Phone Tapping Case - फोन टैपिंग मामले पर भजनलाल का एक्शन, कुछ नहीं कर पाए गहलोत
पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के कार्यकाल में फोन टैपिंग का मामला काफी ज्यादा सुर्खियों में रहा था। जिस पर राजस्थान की भजनलाल सरकार ने बड़ा निर्णय लेते हुए गजेंद्र सिंह शेखावत फोन टैपिंग मामले में केंद्र सरकार के खिलाफ दायर मुकदमा वापस ले लिया है। आपको बता दे कि एएजी शिवमंगल शर्मा ने रविवार को सुप्रीम कोर्ट में केस वापस लेने के लिए एप्लीकेशन लगाते हुए कहा कहा था। इस केस में कोई मैरिट नहीं बनती है। फोन टैपिंग कांड के बाद पूर्ववर्ती गहलोत सरकार में यह तर्क दिया गया था कि फोन टैपिंग की जांच दिल्ली पुलिस के पास क्षेत्राधिकार नहीं है और केवल राजस्थान पुलिस को इस FIR की जांच करनी चाहिए।
एएजी शर्मा कहते है कि रिकॉर्ड और मामले की जांच की गई। जिसमें ये बात सामने आई कि मैरिट पर मामला SC में चलने लायक नहीं है। इसके चलते इसे आगे बढ़ाने का कोई मतलब नहीं। कोर्ट का समय बचाने के लिए इस केस को वापस लेने का निर्णय लिया।
क्या है फोन टैपिंग मामला?
साल 2020 के जुलाई अगस्त महीने में तत्कालीन गहलोत और पायलट के कलह के चलते सरकार अस्थिर हो गई थी। उस समय पायलट अपने खेमे के लगभग 19 विधायकों के साथ हरियाणा के मानेसर में जाकर कैंप कर रहे थे। उस दौरान कुछ ओडियो वायरल हुए थे। जिसमें खरीद फरोख्त जैसी बाते सामने आई थी। जिसमें गजेंद्र सिंह चौहान का नाम भी शामिल हुआ था। फिर बाद में गहलोत के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया था। खैर मुकदमा तो फिलहाल वापस ले लिया गया है।