किसकी पर्ची पर दर्ज हुआ केस? किरोड़ी लाल मीणा के खिलाफ एक्शन, कांग्रेस ने दिखाया समर्थन!
Kirodi Lal Meena: कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। जहां एक ओर यह मामला भजनलाल सरकार के लिए असहज स्थिति पैदा कर रहा है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने इस मुद्दे पर (Kirodi Lal Meena) अप्रत्याशित रुख अपनाते हुए किरोड़ी के पक्ष में बयान दिए हैं। कांग्रेस की इस रणनीति को सियासी दांव माना जा रहा है, जो न केवल भजनलाल सरकार को घेरने का काम कर रही है, बल्कि सत्ताधारी दल के भीतर असंतोष को भी हवा दे रही है।
सचिन पायलट और प्रदेश कांग्रेस महासचिव जसवंत सिंह गुर्जर जैसे बड़े नेताओं ने किरोड़ी लाल का बचाव करते हुए सरकार पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने किरोड़ी के खिलाफ कार्रवाई के पीछे की मंशा पर सवाल उठाते हुए इसे राजनीतिक प्रतिशोध का परिणाम बताया। जसवंत सिंह गुर्जर ने यहां तक कह दिया कि यह मामला सरकार के अंदर की गुटबाजी का संकेत है। ऐसे में सवाल उठता है कि किरोड़ी के तथ्यों की जांच के लिए कार्रवाई की गई या फिर किसी बड़े राजनीतिक खेल का हिस्सा है?
सरकार की पर्ची का राज़?
एसआई भर्ती परीक्षा रद्द मामले में मंत्री किरोड़ी लाल मीणा और सीआई कविता शर्मा की तनातनी अब सरकार के लिए गले की फांस बन गई है। कविता शर्मा द्वारा किरोड़ी के खिलाफ मामला दर्ज कराए जाने के बाद से कांग्रेस इस मुद्दे पर जमकर हमला बोल रही है। कांग्रेस महासचिव जसवंत सिंह गुर्जर ने तंज कसते हुए सवाल उठाया कि आखिर सरकार के खिलाफ मामला दर्ज होने के पीछे किसकी पर्ची का खेल है?
कार्रवाई के नाम पर राजनीति का नया खेल
कांग्रेस नेता जसवंत सिंह गुर्जर ने मुख्यमंत्री भजनलाल और गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह पर सीधा हमला करते हुए कहा कि किरोड़ी के दिए तथ्यों पर जांच का भरोसा दिलाया गया था। लेकिन यहां जांच की बजाय मंत्री के खिलाफ ही केस दर्ज हो गया। उन्होंने पूछा, "क्या यह सरकार जनता के सवालों का जवाब देने लायक बची है, जब अपने ही मंत्री के सवालों को अनसुना कर रही है?"
पायलट ने भी सरकार को घेरा
सचिन पायलट ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा कि किरोड़ी लाल जनता की आवाज उठा रहे हैं। उन्होंने कहा, "सरकार को जनता और अपने मंत्रियों की आवाज सुननी चाहिए। पुलिस की कार्यवाही में जिस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं, वह सरकार की असफलता को उजागर करती हैं।" पायलट ने सरकार पर तंज कसते हुए इसे डबल इंजन का फेल मॉडल करार दिया।
सरकार की सियासी जमीन पर बवाल
यह विवाद तब और गहराया जब पुलिस भर्ती परीक्षा रद्द करवाने की मांग कर रही मंजू शर्मा और अनिता गुर्जर को थाने ले जाने की कोशिश में पुलिस और मंत्री के बीच सीधा टकराव हो गया। इस घटना के बाद मंत्री किरोड़ी ने अपनी ही सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए, जिससे मुख्यमंत्री और गृह राज्य मंत्री पर विपक्ष के साथ-साथ अपने ही नेताओं का दबाव बढ़ गया है।
पर्ची और पॉलिटिक्स का खेल
जसवंत सिंह गुर्जर ने सोशल मीडिया पर लिखा, "किसकी पर्ची से सरकार के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है? क्या यह कार्रवाई इसलिए हुई है ताकि सच्चाई छिपाई जा सके? सरकार बताए कि किरोड़ी के उठाए गए मुद्दों की जांच हुई या उसे दबाने की कोशिश में यह कदम उठाया गया है?" कांग्रेस ने इस मौके को भुनाते हुए इसे सरकार के लिए बड़ा सिरदर्द बना दिया है।
क्या सरकार खुद को बचा पाएगी?
यह विवाद सिर्फ एक पुलिस अधिकारी और मंत्री के बीच का मामला नहीं रह गया है। कांग्रेस के आक्रामक हमले और पायलट जैसे नेताओं के समर्थन ने इसे बड़ा राजनीतिक मुद्दा बना दिया है। सवाल है, क्या भजनलाल सरकार इन हमलों का जवाब दे पाएगी, या यह विवाद आगामी चुनावों में उसे भारी पड़ने वाला है?
यह भी पढ़ें: Rajasthan: अशोक गहलोत ने पीएम मोदी से क्या मांग की? जानिए, राजस्थान का भविष्य क्या होगा?
.