100 करोड़ फूंक दिए, लेकिन IIFA में नहीं दिखा वो जलवा! जूली ने सरकार पर साधा निशाना!
Rajasthan Assembly Budget Session 2025: राजस्थान विधानसभा में एप्रोप्रिएशन बिल पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने IIFA अवॉर्ड्स पर सरकारी खर्च को लेकर तीखे सवाल दागे। उन्होंने सरकार पर धार्मिक आस्थाओं की उपेक्षा और जनता के पैसे की बर्बादी का आरोप लगाया। जूली ने कहा कि जब धार्मिक स्थलों के विकास के लिए 100 करोड़ रुपए नहीं दिए गए, तो IIFA जैसे इवेंट पर इतनी बड़ी रकम क्यों खर्च की गई?
टीकाराम जूली ने सरकार से पूछा कि क्या IIFA का आयोजन राजस्थान के प्रमोशन के लिए था या सिर्फ एक बाहरी आयोजन को भव्य बनाने के लिए? उन्होंने आरोप लगाया कि 7 लाख रुपए तक के गोल्डन पास मंत्रियों को भी नहीं मिले, लेकिन जनता की गाढ़ी कमाई से बांटे गए।
नेता प्रतिपक्ष ने यह भी कहा कि इस इवेंट में बॉलीवुड के 'ए-लिस्ट' सितारों की उपस्थिति नाममात्र रही। "पहली कतार के सिर्फ शाहरुख खान थे, बाकी सभी दूसरी श्रेणी के कलाकार थे," जूली ने तंज कसा। (Rajasthan Assembly Budget Session 2025) उन्होंने यह भी कहा कि IIFA के प्रचार में किन लोगों को प्रमुखता दी गई, यह किसी से छिपा नहीं है। IIFA अवॉर्ड्स को लेकर विधानसभा में सत्ता और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली। जहां सरकार इसे राजस्थान की ब्रांडिंग का जरिया बता रही है, वहीं विपक्ष इसे जनता के पैसों की बर्बादी करार दे रहा है। अब देखना यह होगा कि इस मुद्दे पर सरकार क्या जवाब देती है और यह विवाद कितना आगे बढ़ता है।
खास लोगों के लिए खुले सीएम हाउस के दरवाजे
टीकाराम जूली ने कहा कि मुख्यमंत्री निवास के दरवाजे आम लोगों के लिए बंद कर दिए गए हैं। गरीबों और जरूरतमंदों की वहां कोई पहुंच नहीं है, लेकिन 'खास लोगों' के लिए ये दरवाजे हमेशा खुले रहते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपील की कि वे मीठी-मीठी बातें करने वालों से सतर्क रहें और जनता की समस्याओं पर ध्यान दें।
जूली ने सरकार की आर्थिक नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में हर राजस्थानी पर औसतन एक लाख रुपए का कर्ज चढ़ चुका है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि महिला वित्त मंत्री होने के बावजूद महिलाओं के लिए चलाई गई स्मार्टफोन योजना को बंद कर दिया गया, जबकि डिजिटल क्रांति से अर्थव्यवस्था को फायदा होता।
सोनू निगम को इन्वेस्टर समिट में बुलाया, IIFA में नहीं
जूली ने IIFA अवॉर्ड्स में सिंगर सोनू निगम को न बुलाए जाने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि एक महीने पहले हुए इन्वेस्टर समिट में सोनू निगम को बुलाया गया था, लेकिन IIFA में उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया। जूली ने तंज कसते हुए कहा कि ऐसा क्या बदल गया कि एक ही राज्य सरकार ने अलग-अलग इवेंट में अलग-अलग निर्णय लिए?
जूली ने सरकार पर विपक्ष की उपेक्षा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रयागराज कुंभ में सरकार के मंत्री और अधिकारी गए, लेकिन विपक्ष को साथ नहीं ले जाया गया। जूली ने कटाक्ष करते हुए कहा, "हमने तो पाप किए नहीं हैं, पहले आप अपने पाप धो लीजिए।"
शिक्षा मंत्री को उर्दू से नफरत
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राज्य के शिक्षा मंत्री को उर्दू से विशेष चिढ़ है। उन्होंने यह भी कहा कि 'दिलावर' शब्द की उत्पत्ति अरबी और फारसी भाषा से हुई है, और हो सकता है कि अब इस पर भी कोई कमेटी बैठानी पड़ जाए। जूली ने आरोप लगाया कि शिक्षा मंत्री अंग्रेजी स्कूलों को बंद करने की योजना बना रहे हैं, जिससे राज्य में शिक्षा का स्तर प्रभावित होगा। टीकाराम जूली के इन बयानों के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। अब देखना होगा कि सरकार इन आरोपों का क्या जवाब देती है।
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