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सूरत में जल संचय अभियान कार्यक्रम, CM भजनलाल बोले- पाटिल साहब ने पैदा किया एक नया उत्साह और उमंग

Surat Jal Sanchay Jan Rajasthan CM Bhajanlal Sharma: गुजरात के सूरत में रविवार, 13 अक्टूबर 2024 को 'जल संचय, जन भागीदारी' अभियान के तहत एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह पहल केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा जल...
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Surat Jal Sanchay Jan Rajasthan CM Bhajanlal Sharma: गुजरात के सूरत में रविवार, 13 अक्टूबर 2024 को 'जल संचय, जन भागीदारी' अभियान के तहत एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह पहल केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा जल संकट को हल करने और जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई है। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लोगों को जल संचय के महत्व के बारे में जागरूक करना और उन्हें इसमें सक्रिय रूप से शामिल करना है।

जल स्तर को बढ़ाने की चर्चा

इस कार्यक्रम में कई राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री शामिल हुए। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कार्यक्रम में भाग लिया। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की।

कार्यक्रम में विशेष रूप से भूमिगत जल स्तर को बढ़ाने और जल संरक्षण के उपायों पर चर्चा की गई। यह बात भी उठाई गई कि जल की भारी कमी और बढ़ते जल संकट के मद्देनजर हमें जल संचय की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे।

यह कार्यक्रम गुजरात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन के 23 वर्षों का उत्सव भी है। जब मोदी मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने राज्य के सभी क्षेत्रों में पानी पहुंचाने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं लागू की थीं। आज, जब यह अभियान एक जन आंदोलन का रूप ले रहा है, तो उम्मीद की जा रही है कि इससे पूरे देश में जल संचय का महत्वपूर्ण संदेश पहुंचेगा।

हमारे पूर्वजों ने जल संरक्षण के महत्व को गहराई से समझा था: सीएम शर्मा

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि राजस्थान एक ऐसा राज्य है जहां जल संसाधनों की अपार संभावनाएं हैं, लेकिन पानी की कमी सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनका नेतृत्व इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। शर्मा ने यह भी बताया कि इस अभियान का सबसे बड़ा लाभ राजस्थान को मिलेगा, जहां पानी की कमी का सामना करना पड़ता है।

कार्यक्रम के अंत में संकल्प पत्र का वितरण किया गया, जिसमें जल संरक्षण के प्रति जन भागीदारी का आह्वान किया गया। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने सभी उपस्थित लोगों को जल संचय के महत्व को समझाते हुए इस अभियान में भागीदारी के लिए प्रेरित किया।

जल संकट के प्रति जागरूकता

मुख्यमंत्रियों ने यह भी चेतावनी दी कि अगर आज से जल संचय के उपाय नहीं किए गए, तो आने वाले समय में पानी के लिए संघर्ष हो सकता है। उन्होंने जनता को बताया कि जल संचय से न केवल वर्तमान समस्याओं का समाधान होगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी पानी की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

राजस्थान के मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि हमारे पूर्वजों ने जल संरक्षण के महत्व को गहराई से समझा था, और आज की पीढ़ी को भी इसे समझने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अगर हम जल संचय के प्रति गंभीर नहीं हुए, तो यह आने वाले समय में हमारी सबसे बड़ी चिंता बन सकता है।

सूरत में आयोजित यह कार्यक्रम न केवल गुजरात, बल्कि मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे अन्य राज्यों के लिए भी महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जल नीति का उद्देश्य पूरे देश को जल संकट से बचाना है। इस प्रकार के अभियानों से जनता को जागरूक करने में मदद मिलेगी और जल संरक्षण की दिशा में ठोस कदम उठाने के लिए प्रेरित किया जा सकेगा।

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