'समरावता हिंसा में बाहरी साजिश का हाथ तो नहीं...' टोंक पहुंचे राष्ट्रीय ST आयोग के सदस्य ने क्या राज खोला?
Naresh Meena News: टोंक जिले के समरावता गांव में देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान हुई हिंसा और आगजनी की घटना ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। इस मामले की जांच के लिए सोमवार को राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य निरुपम चकमा अपनी टीम के साथ दो दिवसीय दौरे पर टोंक पहुंचे।
जिला परिषद सभागार में अधिकारियों के साथ बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए (Naresh Meena News) चकमा ने यह सवाल उठाया कि क्या इस घटना में किसी बाहरी साजिश का हाथ था, और साथ ही यह भी कहा कि यह घटना रोकी जा सकती थी। अब सवाल यह उठता है कि क्या यह हिंसा सिर्फ एक स्थानीय मुद्दा था, या इसके पीछे कहीं और की राजनीति का हाथ था?
#Tonk: समरावता कांड में राष्ट्रीय एसटी आयोग की एंट्री, बाहरी साजिश के एंगल से आयोग करेगा घटनाक्रम की जांच
टोंक के समरावता गांव में देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान हुई हिंसा और आगजनी की जांच के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य निरुपम चकमा अपनी टीम के साथ टोंक… pic.twitter.com/Wrxg9PPDtr
— Rajasthan First (@Rajasthanfirst_) January 14, 2025
आयोग ने की समरावता हिंसा की जांच
देवली-उनियारा उपचुनाव के दौरान टोंक के समरावता मतदान केंद्र पर थप्पड़ कांड के बाद हुई हिंसा, आगजनी, उपद्रव और लाठीचार्ज की घटनाओं की जांच के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग सक्रिय हो गया है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए आयोग के सदस्य निरुपम चकमा ने जिला पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारियों से समरावता प्रकरण की पूरी रिपोर्ट ली।
समरावता गांव का दौरा करेगी टीम
निरुपम चकमा ने बताया कि आयोग की टीम मंगलवार, 14 जनवरी को समरावता गांव का दौरा करेगी। वहां ग्रामीणों के बयान लिए जाएंगे और प्रकरण से जुड़े तथ्यों की पुष्टि की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि आयोग को जो भी शिकायतें मिली हैं, उन पर गंभीरता से विचार किया जाएगा और निष्पक्षता के साथ अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।
आयोग का मकसद पूरे मामले में निष्पक्ष निष्कर्ष देना है
जिला परिषद सभागार में हुई बैठक के दौरान आयोग ने प्रकरण से जुड़े कई वीडियो फुटेज भी देखे और घटनाक्रम की गहन समीक्षा की। मीडियाकर्मियों से बातचीत में निरुपम चकमा ने कहा कि आयोग का उद्देश्य पूरे मामले में निष्पक्ष विचार और निष्कर्ष देना है। उन्होंने यह जानने की कोशिश की कि समरावता में यह घटना क्यों घटी और इसके पीछे के कारणों की तह तक जाने का प्रयास किया जा रहा है।
14 नवंबर को नरेश मीणा की हुई थी गिरफ्तारी
समरावता गांव में 13 नवंबर को देवली-उनियारा सीट पर उपचुनाव के दौरान मतदान का ग्रामीणों द्वारा बहिष्कार किया गया और उसी दौरान तीन वोट डाले जाने के बाद निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने एरिया मजिस्ट्रेट अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया था। इससे पहले ग्रामीणों ने विभिन्न मांगों को लेकर वोटिंग का बहिष्कार शुरू किया था और काफी हंगामा हुआ था। इसी दौरान थप्पड़ कांड हुआ और एसडीएम को थप्पड़ मारने का मामला तूल पकड़ गया और नरेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया गया।
(टोंक से कमलेश कुमार का इनपुट)
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