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‘BJP सरकार का नया हथकंडा!’ डोटासरा बोले- ‘जो विधायक विरोध करे, उसके पीछे एजेंसियां लगा दी जाती हैं!

राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर सियासी घमासान मच गया है।
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Govind Singh Dotasra: राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर सियासी घमासान मच गया है। विपक्षी नेताओं पर सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग के आरोप तेज हो गए हैं। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार की नीतियों और उसके नेताओं के खिलाफ आवाज उठाने वाले विधायकों को डराने-धमकाने के लिए सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

गुरुवार को मीडिया से बातचीत के दौरान डोटासरा ने दावा किया कि विधानसभा में जो विधायक सरकार के खिलाफ बोलता है, उसके पीछे जांच एजेंसियों को लगा दिया जाता है। (Govind Singh Dotasra)उन्होंने किशनगढ़ विधायक विकास चौधरी का उदाहरण देते हुए कहा कि जब उन्होंने सदन में किरोड़ी लाल मीणा और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को लेकर सवाल उठाया, तो उनके दोस्त के घर पर जीएसटी की 20 अफसरों की टीम भेज दी गई।

डोटासरा ने आरोप लगाया कि यह एक सुनियोजित रणनीति के तहत किया जा रहा है ताकि विपक्ष के विधायक डरकर सरकार के खिलाफ आवाज न उठा सकें। उन्होंने कहा कि अफसरों की टीम ने जाकर विधायक के दोस्त को धमकाया और कहा कि अपने मित्र को समझा दो कि आगे से सोच-समझकर बोले।

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के इस बयान के बाद राजस्थान में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। विपक्ष इसे लोकतंत्र पर खतरा बता रहा है, जबकि सरकार इन आरोपों को निराधार बता रही है। क्या वाकई सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है, या यह विपक्ष की सिर्फ एक राजनीतिक रणनीति है?

 ‘विपक्ष को डराने की परंपरा ठीक नहीं’

राजस्थान की राजनीति में सियासी तनाव बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जो भी विधायक सरकार के खिलाफ बोलता है, उसके खिलाफ जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। डोटासरा ने दावा किया कि उन्होंने खुद अधिकारियों से बात की और उन्हें चेतावनी दी कि इस तरह की राजनीति बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

हम सरकार की ‘हालत’ दिखाएंगे

डोटासरा ने कहा कि कांग्रेस किसी भी हाल में डरने वाली नहीं है। उन्होंने कहा, “हम सरकार को फोन टैपिंग से लेकर हर मुद्दे पर घेरेंगे। हमने कभी बेईमानी नहीं की, तो डरने की जरूरत ही नहीं। बजट आने दीजिए, देखना हम सदन में इनकी क्या हालत बनाते हैं।”

मीणा के आरोपों पर सरकार चुप क्यों?

डोटासरा ने कहा कि खुद किरोड़ी लाल मीणा सरकार पर सात करोड़ की बजरी चोरी और फोन टैपिंग का आरोप लगा रहे हैं। साथ ही, SI भर्ती को लेकर सरकार के फैसले पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने कहा, “जब खुद सरकार के मंत्री आरोप लगा रहे हैं, तो प्रतिपक्ष सवाल क्यों नहीं पूछ सकता? विपक्ष को डराने के लिए जांच एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो कब तक चलेगा?”

‘राज्य सरकार अंग्रेजों से भी बदतर रवैया अपना रही’

डोटासरा ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार एक नया ट्रेंड चला रही है। उन्होंने कहा, “कोई विधायक सदन में सरकार की आलोचना कर देता है, तो उसके खिलाफ जीएसटी, इनकम टैक्स, ईडी और एसीबी जैसी एजेंसियों को लगा दिया जाता है। जो अंग्रेजों के राज में नहीं हुआ, वो आज भाजपा सरकार कर रही है।”

भाजपा सरकार लूटो-खाओ...

डोटासरा ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि सरकार केवल अपनी तानाशाही स्थापित करना चाहती है। उन्होंने कहा, “विपक्ष जनता की आवाज उठाता है, उसका अपना कोई स्वार्थ नहीं होता। लेकिन अगर विपक्ष को काम नहीं करने दिया गया तो हिटलरशाही आ जाएगी। भाजपा की यह ‘लूटो-खाओ और मौज उड़ाओ’ वाली नीति राजस्थान के लिए घातक साबित होगी।”

क्या BJP  लोकतंत्र को कमजोर कर रही है?

डोटासरा के इन बयानों के बाद राजस्थान की राजनीति में घमासान मचा हुआ है। विपक्ष सरकार पर लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगा रहा है, जबकि सरकार इन आरोपों को निराधार बता रही है। सवाल उठता है कि क्या वाकई सरकार एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है, या यह विपक्ष की एक और राजनीतिक चाल है?

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