बूंदी में टाइगर की रहस्यमयी मौत! कांग्रेस ने उठाए गंभीर सवाल, सरकार क्या है छिपा रही?
Rajasthan Budget Session: बूंदी के रामगढ़ टाइगर रिजर्व में गत चार माह के अल्प समय में ही दो टाइगर की मौत और नन्हे शावक के लापता होने के मामले को गुरुवार को विधानसभा में बूंदी से कांग्रेस विधायक हरिमोहन शर्मा ने पुरजोर से उठाते हुए सरकार की तमाम व्यवस्थाओं को आड़े हाथों लेते हुए घटनाओं का जिम्मेदार टाइगर रिजर्व के अधिकारियों को बताया। (Rajasthan Budget Session) विधायक ने सदन को बताया कि तीन माह पहले बाघिन टी 102 की मौत हुई थी।
अधिकारियों को उसकी मौत की जानकारी 12 दिन बाद लगी, जब तक बाघिन का शव कंकाल बन चुका था। टाइगर रिजर्व में बाघों की सुरक्षा और बेहतर मॉनिटरिंग के अभाव में एक टाइगर की फिर से मौत हो गई। विधायक ने विधानसभा में यह भी बताया कि पिछले 2 वर्षों में एक दर्जन के करीब पैंथर की मौत भी हो चुकी है। उस पर भी आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
टाइगर की मौत की जांच करने अधिकारी पहुंची
विधानसभा में विधायक हरिमोहन शर्मा ने बताया कि रामगढ़ टाइगर रिजर्व में तीन माह पूर्व बाघिन टी 102 का कंकाल मिला था। मामले को लेकर सरकार के निर्देश पर एक अधिकारी टाइगर रिजर्व में जांच करने के लिए बूंदी आई थी। विधायक ने सदन में आरोप लगाया कि अफसोस हैं जो अधिकारी पहली बार बूंदी जांच करने आई थी वह रामगढ़ टाइगर रिजर्व में गई ही नहीं थी। यहां तक कि जिस टाइग्रेस का कंकाल मिला था उसने तीन शावकों को भी जन्म दिया था। लेकिन उसके बाद से आज तक एक शावक लापता है। इस मामले में भी विभाग के अधिकारियों के पास कोई जवाब नहीं है।
रामगढ़ में भी छोड़े जाए पर्याप्त जानवर
विधानसभा में विधायक हरिमोहन शर्मा ने कहा कि रामगढ़ टाइगर रिजर्व हमारी लाइफ लाइन हैं। तमाम प्रयासों के बाद इसे हरी झंडी मिली है। अब लगातार टाइगर की मौत होना सही नहीं है। इसकी प्रॉपर मॉनिटरिंग होनी चाहिए। दोषी अधिकारी कर्मचारियों पर कार्यवाही हो। यहां तक कि रणथंभोर टाइगर रिजर्व के मुकाबले पर्याप्त संख्या में रिजर्व में जानवर छोड़े जाने चाहिए। ताकि वहां मौजूद टाइगर को भरपूर खाद्य पदार्थ मिल सके।
4 माह में दो टाइगर, 2 साल में 12 पैंथर की मौत चिंता जनक
विधायक हरिमोहन शर्मा ने सदन को बताया कि बूंदी में पिछले 4 माह में 2 टाइगर और 2 वर्ष के भीतर 12 पैंथर की मौत हो चुकी है। जो काफी चिंता के साथ बूंदी के लोगों के लिए बड़ा दुखत है। उन्होंने बताया कि रामगढ़ टाइगर रिजर्व में इतने बड़ी संख्या में जंगली जानवरों की मौत कोई छोटी बात नहीं है। सरकार को इसकी जांच करवाई जानी चाहिए। साथ ही अगर फ्री फाइट में टाइगर की मौत की बात की जा रही है तो दूसरा टाइगर भी घायल हुआ होगा। उसकी जल्द मॉनिटरिंग बढ़ाकर उचित उपचार दिया जाना चाहिए।
(बूंदी से रियाजुल हुसैन की रिपोर्ट)
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