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UP News: सोशल मीडिया की मदद से हनुमानगढ़ में मिली मूक-बधिर बच्ची 16 दिन बाद पहुंची अपने घर...

UP News: ढाबा, हनुमानगढ़। राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के ढाबा में मिली एक मूक - बधिर बच्ची को अपने घर पहुंचाने में सोशल मीडिया ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उत्तर प्रदेश के फ़तेहपुर से घर से नाराज़ होकर ट्रेन...
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UP News: ढाबा, हनुमानगढ़। राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के ढाबा में मिली एक मूक - बधिर बच्ची को अपने घर पहुंचाने में सोशल मीडिया ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उत्तर प्रदेश के फ़तेहपुर से घर से नाराज़ होकर ट्रेन में बैठी बच्ची हनुमानगढ़ जिले के ढाबा में पहुंची, जिसके बाद वहाँ मौजूद लोगों ने उससे जानकारी जुटाने की कोशिश की परंतु ये संभव न हो सका। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष जितेंद्र गोयल और एक स्थानीय सामाजिक संस्था के सहयोग से बच्ची को उसका घर मिल गया। बुधवार को बच्ची को उनके परिजनों को सौंप दिया गया।

माँ से नाराज़ होकर ट्रेन में बैठी बच्ची

यूपी के फ़तेहपुर की रहने वाली एक महिला अपनी बेटी के साथ खेतों में काम करने के लिए निकली और वहां जाकर अपनी बेटी को कहा कि काम में थोड़ा हाथ बंटा दे तो बेटी ने कहा कि उसके हाथ पैर में दर्द हो रहा है। ये सुनने के बाद माँ ने बेटी को घर चले जाने को कहा जिससे बेटी माँ से नाराज़ हो गयी। इसके बाद बूक बधिर बधिर बच्ची नाराज़ होकर रेलवे स्टेशन आकार पटरी पर खड़ी ट्रेन में बैठ गयी। ये ट्रेन राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के ढाबा तक उस बच्ची को ले आई। ढाबा में उतरने के स्थानीय लोगों ने उसकी मदद करने के लिए उससे जानकारी जुटनी चाहिए परंतु मूक - बधिर होने की वजह से वो भी संभव नहीं हो पाया। इसके बाद बाल कल्याण समिति को सूचित किया गया।

बाल कल्याण समिति और एचएसएफ़ ने की बच्ची की मदद

सीडबल्यूसी यानि चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के अध्यक्ष जितेंद्र गोयल ने इस घटना का तुरंत संज्ञान लेते हुए बच्ची की मदद करने की ठानी। बाल कल्याण समिति के साथ स्थानीय सामाजिक संस्था एचएसएफ़ ने भी मदद का हाथ बढ़ाया। दोनों संस्थाओं के संयोजन से बच्ची के रहने और खाने की व्यवस्था की गयी। सीडबल्यूसी के अध्यक्ष जितेंद्र गोयल ने बताया कि बच्ची के परिवार को ढूँढने में और उसकी पहचान जानने के लिए सोशल मीडिया का पूरा लाभ मिला। सोशल मीडिया की मदद से ही बच्ची के परिजनों तक पहुंचा जा सका।

परिजनों ने बच्ची की गुमशुदगी की रिपोर्ट कारवाई थी दर्ज

बच्ची के नहीं मिलने के बाद बच्ची के परिजनों और माता - पिता ने स्थानीय थाने में मामला दर्ज करवा दिया था। जिसके बाद बच्ची को ढूँढने में स्थानीय पुलिस भी लगी हुई थी। परंतु बच्ची के हनुमानगढ़ जिले में पहुँच जाने का अंदाज़ा भी नही लगाया गया था। सोशल मीडिया पर जब बच्ची की तस्वीर लगाई गयी तो बच्ची के माता पिता का पता चला। जब सीडबल्यूसी अध्यक्ष ने बच्ची के माता पिता से संपर्क कर उन्हें बच्ची को ले जाने को कहा तो पैसे की कमी की वजह से उन्होने आने में असमर्थता जताई। परंतु इसमें भी गोयल में उनकी मदद की और उनकी टिकट करवा कर उन्हें यहाँ बुलाया। तब थाने में मामला दर्ज होने की वजह से उत्तर प्रदेश पुलिस भी उनके साथ आई।

माता - पिता नहीं रोक पाए अपने आंसू

जब बच्ची को लेने के लिए उत्तर प्रदेश से उसके माता पिता हनुमानगढ़ पहुंचे तो बच्ची को देख कर उसके माता पिता अपने आंसू नहीं रोक पाए। बच्ची को गले से लगा लिया और संस्था और बाल कल्याण समिति का धन्यवाद किया। बच्ची को बार बार गले से लगा रही माँ अपने आंसू नहीं रोक पा रही थी। गरीब परिवार से आने वाली मूक बधिर बच्ची के मिलने की आस में कई दिन गुज़र देने के बाद उनकी उम्मीद भी टूटने लगी थी। ऐसे में बच्ची का सही सलामत मिल जाना उनके लिए किसी चमत्कार से कम नहीं था।

सोशल मीडिया का हुआ सदुपयोग

जहां एक तरफ सोशल मीडिया को लेकर बार बार उसके दुरुपयोग की खबरें सामने आती है वहीं इस खबर ने सोशल मीडिया के सदुपयोग से मिलने वाले लाभ को भी साफ कर दिया है। अगर सोशल मीडिया नहीं होता तो बच्ची की पहचान मिल पाना और बच्ची का अपने माँ बात से मिल पाना न जाने कितना मुश्किल हो जाता। बच्ची के घर पहुँचने के पीछे सोशल मीडिया के सदुपयोग का बहुत बड़ा हाथ है।

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