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बजरी माफियाओं के लिए मंत्री का इशारा! बोले....ट्रैक्टर न पकड़ें, अवैध खनन पर सरकार का संरक्षण?

जैतारण में राजस्थान के कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत ने एक सार्वजनिक मंच से पुलिस अफसरों को अवैध बजरी परिवहन पर 'नरम रुख' अपनाने की हिदायत दी
03:42 PM Mar 16, 2025 IST | Rajesh Singhal

Avinash Gehlot : जैतारण में राजस्थान के कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत ने एक सार्वजनिक मंच से पुलिस अफसरों को अवैध बजरी परिवहन पर 'नरम रुख' अपनाने की हिदायत दी, जिसके बाद राजनीतिक हलकों में बवाल मच गया। डीएसपी और सीआई की मौजूदगी में दिए गए मंत्री के इस बयान ने विपक्षी दलों को आक्रोशित कर दिया। मंत्री ने अपने बयान में मजदूरों की कठिन आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए कहा कि रसीद भरना भी एक बड़ी मुश्किल है, और इस पर किसी प्रकार की सख्ती नहीं होनी चाहिए।

विपक्षी दलों ने इस बयान को लेकर तीखा विरोध किया (Avinash Gehlot )और आरोप लगाया कि राज्य सरकार अवैध खनन को संरक्षण दे रही है। नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री से सीधा सवाल किया, "क्या यह सब आपकी सहमति से हो रहा है?" राजनीतिक गलियारों में यह सवाल चर्चा का विषय बन गया है और अब मुख्यमंत्री से इसका जवाब मिलने का इंतजार है।

क्या सरकार अवैध खनन को समर्थन दे रही है?

जैतारण में मंत्री अविनाश गहलोत का बयान अब सियासी संकट का रूप लेता जा रहा है। उनके द्वारा पुलिस अधिकारियों को बजरी के ट्रैक्टर न पकड़ने की हिदायत देने से एक नया विवाद खड़ा हो गया है। मंत्री का यह बयान न केवल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा कर रहा है, बल्कि इसने राज्य सरकार और उसके नेताओं पर भी गहरे आरोपों का पर्दाफाश किया है। विपक्षी दलों का दावा है कि यह बयान किसी सियासी संरक्षण का संकेत है, जो अवैध खनन और बजरी कारोबार को बढ़ावा देने का काम कर रहा है।

 टिप्पणियां अवैध गतिविधियों को बढ़ावा दे रही हैं?

विपक्ष ने मंत्री के बयान को अवैध खनन को संरक्षण देने वाला करार दिया है। उनके मुताबिक, मंत्री का यह कहना कि मजदूरों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए ट्रैक्टरों को न पकड़ा जाए, एकतरफ तो गरीबों के लिए सहानुभूति दिखा रहा है, लेकिन दूसरी ओर यह साजिश भी हो सकती है, जिससे अवैध बजरी खनन के कारोबार को बढ़ावा मिले। नेताओं ने आरोप लगाया कि मंत्री का बयान सरकार द्वारा इन अवैध गतिविधियों को अनदेखा करने का खुला संकेत है, जो प्रदेश में खनन के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।

क्या अवैध कारोबार को खुला समर्थन है?

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने मंत्री के बयान पर तीखा हमला करते हुए पूछा कि क्या यह बयान सरकार के स्तर पर अवैध कारोबार को बढ़ावा देने का प्रयास है? जूली ने कहा कि राज्य में कहीं न कहीं मंत्री ने इन अवैध गतिविधियों को कवर करने का रास्ता दे दिया है। उनका सवाल सीधे मुख्यमंत्री से था, जिसमें उन्होंने पूछा कि क्या मुख्यमंत्री को इन गतिविधियों के बारे में जानकारी है और क्या यह सब उनकी सहमति से हो रहा है?

 नेताओं की भूमिका पर सवाल उठाए जाएंगे?

अब सवाल यह उठ रहा है कि मुख्यमंत्री की चुप्पी क्या दर्शाती है। क्या वे इस मुद्दे पर मौन हैं क्योंकि यह उनके दल के नेताओं द्वारा की गई गतिविधियों के संरक्षण का हिस्सा है? राजनीति में यह चर्चा आम हो गई है कि क्या मंत्री अविनाश गहलोत का बयान उनके व्यक्तिगत विचार थे या सरकार की नीति को दर्शाता है। विपक्षी दलों ने इसे सरकार का कर्तव्यहीन रवैया करार दिया है।

मंत्री के बयान ने एक सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि राज्य सरकार इस विवाद को कैसे निपटाती है। क्या मंत्री अपनी टिप्पणी पर सफाई देंगे या यह मामला और बढ़ेगा? विपक्ष ने सड़कों पर उतरने का आह्वान किया है, और इस पूरे विवाद ने सरकार को एक गंभीर दवाब में डाल दिया है।

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