राजस्थान में उपचुनाव से पहले इस समुदाय की चेतावनी! क्या भाजपा को लगेगा जोर का झटका?
Rajasthan By-elections: प्रदेश में उपचुनाव से पहले केंवट समुदाय ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का एलान किया है। राजस्थान में 35 लाख से ज्यादा की आबादी वाले इस समुदाय ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के अंतिम समय में केंवट कल्याण बोर्ड के गठन को धोखा बताते हुए चेतावनी दी है कि अगर वर्तमान भाजपा सरकार भी उन्हें नजरअंदाज करती है, तो उपचुनाव (Rajasthan By-elections) में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। इसके साथ ही 21 अक्टूबर को जंतर-मंतर पर समाज महापड़ाव डालने की तैयारी की जा रही है।
14 सालों से अनसुनी मांगें
राजस्थान कहार, कीर, केवट भोई, मेहरा, कश्यप समाज आरक्षण संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष उमाशंकर कहार ने टोंक में कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा 2023 में चुनाव से ठीक पहले केवट कल्याण बोर्ड के गठन की घोषणा महज दिखावा साबित हुई। उन्होंने बताया कि 14 वर्षों से केवट कल्याण बोर्ड का गठन करने, एसटी में आरक्षण, और रोहिणी आयोग की रिपोर्ट लागू करने की 11 सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं, लेकिन उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
#Tonk: क्यो आंदोलन की चेतावनी दे रहा केंवट समुदाय?
प्रदेश में उपचुनाव से पहले केंवट समुदाय ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया . राजस्थान में 35 लाख से ज़्यादा की आबादी वाले समुदाय ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में केंवट कल्याण बोर्ड के गठन को उनके साथ हुआ धोखा बताते हुए आंदोलन की… pic.twitter.com/MHLzc6r6mt
— Rajasthan First (@Rajasthanfirst_) October 10, 2024
संख्याबल और राजनीतिक प्रतिनिधित्व की कमी
उमाशंकर कहार ने बताया कि राजस्थान में केंवट समुदाय की 35 लाख से ज्यादा जनसंख्या है, जिसमें करीब 25 लाख मतदाता शामिल हैं। उन्होंने यह भी बताया कि भाजपा संगठन में भी समुदाय को कोई स्थान या पद नहीं दिया गया है, और उन्हें राजनीतिक प्रतिनिधित्व से वंचित रखा गया है। चुनावों के समय पार्टियां केवल वोट बैंक के रूप में उनका इस्तेमाल करती हैं।
गहलोत सरकार की अनदेखी से आक्रोश
कहार ने कहा कि पिछली गहलोत सरकार ने आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले केवट कल्याण बोर्ड का गठन करने की घोषणा की थी, लेकिन बोर्ड के अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं की गई। इससे समाज में आक्रोश बढ़ा है। भाजपा सरकार को एक साल हो गया है, लेकिन अभी तक केवट कल्याण बोर्ड में राजनीतिक नियुक्ति नहीं की गई है।
देवली-उनियारा में टिकट की मांग
केंवट समुदाय के सदस्यों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ से मांग की है कि उपचुनाव से पहले केवट कल्याण बोर्ड में राजनीतिक नियुक्ति के साथ ही प्रदेश और जिला कार्यकारिणी में संगठन में दायित्व दिया जाए। उन्होंने देवली-उनियारा विधानसभा में होने वाले उपचुनाव में टिकट की भी मांग की है, क्योंकि इस क्षेत्र में 25 हजार मतदाता मौजूद हैं।
महापड़ाव की योजना
उमाशंकर कहार ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उपचुनाव से पहले उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो उन्हें आंदोलन करने पर मजबूर होना पड़ेगा। इसके तहत राजस्थान बंद आंदोलन करने के साथ ही 21 अक्टूबर को दिल्ली के जंतर-मंतर पर महापड़ाव डाला जाएगा।
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