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Rajasthan: चारौसी विधानसभा में सियासी जंग तेज! पार्टियों के भीतर क्या चल रहा है? जानिए रहस्य!

Rajasthan By-Election 2024: राजस्थान की राजनीति में एक नया मोड़ आ गया है, जहां चौरासी विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए त्रिकोणीय मुकाबला खड़ा हो गया है। (Rajasthan By-Election 2024)इस सीट ने पहले ही भाजपा को मात देकर भारत आदिवासी...
07:10 PM Nov 04, 2024 IST | Rajesh Singhal

Rajasthan By-Election 2024: राजस्थान की राजनीति में एक नया मोड़ आ गया है, जहां चौरासी विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए त्रिकोणीय मुकाबला खड़ा हो गया है। (Rajasthan By-Election 2024)इस सीट ने पहले ही भाजपा को मात देकर भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के राजकुमार रोत को जीत दिलाई थी, लेकिन अब जब रोत सांसद बन गए हैं, तो यह सीट फिर से चर्चा में आ गई है। उपचुनाव के इस ताजा समीकरण में न केवल BAP, बल्कि भाजपा और कांग्रेस भी पूरी ताकत के साथ मैदान में हैं।

तीनों पार्टियों के बीच घमासान चुनावी जंग की बुनियाद तैयार हो चुकी है, और अब सभी अपने-अपने दांव-पेंच में जुट गई हैं। चौरासी की सीट न केवल BAP के लिए अपने पिछले रिकॉर्ड को बनाए रखने की चुनौती है, बल्कि भाजपा और कांग्रेस के लिए भी यह अवसर है अपनी खोई हुई जमीन को वापस पाने का। अब देखना यह है कि इस राजनीतिक खेल में कौन सा दल जीत की रेखा को पार करता है और कौन सा केवल गुणा-गणित में उलझ कर रह जाता है

चौरासी विधानसभा सीट: चुनावी हलचल के बीच बुनियादी मुद्दे

चौरासी विधानसभा सीट पर अब सबकी निगाहें टिकी हैं। हाल के कुछ सालों में इस सीट ने राजनीतिक रूप से खूब हलचल पैदा की है, जिससे यह एक हॉट सीट बन गई है।

हालांकि फसल कटाई के मौसम में जनता चुनावी सभाओं से दूर है, लेकिन फले और ढाणियों में हर कोई जीत-हार का गुणा-गणित लगा रहा है। उम्मीदवार भी लोगों को रिझाने में जुटे हैं, और पार्टियों ने अपने दिग्गज नेताओं को प्रचार की जिम्मेदारी सौंपी है।

BAP के अनिल कटारा: राजकुमार रोत का सहारा

डूंगरपुर की चौरासी सीट राजकुमार रोत के सांसद बनने से खाली हुई है। वे पिछली दो बार से यहां से विधायक थे और 2023 के चुनाव में प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी जीत दर्ज कर विधानसभा पहुंचे थे।

अब उपचुनाव के लिए आदिवासी पार्टी ने यहां अनिल कटारा को उम्मीदवार बनाया है। अनिल अभी जिला परिषद के सदस्य हैं और पार्टी राजकुमार रोत के कामकाज, आदिवासी पहचान और अस्मिता की राजनीति के सहारे मैदान में है। अनिल को उम्मीद है कि BAP इस बार भी 2023 के चुनाव की तरह ही जीत दर्ज करेगी।

बीजेपी का डबल इंजन का सहारा

बीजेपी इस सीट पर BAP की उम्मीदों पर पानी फेरने की तैयारी में है। आदिवासी नेता और मौजूदा सरकार में जनजातीय क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी यहां आदिवासियों के बीच जाकर उन्हें डबल इंजन की सरकार में बीजेपी विधायक होने के फायदे गिना रहे हैं। बीजेपी ने यहां सीमलवाड़ा के प्रधान कारीलाल निनोमा को उम्मीदवार बनाया है, जो अपनी सभाओं में BAP पर आदिवासी युवाओं को गुमराह करने का आरोप लगाते हैं। उनका कहना है कि आदिवासी इस बार बीजेपी के साथ जाएंगे।

कांग्रेस के महेश रोत: युवाओं से उम्मीद

दोनों पार्टियों के बीच कांग्रेस भी इस सीट की लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने की जुगत में है। कांग्रेस ने यहां से युवा चेहरे और सरपंच महेश रोत को उम्मीदवार बनाया है।

महेश छात्रसंघ अध्यक्ष रह चुके हैं और यूथ कांग्रेस के महासचिव भी रहे हैं। हालांकि, कांग्रेस के कुंद पड़े संगठन के भरोसे सीट जीतना आसान नहीं है। बावजूद इसके, महेश युवाओं के भरोसे जीत का दावा कर रहे हैं।

वोटरों का समीकरण: आंकड़े और उम्मीदें

चौरासी विधानसभा क्षेत्र में कुल 2,55,401 मतदाता वोट डालेंगे, जिसमें 1,30,637 पुरुष और 1,24,763 महिला मतदाता शामिल हैं। चुनाव आयोग ने इसके लिए 244 मुख्य और 7 सहायक बूथ बनाए हैं। तीनों पार्टियों के दावे और वादे के बीच जनता के बुनियादी मुद्दे कम ही सुनाई देते हैं।

इलाके के लोग अभी भी सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं, और पानी की समस्या काफी गंभीर है। ऐसे में चुनावी माहौल में यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन सी पार्टी इन मुद्दों को प्राथमिकता देती है और जनता का विश्वास जीतने में सफल होती है।

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