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पायलट की नई लीडरशिप, शेखावत ने किया दावा.... बेनीवाल फिर BJP में लौटेंगे, जानिए क्यों!

राजस्थान की राजनीति में इन दिनों डॉ. किरोड़ी लाल मीणा, जो भजनलाल सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं, एक बार फिर सुर्खियों में हैं। एसआई भर्ती परीक्षा रद्द करने की मांग के साथ-साथ कई अन्य मुद्दों पर वे मुखर होकर सामने...
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राजस्थान की राजनीति में इन दिनों डॉ. किरोड़ी लाल मीणा, जो भजनलाल सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं, एक बार फिर सुर्खियों में हैं। एसआई भर्ती परीक्षा रद्द करने की मांग के साथ-साथ कई अन्य मुद्दों पर वे मुखर होकर सामने आए हैं। उनके बारे में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने एक अहम बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि "किरोड़ी लाल मीणा आन्दोलनधर्मी व्यक्ति हैं, और उनके विचारों और पार्टी के प्रति निष्ठा पर कोई सवाल नहीं उठा सकता।" इस बयान के बाद कांग्रेस नेता सचिन पायलट की तारीफ करते हुए, शेखावत ने आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल के बीजेपी में शामिल होने को लेकर भी अपनी राय दी।

किरोड़ी लाल मीणा के प्रति निष्ठा...विचारों का सम्मान

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर अपने बयान से हलचल मचा दी है। उन्होंने डॉ. किरोड़ी लाल मीणा को लेकर कहा कि वह मेरे परम मित्र हैं और पार्टी के एक बड़े नेता हैं। शेखावत ने मीणा की निष्ठा और विचारधारा का सम्मान करते हुए उन्हें एक 'आइडियोलॉजिकल कमिटेड व्यक्ति' बताया। इस बयान के बाद यह साफ हो गया कि शेखावत मीणा के पक्ष में खड़े हैं और उनकी विचारधारा की पूरी तरह से सराहना करते हैं।

कांग्रेस की नई लीडरशिप का चेहरा

जब शेखावत से पूछा गया कि कांग्रेस के नेताओं में किसे वह पसंद करते हैं, तो उन्होंने सचिन पायलट को नई लीडरशिप का आइकॉन बताया। शेखावत के अनुसार, पायलट ने कांग्रेस को नया दिशा देने के लिए जो कदम उठाए हैं, वह काबिल-ए-तारीफ हैं। इस बयान से यह साफ हो गया कि शेखावत पायलट की राजनीति और नेतृत्व की क्षमता को लेकर सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं।

हनुमान बेनीवाल का भविष्य: बीजेपी में वापसी का सवाल?

हनुमान बेनीवाल के बीजेपी में लौटने के सवाल पर शेखावत ने कहा कि राजनीति में कोई स्थायित्व नहीं होता, यह हर समय परिस्थितियों के हिसाब से बदलता रहता है। शेखावत ने यह भी बताया कि 2013-14 में उन्होंने बेनीवाल को बीजेपी में बनाए रखने की कोशिश की थी और 2019 में उन्हें फिर से पार्टी में लाया था। हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनाव में बेनीवाल को गहलोत के साथ अनुकूलता महसूस हुई, जिसके चलते वह कांग्रेस के साथ गए।

शेखावत का कहना है कि राजनीति में भविष्यवाणी करना मुश्किल है, और समय के साथ बेनीवाल के फैसले बदल सकते हैं। शेखावत के इस बयान से यह साफ होता है कि वह राजनीति में कभी भी बदलाव की संभावना को नकारते नहीं हैं, और वे किसी भी नेता के बारे में अंतिम राय देने से बचते हैं।

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