राजस्थान विधानसभा में गहलोत-राजे-पायलट का चुप्पी, बजट सत्र में सवालों की कमी, क्या है वजह?
Rajasthan Assembly Budget Session:राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र में जहां सवालों का तांता लगा हुआ है, वहीं कुछ बड़े राजनीतिक चेहरे इस सत्र में चुप्पी साधे हुए हैं। इस सत्र में 200 में से 167 विधायकों ने अब तक लगभग 9800 सवाल लगाए हैं, लेकिन इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, वसुंधरा राजे और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट सहित कई प्रमुख नेताओं ने एक भी सवाल नहीं पूछा। सवाल यह उठता है कि क्या यह खामोशी सियासी रणनीति का हिस्सा है (Rajasthan Assembly Budget Session) या फिर इन नेताओं की राजनीति में मौजूद मौजूदा स्थिति का संकेत? इस मामले ने राजस्थान की राजनीति में एक नई हलचल पैदा कर दी है, खासकर जब यह देखा जा रहा है कि कई विधायकों ने सवालों की तय सीमा को भी पूरा नहीं किया।
क्या खामोशी सियासी रणनीति है?
गहलोत, पायलट और राजे के अलावा अन्य बड़े नेताओं ने इस सत्र में एक भी सवाल नहीं पूछा। इसने राजनीति में हलचल मचा दी है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह एक सियासी रणनीति हो सकती है, जबकि कुछ का कहना है कि ये नेता वर्तमान में अपनी पार्टी के आंतरिक मुद्दों से जूझ रहे हैं और इस कारण विधानसभा में सक्रिय नहीं हो पा रहे हैं। सत्र में सवाल पूछने की तय सीमा तक पहुंचने वाले विधायकों में भी गिरावट आई है। 36 विधायकों ने इस सीमा को पूरा किया, जबकि 131 विधायकों ने इसका पालन नहीं किया। 14 विधायक ऐसे थे जिन्होंने 10 से भी कम सवाल पूछे, जिनमें से कई ने तो एक-दो सवाल ही पूछे हैं।
14 विधायकों ने 10 से भी कम लगाए सवाल
दर्शन सिंह- 09,रीटा चौधरी- 09,सिद्धी कुमारी- 09,वीरेन्द्र सिंह- 09,शोभारानी कुशवाह- 08,विश्वराज सिंह मेवाड़- 08,अशोक चांदना- 07
सुभाष मील- 07,शैलेश सिंह- 06,सुरेन्द्र सिंह राठौड़- 06,राजेन्द्र गुर्जर- 06,अनिता जाटव- 01,दीपचंद खैरिया- 01,ललित यादव- 01।
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