Rajasthan By-Elections: झुंझुनू उपचुनाव... भाजपा में बगावत का कच्चा चिट्ठा, नेता ने कर दिया चुनावी ऐलान!
Jhunjhunu by-elections: भाजपा में उथल-पुथल मच गई है! झुंझुनू विधानसभा सीट (Jhunjhunu by-elections)पर 13 नवंबर को होने वाले उपचुनाव से पहले पार्टी ने निषित चौधरी की टिकट काटकर समर्थकों को गहरे सदमे में डाल दिया है। चौधरी ने बगावती सुर में बोलते हुए ऐलान किया है कि वह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। उनकी यह घोषणा भाजपा में बढ़ती असंतोष की लहर को और भी मजबूत कर सकती है।
भाजपा ने 2023 में झुंझुनू विधानसभा सीट से निषित चौधरी को टिकट दिया था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। अब पार्टी ने बगावती नेता राजेंद्र भांबू को अपना अधिकृत प्रत्याशी बनाया है। इससे नाराज होकर चौधरी ने अपने समर्थकों के साथ बैठक की और 23 अक्टूबर को सेठ मोतीलाल स्टेडियम से रैली के रूप में अपना नामांकन दाखिल करने की घोषणा की। यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा इस स्थिति को कैसे संभालती है और क्या चौधरी की बगावत पार्टी की चुनावी रणनीति को प्रभावित कर पाएगी।
#Jhunjhunu :- झुंझुनू में बीजेपी में हो सकती है बगावत: विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा प्रत्याशी रहे निषित चौधरी ने दिए चुनाव लड़ने के संकेत!
झुंझुनू विधानसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी रहे निषित चौधरी की टिकट कटने के बाद आज उनके समर्थकों ने उनके आवास पर एक बैठक की। बैठक के बाद… pic.twitter.com/cYPwHzRKBI" title="" title="
उपचुनाव में टिकट कटने के बाद बगावती तेवर
झुंझुनू विधानसभा सीट पर 13 नवंबर को होने वाले उपचुनाव ने भाजपा में हलचल मचा दी है। शनिवार रात को टिकट की घोषणा के बाद, भाजपा के पूर्व प्रत्याशी निषित चौधरी के समर्थकों ने उनके आवास पर बैठक की। इस बैठक में चौधरी ने साफ किया कि वह विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं और इसके लिए वह 23 अक्टूबर को सेठ मोतीलाल स्टेडियम से रैली के रूप में अपना नामांकन दाखिल करेंगे।
राजेंद्र भांबू को मिली भाजपा की टिकट
2023 के विधानसभा चुनाव में निषित चौधरी भाजपा के टिकट पर झुंझुनू सीट से चुनाव लड़े थे, लेकिन हार का सामना करना पड़ा। अब भाजपा ने इस बार निर्दलीय प्रत्याशी रहे राजेंद्र भांबू को अपना अधिकृत उम्मीदवार घोषित किया है, जिससे चौधरी के समर्थकों में असंतोष पैदा हो गया है। चौधरी ने कहा, “भाजपा का कार्यकर्ता और नेता होने के नाते मैं पार्टी के प्रति वफादार हूं, लेकिन मेरे समर्थकों की भावनाओं का भी ध्यान रखना होगा।”
सामाजिक और राजनीतिक समीकरण
जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, झुंझुनू में राजनीतिक स्थिति और अधिक जटिल होती जा रही है। चौधरी की बगावत भाजपा के लिए चिंता का विषय बन गई है, क्योंकि इससे पार्टी के अंदर की एकता को नुकसान पहुंच सकता है। अब देखना होगा कि भाजपा इस स्थिति को कैसे संभालती है और क्या चौधरी की रैली चुनावी समीकरणों को प्रभावित करेगी।
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