Rajasthan By-Election 2024: खींवसर से हनुमान बेनीवाल ने पत्नी पर लगाई बाजी, जानिए कौन है कनिका बेनीवाल?
Rajasthan By-Election 2024: कनिका बेनीवाल की राजनीति में एंट्री एक नया और रोमांचक मोड़ लेकर आई है, जो न केवल उनके परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाएगी, बल्कि राजस्थान की सियासत में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन का संकेत भी है। हनुमान बेनीवाल, जो खुद एक मजबूत नेता हैं, ने अपनी पत्नी को चुनावी मैदान में उतारकर न केवल पारिवारिक संबंधों को राजनीति में प्रमुखता दी है, बल्कि चुनावी समीकरणों को भी नई दिशा दी है।
आरएलपी द्वारा कनिका का चयन करना न केवल पार्टी के लिए एक सशक्त कदम है, बल्कि यह महिलाओं के राजनीतिक प्रतिनिधित्व को भी उजागर करने का एक अद्वितीय अवसर है। कनिका की उम्मीदवारी यह सिद्ध कर सकती है कि महिला शक्ति चुनावी राजनीति में एक निर्णायक भूमिका निभा सकती है। उनकी यात्रा से यह साफ होता है कि अब महिलाएं सिर्फ राजनीतिक परिवारों का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि वे खुद को प्रभावी रूप से राजनीतिक लड़ाई में शामिल कर रही हैं।
क्या कनिका अपने पति की तरह खींवसर में जीत हासिल करेंगी? यह सवाल न केवल स्थानीय राजनीति में हलचल पैदा करेगा, बल्कि पूरे राजस्थान की राजनीतिक परिदृश्य को भी प्रभावित करेगा। इस चुनाव में उनके चुनावी अभियान और रणनीतियों की सफलता न केवल आरएलपी के लिए महत्वपूर्ण होगी, बल्कि यह दर्शाएगी कि महिलाओं की आवाज और नेतृत्व चुनावी राजनीति में कितनी महत्वपूर्ण हो सकती है। कनिका बेनीवाल की यह यात्रा एक नई प्रेरणा देने वाली है, जो सभी की नज़रें खींचने में सफल हो रही है।
कनिका बेनीवाल... एक नई राजनीतिक पहचान की ओर
पारिवारिक पृष्ठभूमि
कनिका बेनीवाल का जन्म श्री गंगानगर जिले के सरदारपुरा गांव में हुआ, जहां उनके पिता कृष्ण गोदारा एक प्रतिष्ठित परिवार से हैं। कनिका ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा यहीं से प्राप्त की, जिससे उन्हें सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों की समझ विकसित करने में मदद मिली।
शिक्षा और विवाह
कनिका ने उच्च शिक्षा के लिए उदयपुर की मोहन लाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय में दाखिला लिया, जहां से उन्होंने बीएससी की डिग्री हासिल की। उनका जीवन तब एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंचा जब उन्होंने 2009 में नागौर जिले के खींवसर विधानसभा के विधायक हनुमान बेनीवाल से शादी की। इस समय हनुमान बेनीवाल भाजपा के प्रतिनिधि के तौर पर पहली बार विधायक बने थे, और उनका राजनीतिक सफर उस वक्त शुरू हुआ जब उन्होंने 2008 में विधानसभा में कदम रखा।
परिवार और राजनीतिक दृष्टिकोण
कनिका और हनुमान बेनीवाल के दो बच्चे हैं,पुत्री दिया बेनीवाल और पुत्र आशुतोष बेनीवाल। हनुमान बेनीवाल पिछले पांच वर्षों से राजनीति में सक्रिय हैं, जिससे परिवार के साथ उनका समय सीमित हो गया है। लेकिन कनिका इस बात को सहजता से स्वीकार करती हैं, कहती हैं, "मेरे पति किसानों के अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं। किसान सभी के लिए अन्नदाता होते हैं, और उनके लिए लड़ाई लड़ना मेरे लिए गर्व की बात है।"
राजनीतिक परिप्रेक्ष्य
कनिका बेनीवाल की राजनीति में एंट्री न केवल परिवार की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाएगी, बल्कि यह राजस्थान की सियासत में एक नई दिशा भी दे सकती है। हनुमान बेनीवाल के सक्रिय राजनीतिक करियर ने कनिका को इस क्षेत्र में एक प्रभावशाली स्थान दिलाने की संभावनाएं पैदा की हैं। RLP द्वारा उन्हें प्रत्याशी बनाए जाने का फैसला एक रणनीतिक चाल है, जो दिखाता है कि राजनीतिक दल अब पारिवारिक संबंधों का इस्तेमाल करके चुनावी समीकरणों को मजबूत कर रहे हैं।
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