साजिश के सूत्रधार पकड़े गए!’....ज्योति मिर्धा बोलीं, ‘पत्र लीक करने वाला कोई और नहीं, अपना ही था!
Jyoti Mirdha: राजस्थान की राजनीति में एक नया विवाद सामने आया है, जिससे सियासी हलचल तेज हो गई है। नागौर की खींवसर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक रेवंतराम डांगा द्वारा मुख्यमंत्री को लिखा गया गोपनीय पत्र लीक हो गया है। इस पत्र में उन्होंने ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर बड़ा खुलासा किया है, जिससे राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।
30 जनवरी को लिखा गया यह पत्र 4 फरवरी को मुख्यमंत्री कार्यालय में रिसीव हुआ था, लेकिन अब यह सार्वजनिक हो जाने से नए सियासी समीकरण खड़े हो गए हैं। (Jyoti Mirdha) पत्र में रेवंतराम डांगा ने आरोप लगाया कि ट्रांसफर-पोस्टिंग में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के प्रमुख हनुमान बेनीवाल का प्रभाव चल रहा है।
इस पत्र के लीक होने के बाद राजनीतिक माहौल और गर्मा गया है। इसे लेकर शुक्रवार को भाजपा की प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि पत्र लीक करने वाले का पता चल चुका है और यह अफसोसजनक है कि इसमें खुद भाजपा के ही लोगों का हाथ सामने आया है।
पार्टी के ही व्यक्ति ने पत्र किया लीक
इस मामले पर बीजेपी की प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व सांसद डॉ. ज्योति मिर्धा ने नाराजगी जाहिर की। नागौर में अपने आवास पर जनसुनवाई के दौरान उन्होंने कहा कि पत्र लीक करने वाले का पता चल चुका है और यह अफसोस की बात है कि इसमें बीजेपी के ही व्यक्ति का नाम सामने आया है। उन्होंने कहा कि पार्टी इस मामले को गंभीरता से ले रही है और जल्द ही इस पर कार्रवाई की जाएगी।
रेवंतराम डांगा को कमजोर करने की साजिश?
ज्योति मिर्धा ने कहा कि कुछ लोग नहीं चाहते कि रेवंतराम डांगा खींवसर में अपनी पकड़ मजबूत करें, इसलिए उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा कि डांगा का जनता से सीधा जुड़ाव है और उन्हें प्रदेश सरकार का पूरा सहयोग मिल रहा है। बावजूद इसके, उनके क्षेत्र में उनके द्वारा की गई सिफारिशों को नजरअंदाज कर दिया गया और RLP से जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों की तैनाती की गई।
भ्रष्टाचार में लिप्त नेताओं पर भी होगी कार्रवाई
ज्योति मिर्धा ने कहा कि बीजेपी एक सख्त पार्टी है और यदि कोई नेता व्यक्तिगत स्वार्थ के चलते भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि पार्टी प्रदेश में सुशासन देने के लिए प्रतिबद्ध है और भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
नागौर...खींवसर में प्रशासनिक बदलाव की जरूरत
उन्होंने कहा कि कुछ अधिकारी हर सरकार में अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर उसी जगह तैनात होने की कोशिश करते हैं। ऐसे अधिकारियों का पूरा रिकॉर्ड सरकार के पास है और जल्द ही उनकी छंटनी की जाएगी। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि नागौर मुख्यालय और खींवसर विधानसभा में भ्रष्ट अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को उजागर करने का प्रयास जारी रहेगा।
रेवंतराम डांगा की शिकायतें और उनकी मांगें
विधायक रेवंतराम डांगा ने अपने पत्र में कहा था कि खींवसर और मूंडवा क्षेत्र में उनके द्वारा की गई सिफारिशों को दरकिनार कर दिया गया और आरएलपी समर्थित अधिकारियों और कर्मचारियों को तैनात किया गया। उन्होंने तहसीलदार, नायब तहसीलदार, बाल विकास परियोजना अधिकारी, उप रजिस्ट्रार, ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी, विकास अधिकारी, मुख्य खंड शिक्षा अधिकारी, बिजली विभाग के एईएन, जेईएन सहित अन्य अधिकारियों के ट्रांसफर की सिफारिश की थी, लेकिन उनकी सिफारिशों को नजरअंदाज कर दिया गया।
आगे क्या?
अब यह देखना होगा कि बीजेपी इस मामले में क्या कदम उठाती है। क्या पत्र लीक करने वाले के खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी? और क्या खींवसर में प्रशासनिक बदलाव किए जाएंगे? इस पूरे घटनाक्रम ने राजस्थान की राजनीति में नए सियासी समीकरण खड़े कर दिए हैं, जिनका असर आने वाले समय में देखने को मिल सकता है।
(नागौर से मोहम्मद यूनूस की रिपोर्ट)
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