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Rajasthan: चौरासी उपचुनाव में सरकारी कर्मचारियों के चुनाव प्रचार का आरोप! 42 कर्मचारी घेरे में

Rajasthan By-Election 2024: (मृदुल पुरोहित)। राजस्थान में विधानसभा उपचुनाव का माहौल गर्मा चुका है। सात सीटों पर होने वाले इस चुनाव के लिए प्रत्याशियों और उनके समर्थकों ने प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है। (Rajasthan By-Election 2024)खासकर वागड़ अंचल...
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Rajasthan By-Election 2024: (मृदुल पुरोहित)। राजस्थान में विधानसभा उपचुनाव का माहौल गर्मा चुका है। सात सीटों पर होने वाले इस चुनाव के लिए प्रत्याशियों और उनके समर्थकों ने प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है। (Rajasthan By-Election 2024)खासकर वागड़ अंचल की चौरासी सीट पर स्थिति बेहद दिलचस्प हो गई है।

चुनाव प्रचार में समर्थकों के साथ-साथ कुछ सरकारी कर्मचारी भी मैदान में उतर आए हैं, जिससे निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर दो प्रत्याशियों ने जिला निर्वाचन अधिकारी को एक सूची सौंपते हुए आरोप लगाया कि कुछ सरकारी कर्मचारी चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित कर रहे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी ने तत्काल रिटर्निंग अधिकारी से रिपोर्ट तलब कर ली है।

चौरासी विधानसभा सीट पर सरकारी कर्मचारियों का चुनाव प्रचार में आरोप

चौरासी विधानसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), कांग्रेस और भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के बीच मुख्य मुकाबला है। हालांकि, निर्दलीय प्रत्याशी जीवराम आमलिया और प्रवेश कुमार ने जिला निर्वाचन अधिकारी से शिकायत की है कि सरकारी कर्मचारी भारत आदिवासी पार्टी के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं।

42 सरकारी कर्मचारियों की सूची की गई शिकायत में शामिल

इन निर्दलीय प्रत्याशियों ने चौरासी क्षेत्र के सीमलवाड़ा, झौंथरी और चीखली ब्लॉकों में तैनात 42 सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ शिकायत दी है। इनमें चार शिक्षिकाएं और दो नर्स भी शामिल हैं। आरोप है कि ये कर्मचारी आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन कर चुनाव प्रचार में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं, जो नियमों के खिलाफ है।

रिटर्निंग अधिकारी को रिपोर्ट भेजने के निर्देश

शिकायत के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी अंकित कुमार सिंह ने रिटर्निंग अधिकारी से रिपोर्ट मांगी है। इस रिपोर्ट में संबंधित कर्मचारियों का विवरण और तथ्यात्मक जानकारी जुटाने के लिए तहसीलदार, विकास अधिकारी, शिक्षा अधिकारी और थाना प्रमुखों को निर्देशित किया गया है। इस मामले पर चुनाव आयोग के निर्देशानुसार कार्रवाई की जा रही है, जिससे यह चुनावी प्रक्रिया पूरी तरह से निष्पक्ष बनी रहे।

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