राजस्थानराजनीतिनेशनलअपराधकाम री बातम्हारी जिंदगीधरम-करममनोरंजनखेल-कूदवीडियोधंधे की बात

"मंदिर तोड़कर बनी मस्जिदें"! अजमेर दरगाह पर दिलावर बोले- खुदाई से सामने आएगा सच

Ajmer Sharif Dargah: राजस्थान के अजमेर स्थित विश्वविख्यात ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह, जो लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है, आज एक नए विवाद का केंद्र बन चुकी है। संकट मोचन महादेव मंदिर की उपस्थिति को लेकर हिंदू...
12:51 PM Nov 29, 2024 IST | Rajesh Singhal

Ajmer Sharif Dargah: राजस्थान के अजमेर स्थित विश्वविख्यात ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह, जो लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है, आज एक नए विवाद का केंद्र बन चुकी है। संकट मोचन महादेव मंदिर की उपस्थिति को लेकर हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता द्वारा दायर याचिका ने इस मुद्दे को और (Ajmer Sharif Dargah) गहराई दे दी है। कोर्ट द्वारा याचिका स्वीकार किए जाने के बाद सियासी बयानबाजी तेज हो गई है।

राजस्थान सरकार के शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने इस मामले में बड़ा बयान देते हुए कहा कि इतिहास गवाह है कि बाबर, औरंगजेब और अन्य शासकों ने मंदिरों को तोड़कर मस्जिदें बनाईं। कोर्ट द्वारा प्रतिवादियों को नोटिस जारी किए जाने के बाद यह मामला अब एक अहम मोड़ पर पहुंच गया है। क्या ऐतिहासिक और धार्मिक तथ्यों की यह टकराहट भविष्य में कोई नया अध्याय लिखेगी?

न्यायालय पर छोड़ा फैसला

राजस्थान सरकार में शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने अजमेर दरगाह विवाद पर कहा कि इस मामले में न्यायालय ही अंतिम निर्णय करेगा। उन्होंने कहा कि यदि कोर्ट जांच का आदेश देता है और खुदाई होती है, तो मिलने वाले अवशेष ही सत्यता की पुष्टि करेंगे। उन्होंने इस विवाद को न्यायालय के विवेक पर छोड़ने की बात कही।

शिविर में दिलावर का संवाद

मदन दिलावर ने यह बयान कोटा के रामगंज मंडी विधानसभा क्षेत्र में 'सरकार आपके द्वारा अभियान' के तहत आयोजित समस्या समाधान शिविर में दिया। इस दौरान उन्होंने जनता की समस्याओं को सुना और विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ मिलकर उनके समाधान पर जोर दिया।

याचिका में ऐतिहासिक दावों का हवाला

दरगाह विवाद से जुड़ी याचिका हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने दायर की है। इसमें दावा किया गया है कि दरगाह की जमीन पर पहले भगवान शिव का मंदिर हुआ करता था। याचिका में अजमेर निवासी हरविलास शारदा की लिखी पुस्तक का हवाला दिया गया है।

पुस्तक में कहा गया है कि दरगाह परिसर में मौजूद बुलंद दरवाजे का निर्माण मंदिर के मलवे के अवशेषों से किया गया था। साथ ही, वहां एक तहखाना या गर्भगृह होने और शिवलिंग की उपस्थिति का भी दावा किया गया है। याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि दरगाह परिसर में पहले जैन मंदिर भी था, जहां पूजा-अर्चना और जलाभिषेक होता था।

75 फीट के बुलंद दरवाजे पर उठे सवाल

याचिका में यह दावा किया गया है कि दरगाह परिसर में 75 फीट ऊंचे बुलंद दरवाजे का निर्माण मंदिर के अवशेषों से हुआ था। इसमें कहा गया है कि दरगाह के तहखाने में शिवलिंग स्थित था और वहां ब्राह्मण परिवार पूजा करते थे। इस दावे को याचिका में कोर्ट द्वारा सत्यापित करने की मांग की गई है।

खुदाई के आदेश पर टिका है विवाद का समाधान

मदन दिलावर ने कहा कि न्यायालय द्वारा खुदाई के आदेश मिलने और ऐतिहासिक साक्ष्य सामने आने के बाद ही इस विवाद का समाधान होगा। यह मामला ऐतिहासिक तथ्यों और धार्मिक दावों की टकराहट को लेकर एक गंभीर मोड़ पर है, जिसका निर्णय अब न्यायालय के हाथ में है।

यह भी पढ़ें:

Rajasthan: एक वीडियो ने रुकवा दी लड़की की शादी ? बिना दुल्हन लौटे बाराती, फिर सामने आया खौफनाक सच

Tags :
Ajmer Sharif Dargahajmer sharif dargah controversyCourt Decisioneducation minister Madan DilawarRajasthan Newsअजमेर दरगाहअजमेर दरगाह मंदिर विवादअजमेर दरगाह शिव मंदिरअजमेर न्यूजअजमेर शरीफ दरगाहबुलंद दरवाजा अजमेर शरीफ दरगाहमदन दिलावर बयानमदन दिलावर शिक्षा मंत्रीराजस्थान समाचार
Next Article