मणिशंकर अय्यर के बयान से गरमाई राजनीति, गहलोत बोले...“ऐसा कहने वाला या तो सिरफिरा या फिर…!
Ashok Gehlot: भारतीय राजनीति में बयानबाज़ी और विवादों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। जब भी कोई बड़ा नेता किसी ऐतिहासिक शख्सियत पर टिप्पणी करता है, तो सियासी भूचाल आना तय माना जाता है। हाल ही में पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की शिक्षा को लेकर एक विवादित बयान दिया, जिससे कांग्रेस के भीतर हलचल मच गई।
अय्यर के इस बयान पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे ‘फ्रस्ट्रेशन की पराकाष्ठा’ बताते हुए अय्यर को ‘सिरफिरा’ तक करार दिया। (Ashok Gehlot)गहलोत ने कहा कि राजीव गांधी जैसे नेता के बारे में इस तरह का बयान केवल कोई हताश और दिशाहीन व्यक्ति ही दे सकता है।
गहलोत के इस बयान के बाद कांग्रेस के अन्य नेताओं ने भी अय्यर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। राजनीतिक गलियारों में इस बयानबाज़ी से हलचल तेज हो गई है और पार्टी के भीतर भी अय्यर के खिलाफ आक्रोश पनप रहा है। यह बयानबाजी सिर्फ कांग्रेस तक सीमित नहीं रही, बल्कि अन्य दलों ने भी इस पर प्रतिक्रिया देना शुरू कर दिया है।
राजीव गांधी की उपलब्धियों को भुलाना संभव नहीं'
गहलोत ने कहा कि "राजीव गांधी ने 21वीं सदी के भारत की नींव रखी। सूचना प्रौद्योगिकी, पंचायती राज और युवा भारत को मताधिकार देने जैसे ऐतिहासिक फैसले उनकी दूरदृष्टि को दर्शाते हैं।" उन्होंने कहा कि "ऐसे नेता की शिक्षा को लेकर सवाल उठाने वाले अपनी सोच पर पुनर्विचार करें।"
गहलोत ने कहा कि "मणिशंकर अय्यर का यह बयान उनकी मानसिक स्थिति को दर्शाता है। वह लंबे समय से राजनीति में सक्रिय हैं, लेकिन अब उनके बयान निराधार और पार्टी विरोधी होते जा रहे हैं।"
'पाकिस्तान पर दिए गए बयान को भी खारिज किया'
गहलोत ने अय्यर के पाकिस्तान को लेकर दिए गए बयान पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, "भारत और पाकिस्तान को एक ही तराजू में तोलना गलत है। पाकिस्तान की नीति का समर्थन करना कांग्रेस की विचारधारा के खिलाफ है।"
गहलोत ने कहा कि "पार्टी को उन नेताओं पर विचार करना चाहिए जो बार-बार विवादित बयान देते हैं और पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाते हैं।" उन्होंने कहा कि "कांग्रेस को अपने सिद्धांतों पर कायम रहते हुए अनुशासनहीन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।"
'बीजेपी को मौका मिल गया'
गहलोत ने कहा कि "अय्यर के इस बयान से बीजेपी को एक और मुद्दा मिल गया है, जिससे वह कांग्रेस पर हमले करेगी।" उन्होंने कहा कि "हम पहले से ही बीजेपी के दुष्प्रचार का सामना कर रहे हैं, ऐसे में पार्टी के भीतर से ही इस तरह के बयान आना नुकसानदायक है।"
अशोक गहलोत ने कहा कि "अगर मणिशंकर अय्यर अपने बयान पर माफी नहीं मांगते हैं, तो कांग्रेस को उनके खिलाफ सख्त कदम उठाना चाहिए।" उन्होंने कहा कि "यह पार्टी के लिए आत्ममंथन करने का समय है कि ऐसे नेताओं के बयानों को लेकर क्या नीति अपनाई जाए।"
इस पूरे बयान के बाद अब सवाल यह है कि क्या कांग्रेस आलाकमान मणिशंकर अय्यर के खिलाफ कोई कार्रवाई करेगा या यह विवाद यूं ही चलता रहेगा?
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