेस को नुकसान और बीजेपी को फायदा हो सकता है।

जातिगत समीकरण से समझिए, किसे पहुंच सकता है फायदा?

देवली उनियारा विधानसभा सीट मीणा और गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र है, जहां मीणा समाज के करीब 52,000 और गुर्जर समाज के लगभग 44,000 वोटर्स हैं। यहां से कांग्रेस के कस्तूर चंद मीणा और निर्दलीय नरेश मीणा के चुनाव में होने से मीणा वोटर्स में बंटवारे की संभावना बताई जा रही है। अगर ऐसा हुआ, तो कांग्रेस को इसका नुकसान हो सकता है, क्योंकि मीणा समाज कांग्रेस का वोट बैंक माना जाता है। ऐसी स्थिति में बीजेपी के राजेंद्र गुर्जर को फायदा हो सकता है और उनकी राह आसान हो सकती है।

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