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दौसा चुनाव में 'चक्रव्यूह' रचने वाले कौन? किरोड़ी लाल ने दिए संकेत... जल्द होगा बड़ा खुलासा

सत्ता और विपक्ष की तीखी टकराहट के बीच, मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा की हार ने एक गहरी राजनीतिक चर्चा को हवा दी है।
04:24 PM Jan 19, 2025 IST | Rajesh Singhal
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Kirodi Lal Meena: दौसा विधानसभा उपचुनाव ने राजस्थान की राजनीति में कई नए समीकरणों को जन्म दिया है। सत्ता और विपक्ष की तीखी टकराहट के बीच, मंत्री किरोड़ी लाल मीणा (Kirodi Lal Meena) के भाई जगमोहन मीणा (Jagmohan Meena) की हार ने एक गहरी राजनीतिक चर्चा को हवा दी है। यह चुनाव सिर्फ हार-जीत तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसके प्रभाव ने मंत्री किरोड़ी लाल के राजनीतिक और व्यक्तिगत जीवन में भी गहरी छाप छोड़ी है।

राजनीति में भावनाओं का प्रदर्शन शायद ही कभी आम बात होती है, लेकिन दौसा उपचुनाव में अपने भाई की हार के बाद मंत्री किरोड़ी लाल मीणा बार-बार अपने दर्द को सार्वजनिक कर रहे हैं। उन्होंने हाल ही में सोशल मीडिया के माध्यम से अपने भाई को एक "सीधा-साधा गाय" बताया और यह आरोप लगाया कि जैसे महाभारत में अभिमन्यु को हराने के लिए सभी विरोधी एकजुट हुए थे, वैसे ही उनके भाई के खिलाफ साजिश रची गई।

भाई की हार पर फिर भावुक हुए किरोड़ी लाल मीणा

दौसा विधानसभा उपचुनाव में हार का दर्द मंत्री किरोड़ी लाल मीणा अब तक नहीं भुला पाए हैं। अपने भाई जगमोहन मीणा की पराजय पर वह बार-बार भावुक हो जाते हैं। हाल ही में सोशल मीडिया पर अपनी भावनाएं साझा करते हुए उन्होंने कहा कि उनके भाई को "सीधा-साधा गाय" मानते हुए विरोधियों ने साजिश के तहत फंसा दिया। उन्होंने महाभारत के अभिमन्यु का उदाहरण देते हुए कहा कि अगर अभिमन्यु को रास्ता याद होता, तो वह बच सकता था। उसी तरह, उन्हें भी रास्ता याद नहीं रहा और वे इस राजनीतिक दांव-पेंच में उलझ गए।

एसआई भर्ती...इस्तीफे पर बयान

मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने एसआई भर्ती परीक्षा रद्द होने और अपने इस्तीफे को लेकर स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि एसओजी से लेकर पुलिस मुख्यालय तक सभी ने भर्ती परीक्षा रद्द करने पर अपनी राय दे दी है। जनता की राय भी इस दिशा में बन चुकी है, अब यह फैसला मुख्यमंत्री पर निर्भर है। अपने इस्तीफे को लेकर उन्होंने कहा कि यह अभी तक स्वीकार नहीं हुआ है, इसलिए वह अब भी मंत्री पद पर बने हुए हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि जब तक इस्तीफा स्वीकृत नहीं होता, वह अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते रहेंगे।

दौसा उपचुनाव में हारी बीजेपी

दौसा सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस के डीसी बैरवा ने 2300 वोटों के अंतर से बीजेपी के उम्मीदवार जगमोहन मीणा को हराया। कांग्रेस उम्मीदवार को कुल 75536 वोट मिले, जबकि बीजेपी को 73236 वोट प्राप्त हुए। इस हार ने बीजेपी के भीतर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। इस पराजय ने न केवल किरोड़ी लाल मीणा के लिए व्यक्तिगत और राजनीतिक झटका दिया है, बल्कि यह भी साबित किया कि दौसा में कांग्रेस की पकड़ मजबूत बनी हुई है।

राजनीतिक बहस...भविष्य की रणनीति

मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के बयान के बाद राजनीतिक गलियारों और सोशल मीडिया पर बहस शुरू हो गई है। क्या यह हार बीजेपी के भीतर रणनीति की कमी का परिणाम थी, या कांग्रेस की सोची-समझी रणनीति का हिस्सा? इन सवालों के जवाब आने वाले चुनावों में सामने आ सकते हैं। मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के इमोशनल बयान उनके समर्थकों और पार्टी के लिए आत्ममंथन का विषय बने हुए हैं।

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