Banswara: 'बांसवाड़ा से संभाग का दर्जा छीनना आदिवासी समाज से अन्याय' BAP-कांग्रेस ने जताया विरोध
Banswara Political News: मृदुल पुरोहित. राजस्थान की भजनलाल सरकार ने सवा साल पहले बांसवाड़ा को दिया गया संभाग मुख्यालय का दर्जा वापस ले लिया। (Banswara Political News) सरकार के इस फैसले को भारत आदिवासी पार्टी ने आदिवासियों के साथ अन्याय बताया है, वहीं कांग्रेस भी विरोध जताते हुए आंदोलन की तैयारी कर रही है। इधर, जिले का दर्जा खत्म होने पर ऐसा ही कुछ विरोध सांचौर और शाहपुरा में भी देखने को मिल रहा है।
सरकार का फैसला अन्यायपूर्ण- BAP सांसद
बांसवाड़ा से संभाग का दर्जा छिनने के बाद बांसवाड़ा - डूंगरपुर सांसद राजकुमार रोत ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लिखा कि बांसवाड़ा संभाग को निरस्त करके राज्य सरकार ने बांसवाड़ा-डूंगरपुर की जनता के साथ बहुत बड़ा अन्याय किया है। मध्यप्रदेश और गुजरात की सीमा पर रहने वाला एक गरीब आदिवासी लगभग 240 किलोमीटर की दूरी तय करके उदयपुर आना तो सोच भी नहीं सकता। सरकार का यह कदम आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र की जनता के साथ बहुत अन्यायपूर्ण है। मुख्यमंत्री इस फैसले पर पुनर्विचार कर बांसवाड़ा संभाग को यथावत रखें।
कांग्रेस कर रही जनांदोलन की तैयारी
कांग्रेस जिलाध्यक्ष रमेशचन्द्र पंड्या ने भी बांसवाड़ा से संभाग मुख्यालय का दर्जा छिनने पर नाराजगी जाहिर की है। कांग्रेस नेता का कहना है कि राज्य सरकार का यह निर्णय आदिवासी क्षेत्र के विकास की दृष्टि से अनुचित है। बांसवाड़ा आदिवासी बहुल जिला है और कई अभावों से जूझ रहा है। संभाग मुख्यालय बनने से लोगों को उदयपुर तक की दौड़ से निजात मिल गई थी। संभाग का दर्जा हटना बड़ा नुकसान है। बांसवाड़ा को फिर से संभाग बनाने के लिए जनता के साथ मिलकर आंदोलन किया जाएगा।
कांग्रेस ने चुनावी फायदे के लिए बनाए थे जिले- BJP
बांसवाड़ा भाजपा जिलाध्यक्ष लाभचंद पटेल ने बांसवाड़ा संभाग मुख्यालय का दर्जा खत्म किए जाने पर कहा कि कांग्रेस सरकार ने बिना सोचे समझे संभाग और जिले की घोषित कर दिए थे। पूरे देश में कोई राज्य सरकार एक साथ इतने जिले नहीं बना सकी, महगर अशोक गहलोत ने चुनावी फायदे के लिए बनाए। भजनलाल शर्मा सरकार का निर्णय सही है सरकार ने समीक्षा कर निर्णय लिया है। बांसवाड़ा का विकास भाजपा सरकार की प्राथमिकता है।
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