दिल्ली में भजनलाल शर्मा का सियासी मास्टरस्ट्रोक! 10 मंत्रियों से गुप्त मंत्रणा, राजस्थान में क्या बड़ा फैसला?
CM Bhajan Lal Sharma: राजस्थान की सियासत में इन दिनों हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के दिल्ली दौरे के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है। केंद्रीय नेतृत्व से उनकी मुलाकातों को सिर्फ विकास कार्यों तक सीमित नहीं माना जा रहा, बल्कि इसे प्रदेश की प्रशासनिक और (CM Bhajan Lal Sharma)राजनीतिक नियुक्तियों से जोड़कर भी देखा जा रहा है। क्या राजस्थान में बड़ा सत्ता संतुलन बदलाव होने वाला है? क्या ब्यूरोक्रेसी और संगठन में बड़े फेरबदल की तैयारी हो रही है?
मुख्य भाग:
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा गुरुवार को नई दिल्ली में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला (Om Birla) समेत कई केंद्रीय मंत्रियों से मिले। उन्होंने वित्त, सड़क, स्वास्थ्य, ऊर्जा, जल संसाधन, खेल और कृषि जैसे अहम विषयों पर चर्चा की। लेकिन इस दौरे का असली राजनीतिक संदेश कुछ और ही इशारा कर रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, राजस्थान में प्रशासनिक और राजनीतिक नियुक्तियों में बड़े बदलाव की रणनीति तैयार हो रही है। ब्यूरोक्रेसी में बड़े फैसले लिए जा सकते हैं, जिससे सरकार की नीतियां ज़मीनी स्तर पर और प्रभावी ढंग से लागू हो सकें। साथ ही, आगामी बजट सत्र के बाद संगठन में भी फेरबदल के संकेत मिल रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो मुख्यमंत्री का यह दौरा सिर्फ सरकारी योजनाओं की समीक्षा तक सीमित नहीं था, बल्कि इसमें सियासी समीकरण साधने और सत्ता संतुलन को मजबूत करने की रणनीति भी शामिल थी। ऐसे में अब जयपुर की राजनीति में बड़ी उथल-पुथल की उम्मीद की जा रही है।
सुरक्षा...आर्थिक सहयोग पर चर्चा
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने संसद भवन स्थित कार्यालय में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से मुलाकात की और राजस्थान में चल रही जन-कल्याणकारी योजनाओं और विकास कार्यों की प्रगति पर चर्चा की। इसके बाद वे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिले और राजस्थान में सुरक्षा, कानून-व्यवस्था और विकास कार्यों से जुड़े विषयों पर विस्तार से बातचीत की। इसके अलावा, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से उन्होंने राजस्थान में वित्तीय संसाधनों के आवंटन और आर्थिक विकास योजनाओं पर केंद्र-राज्य सहयोग को लेकर चर्चा की।
सड़क, स्वास्थ्य...रिफाइनरी प्रोजेक्ट पर बातचीत
दिल्ली दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ने केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी से भी मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने राजस्थान में रिफाइनरी, तेल और गैस परियोजनाओं को लेकर चर्चा की। इसके बाद उन्होंने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से प्रदेश की सड़क और परिवहन व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने के लिए विस्तार से बातचीत की। इसके साथ ही, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात कर राजस्थान में चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए विभिन्न योजनाओं पर विचार-विमर्श किया।
खेलों के विकास और नवीकरणीय ऊर्जा पर जोर
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने दिल्ली में केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री व खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया से भी मुलाकात की। इस दौरान "खेलो इंडिया" और राजस्थान में खेलों के बुनियादी ढांचे के विकास को लेकर चर्चा की गई। इसके बाद उन्होंने केंद्रीय ऊर्जा और शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की और राज्य में ऊर्जा, ई-बस प्रोजेक्ट और अवसंरचना विकास को लेकर चर्चा की।
