PM मोदी को भेंट की गई चंदन की तलवार! महाराणा प्रताप से है गहरा संबंध; पढ़ें इसकी पूरी कहानी!
Chandan sword gifted to PM Modi: राजस्थान के शिल्पगुरु विनोद कुमार जांगिड़ की बनाई यह चंदन की तलवार न केवल महाराणा प्रताप की वीरता का प्रतीक है, बल्कि शिल्पकला की पराकाष्ठा का जीवंत उदाहरण भी है। (Chandan sword gifted to PM Modi)आठ साल पहले बनाई गई इस अद्भुत कलाकृति में मिनिएचर कार्विंग कला के साथ महाराणा प्रताप के जीवन की यात्रा को बारीकी से उकेरा गया है। 40 इंच लंबी यह तलवार सात खिड़कियों से सजी है, जिनमें महाराणा के संघर्ष, विजय और शौर्य को दर्शाती मूर्तियां बनाई गई हैं। हर खिड़की में 2 से 4 इंच की बारीक मूर्तियां हैं, जो शिल्पकला की बेजोड़ सुंदरता को उजागर करती हैं। यह चंदन की तलवार सिर्फ एक कलाकृति नहीं, बल्कि इतिहास और कला का अद्वितीय मेल है, जो पीएम नरेंद्र मोदी को भेंट की गई और अब तक चर्चा का केंद्र बनी हुई है।
वैश्विक मंच पर भारतीय धरोहर का सम्मान
विनोद जांगिड़ और उनके परिवार की कला ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान बनाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को चंदन की वीणा और जापान के राष्ट्रपति को चंदन का पंखा भेंट किया था, जो जांगिड़ परिवार की अद्वितीय शिल्पकला का अद्भुत उदाहरण हैं। इन कलाकृतियों ने भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक मंच पर सम्मान दिलाया है।
चंदन की वीणा और पंखे से तलवार तक
विनोद जांगिड़ के नेतृत्व में जांगिड़ परिवार ने चंदन की वीणा और पंखे जैसे बेजोड़ उपहार तैयार किए, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भेंट किए गए। इन कलाकृतियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय नेताओं को भेंट किया, जिससे जांगिड़ परिवार की कला और सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक पहचान मिली। अब उनकी बनाई तलवार ने भी इतिहास रच दिया है।
ढाई साल की मेहनत.. पीएम मोदी को भेंट की गई
विनोद जांगिड़ ने इस विशेष तलवार को बनाने में ढाई साल का समय लगाया। यह केवल एक कलाकृति नहीं, बल्कि महाराणा प्रताप के साहस और वीरता का प्रतीक है। इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट करते हुए जांगिड़ परिवार ने न सिर्फ राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर का सम्मान किया, बल्कि अपनी कला का एक ऐतिहासिक प्रदर्शन भी किया।
चार पीढ़ियों की कला का समर्पण
जांगिड़ परिवार की कला ने राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को दुनिया भर में पहचाना। विनोद जांगिड़ और उनके दोनों बेटे, नेशनल अवॉर्डी कमलेश जांगिड़ और स्टेट अवॉर्डी कपिल जांगिड़, इस कलात्मक परंपरा को जीवित रखने और उसे वैश्विक मंच पर पेश करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उनकी बनाई कलाकृतियों ने भारतीय कला को नए आयाम दिए हैं।
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