भजनलाल सरकार को मोदी सरकार का ‘मेगा रेस्क्यू पैकेज’, 85,716 करोड़ से होगी कर्ज की छुट्टी!
Bhajan Lal government debt: राजस्थान की राजनीति में इन दिनों वित्तीय संकट चर्चा का मुख्य विषय बना हुआ है। भजनलाल सरकार के कार्यकाल में राज्य का राजस्व घाटा 36 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है, जिससे सरकार पर आर्थिक भार तेजी से बढ़ रहा है। विपक्ष सरकार पर आर्थिक कुप्रबंधन के आरोप लगा रहा है, वहीं सरकार इसे पूर्ववर्ती नीतियों की देन बता रही है।
ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा राज्य को 85,716 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दिया जाना न केवल आर्थिक बल्कि राजनीतिक रूप से भी एक बड़ा घटनाक्रम है। 19 फरवरी को राज्य बजट पेश होने से ठीक पहले इस राहत से भजनलाल सरकार को कुछ संबल जरूर मिलेगा, लेकिन यह भी स्पष्ट है कि इस मदद के सियासी मायने भी निकाले जाएंगे। (Bhajan Lal government debt )विपक्ष इसे केंद्र सरकार की सशर्त मदद बताकर निशाना साध सकता है, जबकि सत्तारूढ़ दल इसे केंद्र-राज्य सहयोग की मिसाल के रूप में पेश करेगा। आगामी महीनों में राजस्थान की राजनीति इसी मुद्दे के इर्द-गिर्द घूमती दिख सकती है।
राजस्थान में 36,000 करोड़ से अधिक का राजस्व घाटा
राजस्थान की वित्तीय स्थिति को लेकर हाल ही में एफआरबीएम (राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन) रिपोर्ट में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, राज्य का राजस्व घाटा 36,000 करोड़ रुपये से अधिक हो चुका है, जिससे सरकार पर वित्तीय संकट गहराता जा रहा है। बढ़ते आर्थिक दबाव को लेकर विपक्ष सरकार पर निशाना साध रहा है, जबकि सरकार इसे पूर्ववर्ती प्रशासन की नीतियों का परिणाम बता रही है।
केंद्र सरकार से मिलने वाली बड़ी आर्थिक राहत
राजस्व घाटे से जूझ रही भजनलाल सरकार को केंद्र सरकार से बड़ी राहत मिलने वाली है। केंद्र सरकार, केंद्रीय करों से प्राप्त राशि में से राज्य सरकार के हिस्से के अनुपात के अनुसार राजस्थान को 85,716 करोड़ रुपये देने जा रही है। यह सहायता राशि मिलने के बाद राज्य को वित्तीय संकट से उबरने में काफी मदद मिलेगी।
पिछले बजट से 10 हजार करोड़ रुपये अधिक मिलेंगे
इस बार के केंद्रीय बजट में राजस्थान को पिछले वर्ष की तुलना में 10,000 करोड़ रुपये अधिक प्राप्त होंगे। पिछले साल राजस्थान को केंद्रीय करों में से 75,047.76 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी मिली थी, जो इस बार बढ़कर 85,716 करोड़ रुपये हो गई है। यह राशि केंद्र द्वारा राज्यों से एकत्र किए गए करों की कुल राशि में से 6.26 प्रतिशत के अनुपात में दी जाती है।
राजस्थान को केंद्रीय करों से मिलने वाली हिस्सेदारी
राज्यों से एकत्र किए गए करों का एक निश्चित प्रतिशत केंद्र सरकार राज्यों को उनकी हिस्सेदारी के अनुसार लौटाती है। राजस्थान को इस बार निम्नलिखित करों से लाभ मिलेगा:
कॉर्पोरेशन टैक्स: 23,934.98 करोड़ रुपये
इनकम टैक्स: 31,936.24 करोड़ रुपये
सेंट्रल जीएसटी: 24,954.27 करोड़ रुपये
कस्टम्स: 3,945.35 करोड़ रुपये
यूनियन एक्साइज ड्यूटी: 819.64 करोड़ रुपये
आर्थिक संकट से बाहर निकलने की राह
85,716 करोड़ रुपये की इस केंद्रीय सहायता से भजनलाल सरकार को आर्थिक संतुलन स्थापित करने में मदद मिलेगी। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस राशि का उपयोग वित्तीय स्थिरता बनाए रखने और विकास कार्यों में कैसे करती है। विपक्ष इस राहत को सरकार की असफलता के रूप में देख रहा है, जबकि सत्ताधारी दल इसे केंद्र-राज्य समन्वय की सफलता के रूप में प्रस्तुत कर रहा है।
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