राजस्थान में 7 सीटों पर उपचुनाव: कांग्रेस के लिए चुनौती, कितनी सुरक्षित रहेगी पार्टी की लीड?
Assembly By-Elections:जयपुर। राजस्थान में विधानसभा उपचुनाव की संख्या में बढ़ोतरी हो गई है। पहले छह सीटों पर उपचुनाव की बात चल रही थी, लेकिन अब यह संख्या बढ़कर सात हो गई है। यह परिवर्तन अलवर जिले की रामगढ़ विधानसभा सीट के कांग्रेस विधायक जुबेर खान के निधन के बाद हुआ है। जुबेर खान, जो लंबे समय से बीमार चल रहे थे, के निधन से प्रदेश में एक और विधानसभा सीट रिक्त हो गई है। इस प्रकार, अब उपचुनाव की प्रक्रिया में शामिल सीटों की संख्या बढ़ गई है, जिससे आगामी राजनीतिक परिदृश्य और भी दिलचस्प हो गया है। पहले 6 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की योजना थी, लेकिन कांग्रेस विधायक जुबेर खान के निधन के बाद अब यह संख्या बढ़कर 7 हो गई है।(Ramgarh Seat)
सीटों की स्थिति
- देवली उनियारा: कांग्रेस विधायक हरीश मीणा के सांसद बनने के कारण रिक्त।
- दौसा: कांग्रेस विधायक मुरारीलाल मीणा के सांसद बनने के कारण रिक्त।
- झुंझुनूं: कांग्रेस विधायक बृजेंद्र ओला के सांसद बनने के कारण रिक्त।
- चौरासी: BAP विधायक राजकुमार रोत के सांसद बनने के कारण रिक्त।
- खींवसर: RLP विधायक हनुमान बेनीवाल के सांसद बनने के कारण रिक्त।
- सलूंबर: बीजेपी विधायक अमृतलाल मीणा के निधन के कारण रिक्त।
- रामगढ़: कांग्रेस विधायक जुबेर खान के निधन के कारण रिक्त।
रामगढ़ विधानसभा पर दूसरी बार उपचुनाव
अलवर जिले की रामगढ़ विधानसभा सीट पर दूसरी बार उपचुनाव होगा। पिछली बार 2018 में बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह की मृत्यु के कारण चुनाव स्थगित कर दिए गए थे। वर्ष 2023 में कांग्रेस के जुबेर खान ने इस सीट पर जीत हासिल की थी, लेकिन अब उनके निधन के बाद यह सीट फिर से खाली हो गई है।(Jubair Khan Death)
मतदाता विवरण
रामगढ़ विधानसभा में वर्ष 2018 में 235,110 मतदाता थे, जबकि 2023 में यह संख्या बढ़कर 266,547 हो गई। यहाँ 258 बूथ हैं, जिनमें से 30 से अधिक अति संवेदनशील और संवेदनशील हैं।
भाजपा की जमानत जब्त
2023 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के बागी उम्मीदवार सुखवंत सिंह के कारण भाजपा के जय आहूजा की जमानत जब्त हो गई थी। जय आहूजा रामगढ़ से दो बार विधायक रह चुके हैं।(Rajasthan Election 2024)
आगामी चुनाव
उपचुनाव की प्रक्रिया में अभी और विकास होगा और पार्टी लाइन पर मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश की जाएगी।
राजनीतिक दलों की रणनीतियां:
कांग्रेस और भाजपा के बीच बढ़ी प्रतिस्पर्धा:
कांग्रेस को रामगढ़ सीट पर विशेष ध्यान देना होगा, जहां मुस्लिम वोट बैंक महत्वपूर्ण है।
भाजपा को अपनी खोई हुई सीटें वापस पाने के लिए नई रणनीतियां बनानी होंगी, खासकर जिन सीटों पर उनकी जमानत जब्त हो चुकी है।
नवीन चुनौतियां:
मतदाता वृद्धि और संवेदनशील बूथों के कारण चुनावी रणनीतियों में बदलाव।
क्षेत्रीय दलों और स्वतंत्र उम्मीदवारों की भूमिका भी महत्वपूर्ण हो सकती है। (Rajasthan Election 2024)
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