Rajasthan: हनुमान बेनीवाल ने दिव्या मदेरणा पर साधा निशाना!कहा- 'गहलोत के सामने ठुमके लगाकर मांगते थे वोट!
Rajasthan By-Election 2024:राजस्थान के खींवसर विधानसभा क्षेत्र में आगामी उपचुनावों को लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। हनुमान बेनीवाल ने 2019 के विधानसभा चुनाव को लेकर एक विवादित बयान दिया है। (Rajasthan By-Election 2024)उन्होंने कहा कि "2019 में अशोक गहलोत और उनके बेटों के सामने दिव्या मदेरणा और उनका पूरा परिवार ठुमके लगा रहा था, जबकि गहलोत ने दिव्या के पिता को जेल भेजा था।" यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और चर्चा का विषय बना हुआ है।
दूसरी ओर, दिव्या मदेरणा ने हाल ही में लोहावट विधानसभा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए हनुमान बेनीवाल का नाम लिए बिना तंज कसा। उन्होंने कहा, "नागौर और खींवसर में पिछले चुनावों के दौरान किस तरह की स्थिति थी, और इस बार हालत और भी खराब हैं। लोग सुबह 4 बजे तक उनके पैर पकड़ने के लिए मजबूर हो रहे हैं।"
यह बयानबाजी अब चुनावी माहौल को और गरमा सकती है, क्योंकि दोनों नेता एक-दूसरे पर तीखे हमले कर रहे हैं। राजस्थान की राजनीति में यह मामला अब एक नई दिशा में बढ़ता दिखाई दे रहा है।
"राजनीति में स्वाभिमान से काम किया, समझौते नहीं होंगे!"
राजस्थान की राजनीति में एक नई बहस छिड़ी है, जब दिव्या मदेरणा ने अपने ताजा बयान में साफ किया कि उन्होंने राजनीति में कभी किसी से समझौता नहीं किया। लोहावट विधानसभा में एक जनसभा के दौरान दिव्या ने कहा, "मैंने हमेशा स्वाभिमान के साथ राजनीति की है, और मैं किसी भी हाल में समझौता नहीं करूंगी। मेरे दादा और पिता ने हमेशा किसानों के हित में काम किया और यही मेरी पहचान है।"
"नेगेटिव पॉलिटिक्स का नहीं, हम नया कारवां लाएंगे!"
दिव्या मदेरणा ने बिना नाम लिए हनुमान बेनीवाल के खिलाफ तीखा हमला किया। उन्होंने कहा, "कभी भी मैंने यह नहीं कहा कि हम चुनाव हारेंगे, और न ही हम किसी के पैर पकड़ने के लिए राजनीति करते हैं। हम नया कारवां लाएंगे, नया विकास कार्य लाएंगे, और जब चुनाव आएंगे, तो हम खुद उठेंगे, किसी से पैर नहीं पकड़ेंगे।"
"जो भाग्य में लिखा होगा, वह होकर रहेगा!"
अपने भाषण में दिव्या ने राजनीति की उच्चतम नैतिकता की बात की। उन्होंने कहा, "हम जनता के बीच जाएंगे, उनसे संवाद करेंगे। जो भाग्य में लिखा होगा, वही होकर रहेगा, लेकिन मैं राजनीति में कभी भी समझौता नहीं करूंगी।" साथ ही, उन्होंने लोहावट की जनता से अपील करते हुए कहा, "अपने भविष्य से समझौता मत करो, एकता बनाओ और हर नेता तुम्हारी कदर करेगा। अगर ऐसा न हो, तो मेरा नाम बदल देना।"
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