कभी पुलिस से हाथापाई, कभी SDM से गुंडागर्दी, कौन है देवली-उनियारा से चुनाव लड़ रहे नरेश मीणा?
Rajasthan By-Election 2024: राजस्थान के टोंक जिले की देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में एक बड़ी राजनीतिक घटना सामने आई है। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा और मालपुरा एसडीएम अमित चौधरी के बीच एक विवाद के बाद माहौल गर्मा गया। दरअसल, एसडीएम और नरेश मीणा के बीच ग्रामीणों की एक मांग को लेकर तीखी बहस हुई, जिसके बाद नरेश मीणा ने तैश में आकर एसडीएम को थप्पड़ मार दिया।
इस घटना के बाद पूरे इलाके में हंगामा मच गया और चुनावी माहौल में तनाव बढ़ गया। यह घटना राजनीति के भीतर बगावती स्वरूप को उजागर करती है, जहां एक निर्दलीय उम्मीदवार द्वारा प्रशासनिक अधिकारी से सीधी टकराव ने क्षेत्रीय राजनीति में नई चर्चा का माहौल पैदा कर दिया है।
थप्पड़ कांड पर नरेश मीणा का आया बड़ा बयान
नरेश मीणा ने कहा - समरावता गांव में जो SDM लगा हुआ है, उसने यहां चुपके से 3 वोट डलवा दिए जिससे यहां की जनता उग्र हो गई थी, अब मैं पुलिस के साथ बैठा हूं और जनता से अपील करता हूं कि आप बेफिक्र होकर मतदान करें. @NareshMeena__… pic.twitter.com/iiPvhfT1VZ
— Rajasthan First (@Rajasthanfirst_) November 13, 2024
तकरार के बाद सियासी सरगर्मी बढ़ी
राजस्थान के देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव में इन दिनों चुनावी माहौल गरमाया हुआ है। टोंक जिले के समरावत गांव के ग्रामीणों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर मतदान का बहिष्कार कर दिया है। उनका आरोप है कि पिछले सरकार ने उनके गांव को उनियारा उपखंड से हटाकर देवली उपखंड में शामिल कर लिया, जिससे वे नाराज हैं। ग्रामीणों की यह पुरानी मांग रही है कि उनका गांव फिर से उनियारा उपखंड में वापस किया जाए।
नरेश मीणा और एसडीएम के बीच बवाल
ग्रामीणों के समर्थन में नरेश मीणा पहुंचे, और जब पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने ग्रामीणों से समझाइश देने की कोशिश की, तो नरेश मीणा और मालपुरा एसडीएम अमित चौधरी के बीच विवाद गहरा गया। इस दौरान तैश में आकर नरेश मीणा ने एसडीएम को थप्पड़ जड़ दिया, जिससे स्थिति और भी तनावपूर्ण हो गई। इस घटना ने चुनावी माहौल में नया मोड़ ला दिया और हंगामा खड़ा कर दिया।
निर्दलीय चुनावी मैदान में उतरे नरेश मीणा
नरेश मीणा पहले कांग्रेस पार्टी से टिकट की मांग कर रहे थे, लेकिन जब उन्हें टिकट नहीं मिला तो उन्होंने पार्टी से बगावत कर दी। इसके बाद कांग्रेस ने उन्हें निष्कासित कर दिया और नरेश मीणा ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतरने का निर्णय लिया। उनकी सियासी प्रतिद्वंदिता अब कांग्रेस और बीजेपी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला बना रही है, और खासकर युवा मतदाता उनके साथ जुड़ते दिखाई दे रहे हैं।
सियासी जंग और जनाधार का संघर्ष
देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र मीणा और गुर्जर बाहुल्य है, जहां कांग्रेस के केसी मीणा और बीजेपी के राजेन्द्र गुर्जर के बीच सियासी मुकाबला चल रहा है। इस क्षेत्र में कांग्रेस के दिग्गज नेता सचिन पायलट का प्रभाव भी है, जो चुनावी समीकरण को और दिलचस्प बना देता है। देवली-उनियारा सीट, जो हरीश मीणा के सांसद बनने के बाद खाली हुई थी, अब उपचुनाव के जरिए अपनी राजनीतिक दिशा तय करेगी।
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