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Rajasthan: राजस्थान में सियासी घमासान ! क्या गोविंद डोटासरा की अगले चुनाव तक विधानसभा से होगी छुट्टी ? 

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को अमर्यादित भाषा के इस्तेमाल पर सदन से निष्कासित किया जा सकता है।
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Govind Singh Dotasara: राजस्थान विधानसभा में अमर्यादित भाषा के इस्तेमाल पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सदन से निष्कासित किए जा सकते हैं। (Govind Singh Dotasara) स्पीकर के भावुक भाषण के बाद अब कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को लेकर सख्त एक्शन लिए जाने के संकेत मिल रहे हैं। स्पीकर ने मंगलवार को डोटासरा के शब्दों पर आपत्ति जताई थी।

क्या सदन से निष्कासित होंगे कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष?

राजस्थान विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध खत्म नहीं हो पा रहा। लगातार छठवें दिन भी सियासी घमासान मचा हुआ है। इस बीच संकेत मिल रहे हैं कि अब सदन में अमर्यादित भाषा के इस्तेमाल को लेकर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है। गोविंद सिंह डोटासरा को सदन से निष्कासित किया जा सकता है। 16वीं विधानसभा के पूरे कार्यकाल के लिए डोटासरा का निष्कासन प्रस्ताव सदन में लाया जा सकता है। अगर ऐसा हुआ तो डोटासरा अगले चुनाव तक सदन नहीं आ पाएंगे।

स्पीकर के भावुक होने पर सख्त कार्रवाई के संकेत

राजस्थान विधानसभा में स्पीकर वासुदेव देवनानी मंगलवार को सदन में भावुक हो गए थे, उनकी आंखों में आंसू आ गए। इस दौरान स्पीकर देवनानी ने सदन में गोविंद सिंह डोटासरा की भाषा पर आपत्ति जताई। स्पीकर ने कहा कि ऐसे शब्द सुनने के लिए मैं विधानसभा नहीं आया। इस पर सभी को विचार करने की जरुरत है। स्पीकर ने कहा था कि यह मेरा अपमान नहीं बल्कि आसन का अपमान है। इधर, स्पीकर के इस भावुक भाषण के बाद सदन में ऐसी व्यवस्था की गई है कि अगर कोई सदस्य आसन की तरफ बढ़ने की कोशिश करेगा या सदन की अवहेलना करेगा, तो उसका स्वत: निलंबन हो जाएगा।

सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध क्यों?

राजस्थान विधानसभा में पिछले दिनों मंत्री अविनाश गहलोत ने इंदिरा गांधी को आपकी दादी कहकर संबोधित किया था। इस पर कांग्रेस विधायकों ने विरोध जताया और आसन तक पहुंच गए। आसन की तरफ आने पर छह कांग्रेस विधायकों को सदन से निलंबित कर दिया गया। तब से ही इस मामले में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध बना हुआ है। एक बार सहमति भी बनी। मगर माफी पर बात बिगड़ गई।

सत्ता पक्ष का कहना है कि गोविंद डोटासरा आसन तक आने के लिए माफी मांगें, सहमति के वक्त यही बात हुई थी। उधर, डोटसरा का कहना है कि पहले मंत्री माफी मांगे, मेरी माफी मांगने की तो बात ही नहीं हुई। इसके साथ ही उन्होंने सदन में अमर्यादित भाषा के इस्तेमाल करने के आरोपों पर कहा कि अगर उनके पास इसका सबूत होता तो वो वीडियो जारी कर देते।

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