Ajmer: महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा ने साधा निशाना! कहा- वोट बैंक के लिए मस्जिदों के नीचे मंदिर ढूंढ रहे हैं
Ajmer Sharif Dargah:अजमेर दरगाह में संकट मोचन महादेव मंदिर के दावे के बाद एक नया विवाद तूल पकड़ता जा रहा है। अब इस मामले में जम्मू-कश्मीर पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। (Ajmer Sharif Dargah)इल्तिजा ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर में कहा कि यह लोग मस्जिदों के नीचे मंदिर नहीं ढूंढ रहे हैं, बल्कि उनका मकसद यह है कि इन स्थानों को अपने वोट बैंक का हथियार बनाने के लिए इस तरह के विवाद पैदा किए जाएं। उनका आरोप था कि यह सब दिखाने की कोशिश की जा रही है कि मुसलमानों को तंग किया जा रहा है।
जब धार्मिक स्थलों को लेकर राजनीति और विवाद का रंग चढ़ता है, तो इससे समाज में और गहरी रेखाएं बन जाती हैं। यह घटना इस बात का प्रतीक बन गई है कि कैसे धार्मिक भावनाओं के साथ खेलकर वोट बैंक की राजनीति को बढ़ावा दिया जा रहा है। इल्तिजा का बयान उस असमंजस को और बढ़ाता है, जो इन घटनाओं के जरिए उत्पन्न हो रहा है।
कोर्ट में सुनवाई के बाद बढ़ा राजनीतिक विवाद
अजमेर दरगाह के नीचे मंदिर होने के दावे को लेकर विवाद अब और बढ़ता जा रहा है। हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता द्वारा लगाए गए इस दावे को अजमेर सिविल कोर्ट ने सुनवाई के योग्य मानते हुए अगली तारीख 20 दिसंबर तय की है। विष्णु गुप्ता ने अपनी याचिका में कई तथ्यों का हवाला दिया है, जिनमें एक रिटायर्ड जज की किताब का जिक्र भी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि इस स्थान पर पहले शिव मंदिर था।
राजनीतिक बयानबाजी और साम्प्रदायिक विवाद
इस दावे के बाद से राजनीति भी गर्मा गई है, और लगातार राजनीतिक नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं। जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस मुद्दे को सांप्रदायिक हिंसा के रूप में देखा और चेतावनी दी कि यह देश में खून खराबा करवा सकता है। वहीं, कांग्रेस नेता सचिन पायलट और समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव ने इस दावे को राजनीति से प्रेरित बताया और इसे लोगों के असल मुद्दों से ध्यान भटकाने की साजिश कहा।
विभाजनकारी एजेंटों से बचने की चेतावनी
महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसे विभाजनकारी एजेंटों से सावधान रहना चाहिए, जो समाज को बांटने का काम करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ये लोग अपनी राजनीति के लिए मस्जिदों और धार्मिक स्थलों का विवादित मुद्दा बना रहे हैं, जिससे समाज में तनाव बढ़ रहा है।
राजनीतिक टीकाकारों के बयान
इस विवाद में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी अपना बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि कोर्ट ने आदेश दिया है और अगर कोई हिंदू इस मुद्दे पर याचिका दायर करता है तो इसमें गलत क्या है? वहीं, रामगोपाल यादव ने कहा कि छोटे जज इस मामले में आग लगाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अजमेर शरीफ पर चादर चढ़वाते हैं।
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