साथ ही, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से भेंट कर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, पीएम आवास योजना, मनरेगा और ग्रामीण कौशल विकास योजनाओं पर बातचीत की। अंत में, मुख्यमंत्री ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल से राजस्थान के पेयजल और सिंचाई परियोजनाओं पर विस्तार से चर्चा की।
मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरे के सियासी मायने
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के दिल्ली दौरे को राजस्थान के विकास कार्यों को तेज करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। उनकी इन उच्चस्तरीय बैठकों से यह स्पष्ट संकेत मिला है कि राज्य सरकार केंद्र के सहयोग से प्रदेश में बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर और विकास परियोजनाओं को गति देने के लिए प्रतिबद्ध है। इस दौरे के दौरान विभिन्न विभागों के अधिकारी भी साथ थे, जिससे यह साफ होता है कि योजनाओं के कार्यान्वयन को लेकर सरकार गंभीर है।
गृह मंत्री से किरोड़ी लाल मीणा मुद्दे पर चर्चा
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में किरोड़ी लाल मीणा से जुड़े मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने पूरे प्रकरण की जानकारी गृह मंत्री को दी और इस पर केंद्र सरकार के रुख को लेकर भी मंथन किया गया।
जल्द ही बड़े प्रशासनिक फेरबदल संभव
सूत्रों की मानें तो अमित शाह और जेपी नड्डा से मुलाकात के दौरान राजस्थान में राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर भी विचार-विमर्श हुआ है। बोर्ड-निगमों सहित कई राजनीतिक पदों पर नियुक्तियां लंबित हैं और संगठन से जुड़े वरिष्ठ नेताओं व पूर्व पदाधिकारियों को साधने के लिए इन नियुक्तियों का उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा, प्रदेश में जल्द ही बड़े प्रशासनिक फेरबदल भी देखने को मिल सकते हैं। कुछ जिलों के कलेक्टरों और विभिन्न विभागों के अधिकारियों में बदलाव की संभावना जताई जा रही है।
नई विकास परियोजनाओं की घोषणा करेंगे मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा आज सुबह 11 बजे राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर (RIC) में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेंगे। इस दौरान वन प्रशिक्षण एवं प्रबंधन संस्थान का शिलान्यास किया जाएगा, जिससे वन संरक्षण और प्रबंधन को नई दिशा मिलेगी। इसके अलावा, सीतामाता वन्यजीव अभयारण्य, केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान और नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में पर्यावरण-अनुकूल इलेक्ट्रिक गोल्फ कार्ट की सुविधा शुरू की जाएगी। इससे वन्यजीव प्रेमियों और पर्यटकों को सुगम यात्रा का लाभ मिलेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री शर्मा CRESEP का लोगो और वन मृदा स्वास्थ्य कार्ड भी जारी करेंगे, जिससे वन क्षेत्र की सेहत और सतत विकास पर विशेष ध्यान दिया जा सकेगा।
राजस्थान की सियासत में बदलाव के संकेत
मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरे के बाद राजस्थान में राजनीतिक नियुक्तियों और ब्यूरोक्रेसी में बदलाव की अटकलें तेज हो गई हैं। संभावना है कि आगामी बजट सत्र के बाद सरकार बड़े प्रशासनिक फेरबदल कर सकती है, जिससे नीतियों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा सके। अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि मुख्यमंत्री कब और कैसे इन संभावित बदलावों को अंजाम देंगे।
अब आगे क्या?
दिल्ली में हुई उच्चस्तरीय बैठकों के बाद यह साफ हो गया है कि राजस्थान की राजनीतिक और प्रशासनिक संरचना में जल्द ही कुछ बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। अब सबकी निगाहें जयपुर पर टिकी हैं, जहां अगले कुछ हफ्तों में ब्यूरोक्रेसी और संगठन से जुड़े अहम फैसले लिए जा सकते हैं। क्या भजनलाल शर्मा अपने अगले कदम से राजस्थान की राजनीति में कोई बड़ा उलटफेर करेंगे? इसका जवाब आने वाले दिनों में मिल जाएगा।
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