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Rajasthan: राजकुमार रोत बोले! 'बांसवाड़ा में कांग्रेस नेता बीजेपी की कठपुतली बन गए हैं, गठबंधन पर बयान!

Rajasthan By-Election 2024: राजस्थान में सात विधानसभा सीटों पर चल रहे उपचुनाव (Rajasthan By-Election 2024)ने राजनीतिक गर्माहट बढ़ा दी है। खासकर सलूंबर और चौरासी सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय बन चुका है, जहां भारतीय आदिवासी पार्टी (बीएपी), कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी...
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Rajasthan By-Election 2024: राजस्थान में सात विधानसभा सीटों पर चल रहे उपचुनाव (Rajasthan By-Election 2024)ने राजनीतिक गर्माहट बढ़ा दी है। खासकर सलूंबर और चौरासी सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय बन चुका है, जहां भारतीय आदिवासी पार्टी (बीएपी), कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच कांटे की टक्कर हो रही है। सांसद राजकुमार रोत ने इन दोनों सीटों पर जीत का विश्वास व्यक्त किया है और उन्होंने मंत्री बाबूलाल खराड़ी के हालिया बयानों का जोरदार जवाब भी दिया है।

रोत का कहना है कि सरकार ने यहां के युवाओं के प्रति द्वेष भावना से काम किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने समाधान की बजाय बदले की भावना से काम लिया है, जिसके चलते युवा वर्ग नाराज है। उन्होंने युवाओं को उनके संवैधानिक अधिकारों के प्रति जागरूक करने का दावा करते हुए भाजपा और कांग्रेस की नीतियों की सख्त आलोचना की। उनका कहना है कि यहां के युवा अब उनके झूठ को पहचान चुके हैं, और इसका नतीजा यह है कि युवा वर्ग में आक्रोश बढ़ रहा है।

सच्चाई बयां करना मेरी जिम्मेदारी

सच्चाई बयां करना मेरी जिम्मेदारी है, इस बात को सांसद राजकुमार रोत ने अपने हालिया बयान में स्पष्ट किया। मंत्री बाबूलाल खराड़ी द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए रोत ने कहा कि उन्होंने किसी का ठेका नहीं लिया है, लेकिन आदिवासी समुदाय के प्रति अपनी जिम्मेदारी को निभाना जरूरी समझते हैं। उन्होंने खराड़ी के निजी जीवन के बारे में टिप्पणी करते हुए कहा, "अगर बाबूलाल खराड़ी आदिवासी नहीं होते, हिन्दू होते तो वे दो शादी नहीं कर सकते थे। उन्होंने अपने एफिडेविट में लिखा है कि उन पर हिंदू विवाह अधिनियम लागू नहीं होता है।"

कांग्रेस का समर्थन और जीत का विश्वास

राजकुमार रोत ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के समर्थन के महत्व पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा, "मेरी जीत के मार्जिन में कांग्रेस की भूमिका जरूर है। लेकिन यह कहना गलत है कि बिना कांग्रेस के समर्थन के हम जीत नहीं सकते।" उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि भाजपा में चुनाव लड़ाने के लिए कांग्रेस के नेताओं को ले जाने की जरूरत क्यों पड़ी, यह दिखाता है कि वे डरे हुए थे।

गठबंधन की आवश्यकता पर सवाल

गठबंधन के बारे में अपने विचार साझा करते हुए रोत ने कहा, "कांग्रेस के स्थानीय नेता भाजपा के इशारे पर काम करते हैं। पिछली बार आलाकमान के निर्देश के बावजूद उन्होंने हमें समर्थन नहीं किया। हालांकि, हमें विश्वास है कि हम गठबंधन के बिना भी जीत सकते हैं।" नरेश मीणा के लिए प्रचार करने के सवाल पर उन्होंने कहा, "नरेश मीणा ने हमसे समर्थन मांगा था, इसलिए हम उनका समर्थन कर रहे हैं। मैं दोनों सीटों पर प्रचार में व्यस्त हूं, लेकिन प्रयास करूंगा कि उनके प्रचार में जाऊं।"

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