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Rajasthan: 'रेतीला राजस्थान बनेगा सबसे ज्यादा पानी वाला राज्य' PM कल करेंगे PKC-ERCP का शुभारंभ 

पीएम मोदी कल राजस्थान में PKC ERCP प्रोजेक्ट का शुभारंभ करेंगे। इससे पहले केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल का बड़ा बयान आया है।
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PKC ERCP Rajasthan: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल 17 दिसम्बर को जयपुर में PKC-ERCP प्रोजेक्ट का शुभारंभ करेंगे। (PKC ERCP Rajasthan) इससे पहले केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल का बड़ा बयान आया है। उनका कहना है कि राजस्थान में अब जल संकट खत्म होने वाला है। राजस्थान के पास अब सबसे ज्यादा पानी होगा। जो आने वाली 7 पीढ़ियों तक की जरुरत पूरी करेगा।

राजस्थान में जल संकट की जगह वाटर सरप्लस

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने कहा कि राजस्थान के पास अब सबसे ज्यादा पानी होगा। PM मोदी कल 17 दिसम्बर को राजस्थआन के जयपुर में PKC- ERCP प्रोजेक्ट का शुभारंभ करेंगे। इस परियोजना में 11 नदियों को जोड़ा जाएगा। इस प्रोजेक्ट का मकसद जल संकट से जूझते राजस्थान को वाटर सरप्लस बनाना है। केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल ने गुजरात के सूरत में एक कार्यक्रम के दौरान इस प्रोजेक्ट पर बयान दिया।

चंबल और सहायक नदियां आपस में जुड़ेंगी !

ERCP प्रोजेक्ट राजस्थान के विधानसभा चुनावों में प्रमुख मुद्दा रहा था। राजस्थान में भाजपा की सरकार आने के बाद इस प्रोजेक्ट का नाम ERCP से बदलकर PKC- ERCP कर दिया गया है। इस प्रोजेक्ट को लेकर जनवरी से ही राजस्थान और मध्यप्रदेश सरकार तैयारी में जुटी है। इस प्रोजेक्ट को लेकर जल शक्ति मंत्रालय के साथ MoU भी साइन किया गया है। इस प्रोजेक्ट में चंबल और उसकी सहायक नदियों को आपस में जोड़ा जाएगा।

नदियों का सरप्लस पानी से होगा समाधान

PKC- ERCP के तहत राजस्थान में पहला बांध तैयार हो चुका है। यह नोनेरा बांध कोटा के पीपल्दा में काली सिंध नदी  पर बनाया गया है। सितंबर में जल संसाधन विभाग इस बांध की भराव क्षमता की टेस्टिंग भी कर चुका है। बताया जा रहा है कि PKC- ERCP के तहत हाडौती की नदियों के सरप्लस पानी को 170 किलोमीटर दूर जल संकट वाले इलाकों तक पहुंचाया जाएगा। जिससे इन इलाकों में जल संकट का समाधान हो सकेगा।

2 राज्यों के कई जिलों को मिलेगी राहत

PKC- ERCP प्रोजेक्ट से राजस्थान और मध्यप्रदेश के कई जिलों को जल संकट से राहत मिलेगी। इनमें राजस्थान के कोटा, बूंदी, झालावाड़, टोंक, सवाई माधोपुर, गंगापुर, दौसा, करौली, भरतपुर, अलवर सहित 21 जिले हैं। जबकि मध्य प्रदेश के गुना, शिवपुरी, श्योपुर, सीहोर, शाजापुर, राजगढ़, उज्जैन, मंदसौर, मुरैना, रतलाम, ग्वालियर सहित कई जिलों को भी इस प्रोजेक्ट से पानी मिलेगा।

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