केंद्र ने राजस्थान के 6 विधेयक वापस किए, राज्यपाल ने विधानसभा को लौटाए, जानिए क्या हुआ
Rajasthan Assembly Bills Rejected by Centre: राजस्थान विधानसभा से पारित कृषि से जुड़े तीन विधेयक सहित कुल छह विधेयकों को केंद्र सरकार ने वापस कर दिया है। इस फैसले से राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है, क्योंकि इनमें से पांच विधेयक कांग्रेस सरकार के समय पारित हुए थे। (Rajasthan Assembly Bills Rejected by Centre)यह कदम राज्यपाल के माध्यम से विधानसभा को लौटाए गए हैं, जिससे सियासी बयानों का दौर शुरू हो गया है। अब सवाल उठ रहे हैं कि केंद्र द्वारा इन विधेयकों को क्यों लौटाया गया और इसके राजनीतिक मायने क्या हैं।
राज्यपाल द्वारा लौटाए गए विधेयकों की सूची
राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े द्वारा विधानसभा में लौटाए गए छह विधेयकों की सूची शुक्रवार को विधानसभा में प्रस्तुत की गई। इनमें से कुछ विधेयक राज्य सरकार के समय पारित हुए थे, और अब केंद्र सरकार द्वारा इन्हें वापस किया गया है। इन विधेयकों में महत्वपूर्ण धर्म स्वातंत्र्य विधेयक, राजस्थान लिंचिंग से संरक्षण विधेयक, और कृषि संबंधी विधेयक शामिल हैं, जिनमें से कृषि विधेयक केंद्र सरकार द्वारा वापस लिए गए तीन विवादित कृषि कानूनों को लेकर थे।
कृषि विधेयक का राजनीतिक प्रभाव
कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) और कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, जिनका उद्देश्य प्रदेश में केंद्र द्वारा वापस लिए गए कृषि कानूनों के प्रभाव को रोकना था, अब केंद्र सरकार द्वारा लौटा दिए गए हैं। इन विधेयकों का औचित्य अब खत्म हो चुका है, क्योंकि केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को वापस ले लिया था।
लिंचिंग...धर्म स्वातंत्र्य विधेयक
राजस्थान लिंचिंग से संरक्षण विधेयक के संबंध में राज्य सरकार का कहना था कि इस विषय में भारतीय न्याय संहिता में पहले ही प्रावधान कर दिए गए हैं, इसलिए इसे वापस मंगवाया गया। वहीं धर्म स्वातंत्र्य विधेयक को नए रूप में लाने की योजना है, जिस कारण इसे भी वापस मंगवाया गया।
विद्युत (शुल्क) विधेयक
राज्य सरकार ने विद्युत (शुल्क) विधेयक को भी वापस मंगवाया है, क्योंकि इसके कुछ प्रावधान पहले से केंद्रीय कानून में मौजूद हैं, और इस कारण इसे पुनः संशोधित किया जा सकता है।