राजस्थानराजनीतिनेशनलअपराधकाम री बातम्हारी जिंदगीधरम-करममनोरंजनखेल-कूदवीडियोधंधे की बात

गहलोत का सवाल... इंग्लिश मीडियम स्कूल बंद होने से गरीब बच्चों का भविष्य कैसे चमकेगा?

Ashok Gehlot: राजस्थान की सियासत में एक नया मोड़ आ गया है, जब भजनलाल सरकार ने गहलोत सरकार के कई बड़े फैसलों को पलटने की दिशा में कदम बढ़ाया है। हाल ही में, सरकार ने महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम सरकारी...
03:43 PM Jan 05, 2025 IST | Rajesh Singhal

Ashok Gehlot: राजस्थान की सियासत में एक नया मोड़ आ गया है, जब भजनलाल सरकार ने गहलोत सरकार के कई बड़े फैसलों को पलटने की दिशा में कदम बढ़ाया है। हाल ही में, सरकार ने महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम सरकारी विद्यालयों की समीक्षा के लिए चार मंत्रियों की एक समिति गठित की है, जिसे लेकर कांग्रेस पार्टी ने भाजपा सरकार पर जोरदार हमला बोला है। कांग्रेस का कहना है कि यह निर्णय सिर्फ राजनीति के तहत लिया गया है, (Ashok Gehlot)ताकि गहलोत सरकार की योजनाओं को नकारा जा सके। यह फैसला उसी समय आया है, जब गहलोत सरकार ने पूर्ववर्ती सरकार द्वारा बनाए गए 9 नए जिलों और 3 संभागों को निरस्त कर दिया था, जिसने प्रदेश में राजनीतिक वातावरण को गर्म कर दिया है।

 इंग्लिश मीडियम स्कूलों की समीक्षा पर उठाए सवाल

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान सरकार के इंग्लिश मीडियम स्कूलों पर रिव्यू कमेटी गठित करने के निर्णय पर भाजपा सरकार को घेरते हुए कहा कि यह फैसला शिक्षा व्यवस्था के लिए एक बड़ा संकट साबित हो सकता है। गहलोत ने कहा कि सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूलों को बंद करने की सोच समझ से बाहर है और इससे केवल प्राइवेट स्कूलों को फायदा होगा, जो गरीब बच्चों की पहुंच से बाहर हैं।

भजनलाल सरकार पर गहलोत का गंभीर आरोप

गहलोत ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वह मीडिया प्रचार के माध्यम से केवल अपनी छवि सुधारने में लगी है, जबकि राज्य में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही। गहलोत ने यह भी कहा कि सरकारी इंग्लिश मीडियम स्कूलों का उद्देश्य गरीब बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा प्रदान करना था, ताकि वे भविष्य में बेहतर अवसरों का सामना कर सकें। उन्होंने कहा, "राजस्थान ने यह योजना सबसे पहले लागू की थी, और अब इसे वापस लेकर भाजपा सरकार गरीबों का भविष्य संजीवनी से छीनने का काम कर रही है।"

 निजी विद्यालयों को फायदा पहुंचाने की साजिश

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भाजपा सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह शिक्षा मंत्री का निजी विद्यालय संचालकों को फायदा पहुंचाने का एक प्रयास है। डोटासरा ने आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस के विचारधारा वाले शिक्षकों को सरकारी स्कूलों में लाने का प्रयास हो रहा है। इसके अलावा, उन्होंने डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा के इंग्लिश मीडियम स्कूलों की समीक्षा कमेटी से हटने के बारे में भी हिंट दिया, यह तर्क देते हुए कि बैरवा के विधानसभा क्षेत्र में भी ऐसे विद्यालय संचालित हैं।

राजस्थान में इंग्लिश मीडियम स्कूलों का विस्तार

राजस्थान में वर्तमान में कुल 3,737 इंग्लिश मीडियम स्कूल हैं, जिनमें 45,300 स्वीकृत पदों में से 28,108 शिक्षक और अन्य कर्मचारी काम कर रहे हैं। इन विद्यालयों में 2024-25 शिक्षण सत्र में 6,77,371 छात्रों ने नामांकन लिया है, जबकि पिछले वर्ष की तुलना में यह संख्या कुछ कम है। गहलोत और डोटासरा के आरोपों के बाद, अब यह सवाल उठ रहा है कि भाजपा सरकार शिक्षा के इस महत्वपूर्ण क्षेत्र को किस दिशा में ले जाएगी।

यह भी पढ़ें: रमेश बिधूड़ी: बीजेपी का वो चेहरा जिनका विवादों से है चोली-दामन का रिश्ता! आतिशी के सामने लड़ रहे हैं चुनाव

यह भी पढ़ें: शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का तंज…जैसे मछली पानी से बाहर तड़पती है, वैसे ही कांग्रेस नेता तड़प रहे हैं!”

Tags :
Ashok GehlotAshok Gehlot StatementBhajan Lal governmentEducation System RajasthanFuture Of Poor ChildrenRajasthan English Medium SchoolsRajasthan government education policiesRajasthan Politicsअशोक गहलोतगरीब बच्चों का भविष्यपूर्व CM अशोक गहलोतराजस्थान सियासत
Next Article