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शिक्षा मंत्री दिलावर बोले..इस महीने से होंगे टीचर्स के तबादले, लेकिन जानिए इसके पीछे की असली वजह!

Madan Dilawar: राजस्थान में सरकारी शिक्षकों के तबादलों पर लगी रोक ने शिक्षा क्षेत्र में खलबली मचाई हुई है। इस बीच, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बालोतरा में बयान देते हुए कहा कि लोकसभा, विधानसभा चुनाव और उपचुनाव के कारण...
08:47 PM Jan 04, 2025 IST | Rajesh Singhal

Madan Dilawar: राजस्थान में सरकारी शिक्षकों के तबादलों पर लगी रोक ने शिक्षा क्षेत्र में खलबली मचाई हुई है। इस बीच, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बालोतरा में बयान देते हुए कहा कि लोकसभा, विधानसभा चुनाव और उपचुनाव के कारण तबादलों में देरी हुई। उनका कहना था कि अब बोर्ड परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं और 15 मार्च के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से इस मुद्दे पर चर्चा कर शिक्षकों के तबादलों का रास्ता साफ किया जाएगा।

शिक्षक समुदाय के लिए यह खबर बड़ी राहत लेकर आ सकती है, (Madan Dilawar)लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या तबादलों के लिए अब तक का इंतजार सही था? जानिए शिक्षा मंत्री दिलावर ने और क्या कहा इस मामले पर।

चुनावी प्रक्रिया के कारण हुए शिक्षकों के तबादलों में देरी

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर शनिवार को बालोतरा के दौरे पर थे। इस दौरान उन्होंने इलाके के जसोल धाम स्थित मंदिरों में दर्शन किए और पत्रकारों से बातचीत की। शिक्षकों के तबादले के सवाल पर उन्होंने कहा कि राजस्थान में चुनावी प्रक्रिया के कारण तबादलों में देरी हुई। इस बार संयोगवश एक के बाद एक चुनाव आए और फिर अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं भी आईं। इसके बाद विधानसभा सत्र की शुरुआत और बोर्ड एग्जाम की प्रक्रिया ने इस फैसले में और देरी कर दी।

क्या इस समय तबादले होना चाहिए थे?

मदन दिलावर ने स्पष्ट किया कि चुनावी प्रक्रिया और बोर्ड परीक्षाओं के मद्देनजर तबादले करना उचित नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा विभाग का यह फैसला सही था। अब, 15 मार्च के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से चर्चा कर शिक्षकों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा।

7 साल से तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों पर प्रतिबंध

राजस्थान में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले पर पिछले 7 साल से रोक लगी हुई है। इसके अलावा वरिष्ठ अध्यापक, व्याख्याता और प्रिंसिपल के ट्रांसफर पर भी पिछले 2 साल से रोक है। इस स्थिति से 4 लाख शिक्षकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, और अब यह मामला आक्रोश का रूप ले चुका है।

शिक्षक संगठन कर रहे विरोध

शिक्षक संगठन तबादलों पर लगी रोक के विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं। भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद दो बार तबादलों से रोक हटाई गई, लेकिन फिर शिक्षा विभाग को छोड़ दिया गया। हाल ही में, 2024 में 10 से 20 फरवरी तक और 1 से 10 जनवरी तक रोक हटाई गई थी।

85 हजार आवेदन 3 साल से पेंडिंग

शिक्षा मंत्री रहते हुए गोविंद सिंह डोटासरा ने अगस्त 2021 में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के लिए तबादला आवेदन मांगे थे, जिसमें 85 हजार शिक्षकों ने आवेदन किया था। लेकिन इन पर आज तक कोई निर्णय नहीं हुआ। नवंबर 2021 में डोटासरा की जगह बीडी कल्ला ने शिक्षा मंत्री का कार्यभार संभाला और 2022 में तबादलों की प्रक्रिया शुरू की थी। हालांकि, 15 जनवरी 2023 से फिर से तबादलों पर रोक लगा दी गई थी।

तबादला नीति का वादा, लेकिन अब तक निष्क्रिय

कांग्रेस सरकार हो या भाजपा, शिक्षकों के लिए तबादला नीति बनाने की बात की जाती रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस नीति नहीं बन पाई। हाल ही में, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने नीति बनाने की घोषणा की थी, लेकिन यह अभी तक कागजों पर ही है।

शिक्षक...कर्मचारियों की कुल संख्या

राजस्थान के शिक्षा विभाग में कर्मचारियों की कुल संख्या 5,67,668 है, जिनमें से 4,18,549 पद भरे हुए हैं। प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा में क्रमशः 1,72,641 और 1,97,632 शिक्षक कार्यरत हैं। विभाग में कुल 3,70,273 शिक्षक हैं, जिनमें 1,85,030 ग्रेड थर्ड शिक्षक शामिल हैं।

डीपीसी प्रक्रिया की जल्द शुरुआत

पंचायती राज मंत्रालय में कर्मचारियों की डीपीसी प्रक्रिया के बारे में दिलावर ने कहा कि उन्होंने हमेशा डीपीसी को प्राथमिकता दी है। शिक्षा विभाग में लंबित डीपीसी प्रक्रिया पूरी की गई है, और पंचायती राज विभाग में भी जल्द डीपीसी प्रक्रिया शुरू की जाएगी, ताकि कर्मचारियों को उनके हक का लाभ मिल सके।

कांग्रेस सरकार पर हमला

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने राजस्थान के बच्चों को अनपढ़ रखने की साजिश की थी। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि कांग्रेस ने नए अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने के बजाय केवल बोर्ड लगाकर जनता को भ्रमित किया। इसके परिणामस्वरूप लाखों बच्चे स्कूल से दूर हो गए हैं। उन्होंने कहा, "यह सरकार छात्राओं की दुश्मन साबित हुई है और शिक्षा क्षेत्र में सुधार के बजाय केवल दिखावटी कार्य किए गए हैं।"

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