Jaipur Tanker Blast: हाईकोर्ट ने भजन लाल सरकार से पूछा... दोषी अफसरों पर कार्रवाई क्यों नहीं, जरूरी कदमों पर जानकारी मांगी!
Jaipur LPG Tanker Blast Incident: जयपुर-अजमेर हाईवे पर हुए अग्निकांड के मामले में जयपुर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने आपदा प्रबंधन मंत्रालय, पेट्रोलियम सचिव और मुख्य सचिव सहित अन्य अधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि क्यों न दोषी अफसरों के खिलाफ जांच कर कार्रवाई की जाए।(Jaipur LPG Tanker Blast Incident) इस घटना के बाद कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि अति ज्वलनशील रसायन, गैस गोदामों और अन्य खतरनाक सामान को घनी आबादी वाले क्षेत्रों से दूर किया जाए। कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि क्यों न पुलों और ओवरब्रिजों के निर्माण कार्यों को तय समय में पूरा करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं, और ज्वलनशील गैस व रसायनों के परिवहन के लिए एक अलग मार्ग बनाने की पॉलिसी बनाई जाए।
भांकरोटा अग्निकांड पर स्वप्रेरणा से लिया संज्ञान
न्यायाधीश अनूप कुमार ढंड ने जयपुर में भांकरोटा के पास हुए भयानक हादसे पर स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया और मामले में तुरंत कार्रवाई की आवश्यकता जताई। कोर्ट ने इस मामले को जनहित याचिका के तौर पर स्वीकार करते हुए 10 जनवरी को सुनवाई के लिए खंडपीठ के समक्ष लगाने का आदेश दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से अब तक उठाए गए कदमों की जानकारी भी मांगी है।
सड़क सुरक्षा और निर्माण कार्यों पर आदेश
कोर्ट ने अधिकारियों से स्पष्ट रूप से कहा कि पुलों और ओवरब्रिजों के निर्माण कार्यों को तय सीमा में पूरा करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। साथ ही ज्वलनशील गैस और रसायनों के परिवहन के लिए एक पृथक रास्ता मुहैया कराने के लिए एक पॉलिसी बनाई जाए। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि घटना के मृतकों, घायलों और अन्य पीड़ितों के परिवारों को पर्याप्त मुआवजा राशि दी जाए। इस कदम से उन परिवारों को न्याय दिलाने की उम्मीद है जो इस त्रासदी का शिकार हुए हैं।
सड़क सुरक्षा के मुद्दे पर गंभीर चिंता
अदालत ने यह भी पूछा कि ब्लैक स्पॉट और खतरनाक यू-टर्न की पहचान और हाइवे पर इन खतरों के लिए चेतावनी बोर्ड लगाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। अदालत का कहना था कि यदि सरकार सड़क सुरक्षा के लिए उचित सावधानी बरतती तो इस तरह की घटना से बचा जा सकता था, क्योंकि हर साल सड़कों, यू-टर्न और ब्लैक स्पॉट को पार करते समय हजारों लोग अपनी जान गंवा देते हैं।
14 लोगों की हुई थी मौत, घायल भी हुए थे कई
इस हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। 20 दिसंबर को जयपुर-अजमेर हाईवे पर सुबह करीब छह बजे एलपीजी टैंकर और ट्रक के बीच भीषण टक्कर के बाद धमाका हुआ था। धमाके से आग की लपटें दूर तक फैल गईं, जिससे वहां से गुजर रहे करीब 40 वाहन चपेट में आ गए थे। कई घायल व्यक्तियों की तस्वीरें भी सामने आईं थीं, जिनमें से कई लोग 50% से ज्यादा जल चुके थे और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया था।
हाई कोर्ट बार एसोसिएशन जयपुर को किया आमंत्रित
अदालत ने मामले में हाई कोर्ट बार एसोसिएशन जयपुर के अध्यक्ष महेंद्र शांडिल्य, राज्य के महाधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद, एएसजी आरडी रस्तोगी और अधिवक्ता संदीप पाठक को भी सहयोग करने के लिए कहा है, ताकि इस मामले की निष्पक्ष जांच और उचित कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
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