Bagidora By Election : बागीदौरा विधानसभा उपचुनाव में भी आदिवासी पार्टी, भाजपा-कांग्रेस को शिकस्त
Bagidora By Election : बांसवाड़ा। देश में लोकसभा के साथ ही कुछ सीटों पर हुए विधानसभा उपचुनाव के परिणाम सामने आ चुके हैं। राजस्थान के दक्षिणांचल के बांसवाड़ा जिले की बागीदौरा विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव हुआ था, जिस पर आठ महीने पहले बनी भारत आदिवासी पार्टी के प्रत्याशी की जीत हुई है। कांग्रेस- भाजपा दोनों को हार का सामना करना पड़ा।
मालवीया का उपचुनाव में भी नहीं चला जादू
बांसवाड़ा की बागीदौरा विधानसभा सीट पर पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के महेंद्रजीत मालवीया ने जीत दर्ज की थी। कुछ महीनों पहले वो कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए और फिर भाजपा ने उनको लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बना दिया। मालवीया के सीट छोड़ने से खाली हुई इस विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ। महेंद्रजीत मालवीया इस क्षेत्र से 2004 से 2023 तक लगातार जीतते चले आ रहे थे। मगर वो इस बार उप चुनाव में यहां भाजपा का कमल नहीं खिला पाए। कांग्रेस को भी करारी हार झेलनी पड़ी। कांग्रेस चुनाव में तीसरे नंबर पर रही।
बीएपी विजेता बनी, वोट शेयर भी बढ़ा
बागीदौरा उप चुनाव में बीएपी के जयकृष्ण पटेल ने भाजपा प्रत्याशी सुभाष तम्बोलिया को 51 हजार 434 वोटों के अंतर से हरा दिया। इस चुनाव में 2 लाख 7 हजार 499 (77.06 प्रतिशत) मतदाताओं ने वोट डाले थे। इनमें बीएपी के जयकृष्ण पटेल को 1 लाख 22 हजार 573 वोट मिले। भाजपा के सुभाष तम्बोलिया को 71 हजार 139 और कांग्रेस के कपूर सिंह पटेल को मात्र 8 हजार 904 वोट मिले। पटेल ने गत विधानसभा चुनाव में पहली बार इस सीट से बीएपी से ही चुनाव लडक़र 60 हजार 387 वोट लिए थे और छह महीने के भीतर ही उन्होंने अपने वोटबैंक को बढ़ाते हुए इसे दो गुना करते हुए करीब सवा लाख तक पहुंचा दिया।
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कांग्रेस का गढ़ रहा है बागीदौरा क्षेत्र
बागीदौरा में 12 बार कांग्रेस, चार बार जनता दल और एक बार जनता पार्टी का प्रत्याशी जीता है। पिछले चार चुनाव से लगातार यह सीट कांग्रेस के कब्जेमें रही। भाजपा आलाकमान ने गत चुनाव में भी पूरा जोर लगाया, मगर नई पार्टी बीएपी के कारण हुए मत विभाजन के चलते भाजपा तीसरे स्थान पर खिसक गई थी। कांग्रेस के महेंद्रजीतसिंह मालवीया लगातार चौथी बार इस सीट पर अपना कब्जा बनाए रखने में सफल रहे थे। मालवीया के भाजपा में आने के बाद यही सवाल चर्चा में रहा कि मालवीया के बूते ही सही, क्या उपचुनाव में भाजपा यहां कमल खिला पाएगी? मगर परिणाम भाजपा के लिए निराशाजनक रहे।
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