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विधानसभा में घमासान! रविंद्र भाटी बोले- मुकदमों से सच्चाई नहीं दबेगी, कौन है असली गुनहगार?

Rajasthan Budget Session: राजस्थान की सियासत में एक बार फिर सरकार बनाम जनता का मुद्दा गरमाने लगा है। निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने विधानसभा में राज्य सरकार और सोलर कंपनियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने सीधे-सीधे सवाल किया...
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Rajasthan Budget Session: राजस्थान की सियासत में एक बार फिर सरकार बनाम जनता का मुद्दा गरमाने लगा है। निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने विधानसभा में राज्य सरकार और सोलर कंपनियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने सीधे-सीधे सवाल किया कि "क्या मुकदमों से हमें डरा दोगे, दबा दोगे?"

भाटी ने कहा कि सरकार उद्योगपतियों के हाथों की कठपुतली बन गई है और (Rajasthan Budget Session)राजस्थान के किसानों और युवाओं के हितों की बलि चढ़ाई जा रही है। उन्होंने सोलर और विंड पावर प्रोजेक्ट्स को राज्य की जनता के लिए ‘घातक सौदा’ करार दिया और कहा कि सरकार को सिर्फ कॉरपोरेट कंपनियों की चिंता है, जनता की नहीं।

 उद्योगपतियों की जेब भर रही सरकार?

विधानसभा में बहस के दौरान भाटी ने कहा कि राजस्थान सरकार अक्षय ऊर्जा के नाम पर सिर्फ उद्योगपतियों को फायदा पहुंचा रही है। पश्चिमी राजस्थान में बड़े-बड़े सोलर और विंड पावर प्रोजेक्ट्स तो लगाए जा रहे हैं, लेकिन उनसे पैदा होने वाली बिजली राज्य के लोगों को नहीं मिल रही। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि "हमारी बिजली तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और दूसरे राज्यों को बेची जा रही है, लेकिन हमारे किसान बिजली के लिए तरस रहे हैं। पहले अपने राज्य के किसानों को बिजली दो, फिर दूसरे राज्यों को बेचो।"

 गायों और किसानों का क्या होगा?

विधायक भाटी ने ओरण और गोचर भूमि पर कब्जे को लेकर सरकार को घेरा। उन्होंने आरोप लगाया कि जो थोड़ी बहुत ओरण और गोचर भूमि बची थी, उसे भी मल्टीनेशनल कंपनियों के चरणों में रख दिया गया। उन्होंने कहा, "ओरण और गोचर हमारी संस्कृति का हिस्सा हैं। यहां की जमीन पर हमारी गायें पलती हैं, लेकिन सरकार ने उन्हें कॉरपोरेट्स को सौंप दिया। अब बताइए, जब गोचर ही नहीं रहेगा तो हमारी गौ माता कहां जाएगी?"भाटी ने सरकार से सवाल किया कि क्या राजस्थान की ओरण भूमि सिर्फ उद्योगपतियों के लिए है? क्या सरकार किसानों और ग्रामीणों की कोई जिम्मेदारी नहीं समझती?"

रोजगार के नाम पर सिर्फ धोखा

भाटी ने सोलर कंपनियों में रोजगार को लेकर भी सरकार को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा, "कंपनियों ने वादा किया था कि सोलर प्लांट्स से स्थानीय युवाओं को हजारों नौकरियां मिलेंगी। लेकिन हकीकत यह है कि सोलर प्लांट्स में सिर्फ दो गार्ड तैनात किए जाते हैं।"उन्होंने तंज कसते हुए कहा, "पहले सोलर प्लेट्स साफ करने के लिए भी कुछ लोग रखे जाते थे, लेकिन अब वहां रोबोट काम कर रहे हैं। आखिर यह कैसा विकास है, जहां इंसान की कोई जरूरत ही नहीं रह गई?"उन्होंने सरकार से मांग की कि "सोलर और विंड पावर प्लांट्स में 75% स्थानीय युवाओं को नौकरी में आरक्षण दिया जाए। अगर सरकार यह लागू नहीं कर सकती, तो फिर इन प्रोजेक्ट्स को राजस्थान में लाने का क्या फायदा?"

सरकार का जंगलों पर हमला

विधायकभाटी ने सरकार पर पर्यावरण विनाश का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सोलर पावर प्लांट्स के लिए राजस्थान में लाखों खेजड़ी के पेड़ काटे जा चुके हैं। उन्होंने कहा, "एक तरफ सरकार हरियाली बचाने की बात करती है, मां के नाम पर एक पेड़ लगाने के लिए कहती है, लेकिन दूसरी तरफ हजारों-लाखों पेड़ कॉरपोरेट कंपनियों के लिए काट दिए जा रहे हैं।" भाटी ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने समय रहते कदम नहीं उठाए, तो राजस्थान की जनता सरकार को उखाड़ फेंकने में देर नहीं लगाएगी।

 सरकार कर रही अनदेखी

भाटी ने दावा किया कि जहां सोलर और विंड पावर प्लांट्स लगाए जा रहे हैं, वहां 500 मीटर की परिधि में इंसानों के लिए खतरनाक स्थितियां बन रही हैं। उन्होंने कहा, "इन इलाकों में भविष्य में रहना मुश्किल हो जाएगा। जो विधायक, मंत्री और अधिकारी इन प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दे रहे हैं, वे खुद आकर वहां रहकर दिखाएं। अगर वे एक हफ्ता भी वहां बिना किसी परेशानी के रह लें, तो मैं अपनी बात वापस ले लूंगा।"

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