राजस्थान विधानसभा में टूटा गतिरोध, CM भजनलाल बोले...कोई माफी ना मांगे...मैं माफी मांगता हूं
Rajasthan Assembly Budget Session 2025: राजस्थान विधानसभा में पिछले सात दिनों से जारी गतिरोध आखिरकार समाप्त हो गया। सत्ता और विपक्ष के बीच जारी इस सियासी खींचतान ने प्रदेश की राजनीति को गर्मा दिया था। सदन में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने गोविंद सिंह डोटासरा की विवादित टिप्पणी के लिए खेद व्यक्त करते हुए माफी मांगी। उन्होंने स्वीकार किया कि यह टिप्पणी आसन की गरिमा के अनुकूल नहीं थी।
इस घटनाक्रम ने सत्ता और विपक्ष के रिश्तों को एक नए मोड़ पर ला दिया। एक ओर जहां विपक्ष अपने रुख पर कायम रहा, वहीं मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल से यह गतिरोध समाप्त हो सका।(Rajasthan Assembly Budget Session 2025) जूली ने वार्ता में देरी पर अपनी नाराजगी भी व्यक्त की और कहा कि यदि यह संवाद चार दिन पहले हुआ होता, तो न विपक्ष को सदन में रातें गुजारनी पड़तीं और न ही सड़कों पर धरना देना पड़ता।
जूली का यह बयान सत्ता-विपक्ष के बीच के समीकरणों को दर्शाता है। उन्होंने शायराना अंदाज में कहा— "बिखरी-बिखरी ने तुम अच्छे लगते हो न हम," जिससे यह स्पष्ट हुआ कि लोकतंत्र में पक्ष और विपक्ष दोनों की उपस्थिति अनिवार्य है। इस घटनाक्रम ने एक बार फिर साबित किया कि संवाद और समन्वय लोकतंत्र की सबसे बड़ी शक्ति है।
विपक्ष हमारी ताकत, सभी विधायकों की जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने विधानसभा में विपक्ष की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि सत्ता और विपक्ष दोनों की जिम्मेदारी है कि सदन सुचारू रूप से चले। उन्होंने कहा कि कोई भी जनप्रतिनिधि जनता की भावनाओं के विपरीत नहीं जा सकता। अगर किसी के मुंह से गलत शब्द निकलते हैं, तो उसे भी आत्ममंथन करना पड़ता है। उन्होंने स्पीकर से आग्रह किया कि मंत्री की टिप्पणी को भी सदन की कार्यवाही से हटाया जाए।
विधानसभा के बाहर धरने पर बैठे कांग्रेस विधायक
गुरुवार को कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लिया और परिसर के बाहर धरने पर बैठ गए। प्रश्नकाल की कार्यवाही कांग्रेस की गैरमौजूदगी में चली। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सरकार पर वार्ता से बचने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने खुद मुख्यमंत्री और संसदीय कार्य मंत्री से बातचीत की, लेकिन सरकार गतिरोध खत्म करने को तैयार नहीं दिखी। उन्होंने सत्तारूढ़ दल पर अहंकार में डूबे होने का आरोप लगाया और कहा कि सत्ता पक्ष नहीं चाहता कि विपक्ष अपनी बात सदन में रख सके।
"जनता के मुद्दों पर चर्चा नहीं करना चाहती भाजपा"
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पानी, बिजली, स्वास्थ्य और शिक्षा के मुद्दे सरकार की प्राथमिकता में नहीं हैं, इसलिए वे इस पर चर्चा नहीं करना चाहते। उन्होंने कहा कि अगर सरकार चाहती है तो उन्हें पांच साल के लिए सदन से निष्कासित कर सकती है, लेकिन सदन को सुचारू रूप से चलने देना चाहिए। डोटासरा ने स्पष्ट किया कि उन्होंने पहले ही अपनी टिप्पणी पर खेद जता दिया है, फिर भी सत्ता पक्ष अनावश्यक विवाद खड़ा कर रहा है।
विधानसभा के बाहर कांग्रेस विधायकों ने एक अनूठा विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने अपनी समानांतर विधानसभा लगाई, जिसमें कांग्रेस विधायक घनश्याम मेहर को स्पीकर बनाया गया। विपक्षी विधायकों ने सवाल पूछे, हंगामा किया और सरकार पर तंज कसे, जिस तरह विधानसभा के भीतर कार्यवाही चलती है।
बजट बहस पर वित्त मंत्री दीया कुमारी का जवाब
विधानसभा में बजट बहस पर उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री दीया कुमारी जवाब देंगी। इस दौरान वे कई घोषणाएं कर सकती हैं। बहस के दौरान विभिन्न विधायकों द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों से जुड़ी जो मांगें रखी गई हैं, उन्हें भी इस दौरान शामिल किया जा सकता है।
यदि विधानसभा में गतिरोध नहीं टूटता है, तो बजट बहस पर वित्त मंत्री दीया कुमारी कांग्रेस की गैरमौजूदगी में ही जवाब देंगी। यह राजस्थान विधानसभा के इतिहास में दुर्लभ अवसरों में से एक होगा, जब मुख्य विपक्षी दल की गैरमौजूदगी में वित्त मंत्री बजट बहस का जवाब देंगे। गतिरोध जारी रहा तो नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली का बजट बहस में भाषण भी नहीं होगा।
क्या गतिरोध खत्म होगा या कांग्रेस बिना ही चलेगी बजट कार्यवाही? यह सवाल अब भी बरकरार है, जिसका जवाब आने वाले दिनों में साफ होगा।
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