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Udhayanidhi Stalin: हिंदी तमिल भाषा को नष्ट कर देगी, उदयनिधि स्टालिन ने दी तीखी प्रतिक्रिया

Udhayanidhi Stalin: तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने 'एक राष्ट्र, एक भाषा' नीति के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया दी।
11:52 AM Feb 19, 2025 IST | Ritu Shaw

Udhayanidhi Stalin: तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने मंगलवार को चेतावनी दी कि हिंदी, तमिल भाषा को उसी तरह नष्ट कर देगी जैसे इसने उत्तर भारत की कई स्थानीय भाषाओं को प्रभावित किया है। चेन्नई में आयोजित एक विरोध प्रदर्शन में उन्होंने केंद्र सरकार पर राज्य के अधिकारों के अतिक्रमण और वित्तीय संसाधनों की कमी का आरोप लगाया। इस प्रदर्शन में तमिलनाडु में मौजूद INDIA गठबंधन की पार्टियों ने हिस्सा लिया।

प्रदर्शन के दौरान उदयनिधि स्टालिन ने कहा, "हिंदी ने राजस्थान, हरियाणा, बिहार और अन्य उत्तर भारतीय राज्यों की स्थानीय भाषाओं को खत्म कर दिया है और वहां की प्राथमिक भाषा बन गई है। यदि तमिलनाडु में हिंदी थोपी गई, तो हमारी भाषा का भी यही हाल होगा।" उन्होंने यह भी कहा कि 99% तमिल जो आज प्रतिष्ठित संस्थानों जैसे इसरो में कार्यरत हैं या विदेशों में काम कर रहे हैं, वे सरकारी स्कूलों से पढ़े हैं और उन्होंने हिंदी नहीं सीखी थी।

तमिलनाडु में हिंदी विरोधी संघर्ष का इतिहास

उदयनिधि ने तमिलनाडु में हिंदी के विरुद्ध हुए संघर्षों का उल्लेख करते हुए कहा कि पिछले 100 वर्षों में राज्य में बड़े पैमाने पर हुए विरोध प्रदर्शनों के मुख्य कारण शिक्षा और हिंदी थोपने के प्रयास रहे हैं। उन्होंने शहीदों का जिक्र करते हुए कहा, "थलामुथु, नटराजन, और कीझापालुर चिन्‍नसामी जैसे लोगों ने राजनीति के लिए नहीं, बल्कि तमिल भाषा की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। आज भी हजारों लोग हमारी भाषा के लिए अपने प्राण देने को तैयार हैं।"

बीजेपी सरकार पर वित्तीय भेदभाव का आरोप

उदयनिधि ने केंद्र सरकार पर तमिलनाडु के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य को संघीय बजट में उचित वित्तीय सहायता नहीं दी गई और शैक्षणिक फंड जारी करने में भी देरी की जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि यह भेदभाव जारी रहा, तो विरोध और अधिक तीव्र होगा और इसे राज्यव्यापी आंदोलन में बदला जाएगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए कहा, "'गो बैक मोदी' का नारा जल्द ही 'गेट आउट मोदी' में बदल जाएगा। आप हमें धमकी देकर दबा नहीं सकते। यह पेरियार, अन्ना, और कलैगनार की भूमि है – यह आत्म-सम्मान की भूमि है।"

INDIA गठबंधन के नेताओं ने भी साधा निशाना

इस विरोध प्रदर्शन में विभिन्न दलों के वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया और केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए। वीसीके प्रमुख थोल तिरुमावलवन ने कहा कि बीजेपी सरकार की मंशा 'एक राष्ट्र, एक भाषा' नीति को लागू करने की है ताकि हिंदी को राष्ट्रीय भाषा बना दिया जाए। द्रविड़ कषगम के अध्यक्ष के वीरमणि, डीएमके कोषाध्यक्ष टी आर बालू, तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के सेल्वपेरुनथगई, एमडीएमके नेता वैको, सीपीएम राज्य सचिव पी शनमुगम, सीपीआई राज्य सचिव आर मुथरासन, तमिझागा वाझ्वुरिमाई काच्ची के संस्थापक टी वेलमुरुगन, और केएमडीके अध्यक्ष ई आर ईश्वरन ने भी इस आंदोलन में हिस्सा लिया।

यह विरोध प्रदर्शन केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ तमिलनाडु में बढ़ते असंतोष को दर्शाता है। आने वाले समय में यदि हिंदी थोपने और वित्तीय संसाधनों में कटौती जैसे मुद्दे जारी रहे, तो राज्य में और बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन देखने को मिल सकते हैं।

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