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विधानसभा में गरजा विपक्ष, बाहर दी गई धमकी! जानिए, विकास चौधरी के बयान से क्यों बौखलाई भजनलाल सरकार?

राजस्थान की राजनीति में बयानबाजी अब साजिश और धमकियों के आरोपों तक पहुंच चुकी है।
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Kirodi Lal Meena: राजस्थान की राजनीति में बयानबाजी अब साजिश और धमकियों के आरोपों तक पहुंच चुकी है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तनाव अपने चरम पर है। (Kirodi Lal Meena) हाल ही में कांग्रेस विधायक विकास चौधरी को धमकी मिलने का मामला तूल पकड़ रहा है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताते हुए भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

 ‘जनता इन्हें पहचान चुकी है’

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने इस पूरे प्रकरण पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि "राजस्थान में विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रयास हो रहा है। सत्ता में बैठे लोग विपक्ष को धमकाकर भ्रष्टाचार करना चाहते हैं, लेकिन यह सहन नहीं किया जाएगा।"

डोटासरा ने दावा किया कि किशनगढ़ से कांग्रेस विधायक विकास चौधरी अपने एक मित्र के घर गए थे, जहां उनके दोस्त को धमकी दी गई कि विकास चौधरी को समझा दिया जाए, ताकि वह सोच-समझकर बोलें। उन्होंने इस घटना को लोकतंत्र के लिए खतरा बताते हुए कहा, "जनता अब इनका असली चेहरा पहचान चुकी है। यह सरकार ज्यादा दिन नहीं चलेगी।"

भाजपा को खुली चुनौती?

इस विवाद के बीच विधायक विकास चौधरी ने एक ट्वीट कर सियासी गलियारों में हलचल मचा दी। उन्होंने लिखा: "युद्ध नहीं जिनके जीवन में, वे भी बहुत अभागे होंगे, या तो प्रण को तोड़ा होगा, या फिर रण से भागे होंगे।" इस ट्वीट को विपक्ष के खिलाफ सत्ता पक्ष की रणनीति पर करारा जवाब माना जा रहा है। कांग्रेस इसे "भाजपा के खिलाफ खुली चुनौती" बता रही है, जबकि सत्ता पक्ष ने अब तक इस पर कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं दी है।

'जेल जाए किरोड़ी लाल, माल खाए भजनलाल' 

विधानसभा में दिए अपने भाषण में विकास चौधरी ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर तीखा प्रहार किया था। उन्होंने कहा था: "जब यह सीट पर बैठे थे, तब किरोड़ी लाल मीणा ने मुझसे हाथ मिलाया और कहा – विकास, कोई भी काम हो, आधी रात को भी बता देना। लेकिन दुख इस बात का है कि मेहनत करने वाले आदिवासी और दलित नेताओं को इस तरह सदन से बाहर कर दिया जाता है।"

इसके बाद उन्होंने भाजपा सरकार पर बड़ा हमला करते हुए कहा: "जेल जाए किरोड़ी लाल और माल खाए भजनलाल, मलाई खाए भजनलाल! कैसे चलेगा इस प्रदेश में?" इस बयान के बाद सत्ता पक्ष में हलचल मच गई। भाजपा के नेताओं ने इसे "राजनीतिक नौटंकी" करार दिया, जबकि कांग्रेस इसे सत्ता के भ्रष्टाचार का पर्दाफाश बता रही है।

क्या भाजपा सरकार विपक्ष की आवाज दबा रही है?

इस पूरे मामले ने राजस्थान की राजनीति में कई बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं:

क्या भाजपा सरकार विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है? क्या विधायक को धमकी देना एक सुनियोजित राजनीतिक साजिश है?क्या यह मामला सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आने वाले समय में बड़े सियासी टकराव का संकेत है?

भाजपा की चुप्पी...रणनीति या बेबसी?

इस पूरे विवाद पर अब तक भाजपा की ओर से कोई ठोस बयान नहीं आया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी इस पर चुप्पी साधे हुए हैं। क्या यह चुप्पी किसी रणनीति का हिस्सा है, या फिर भाजपा इस मुद्दे को ज्यादा तूल न देने की कोशिश कर रही है?

राजस्थान की राजनीति में यह मामला किस दिशा में जाएगा, यह देखना दिलचस्प होगा। लेकिन इतना तय है कि "विकास चौधरी बनाम भाजपा" का यह विवाद राजस्थान की सियासत में नया भूचाल ला सकता है।

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