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Sunita Williams Health: अंतरिक्ष में बढ़ जाती है लंबाई, कमजोर हो जाती हैं हड्डियाँ, जानें कैसी हो रही रिकवरी

Sunita Williams Health: अंतरिक्ष में नौ महीने का लंबा समय बिताने के बाद जानें सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर कैसे रिकवर करेंगे।
03:27 PM Mar 19, 2025 IST | Ritu Shaw
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Sunita Williams Health: नासा के अंतरिक्ष यात्री बुच विलमोर और सुनीता विलियम्स आखिरकार नौ महीने लंबे और अनियोजित अंतरिक्ष प्रवास के बाद मंगलवार को सुरक्षित पृथ्वी पर लौट आए। उनका स्पेसएक्स कैप्सूल फ्लोरिडा के टलाहसी तट से दूर मैक्सिको की खाड़ी में सफलतापूर्वक पानी में उतरा।

सुरक्षित वापसी, शारीरिक बदलावों की चुनौती

नासा के फ्लाइट सर्जन डॉ. जो डर्वे के अनुसार, दोनों अंतरिक्षयात्रियों की वापसी से पहले स्वास्थ्य स्थिति ठीक थी। हालांकि, लंबे अंतरिक्ष प्रवास के दौरान शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं, जिनकी निगरानी और पुनर्वास जरूरी होता है।

अंतरिक्ष में भारहीनता (zero gravity) के कारण हड्डियों की घनता (Bone Density) कम होती है, मांसपेशियों में कमजोरी आती है और संतुलन और समन्वय में परेशानी होती है। इसके अलावा, प्रतिरक्षा तंत्र, हृदय प्रणाली, दृष्टि और डीएनए संरचना पर भी प्रभाव पड़ता है।

क्या होते हैं प्रमुख शारीरिक परिवर्तन?

हड्डी और मांसपेशियों का क्षय: पृथ्वी की तुलना में अंतरिक्ष में मांसपेशियों के रेशे दो सप्ताह में एक-तिहाई तक सिकुड़ सकते हैं। हड्डियों का घनत्व हर महीने 1.5% तक घटता है, जिससे फ्रैक्चर और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ता है।

लंबाई में वृद्धि: भारहीनता के कारण शुरुआती चार दिनों में शरीर की लंबाई करीब 3% बढ़ जाती है। जैसे कि, अंतरिक्ष यात्री केट रूबिन्स अंतरिक्ष में 5'6" से 5'7" हो गई थीं। वापसी के बाद यह सामान्य हो जाता है।

शरीर के तरल पदार्थों का पुनर्वितरण: अंतरिक्ष में शरीर के तरल पदार्थ समान रूप से फैल जाते हैं, जिससे चेहरा फूला हुआ और पैरों में सूजन कम हो जाती है। इसे 'पफी फेस सिंड्रोम' और 'चिकन लेग्स' कहा जाता है, जो पृथ्वी पर लौटने के तीन दिन में सामान्य हो जाता है।

दृष्टि में बदलाव: 'स्पेसफ्लाइट एसोसिएटेड न्यूरो-ऑकुलर सिंड्रोम' (SANS) से आंखें समतल हो सकती हैं और रेटिना की नसों पर असर पड़ता है। करीब 16% अंतरिक्षयात्रियों में यह प्रभाव देखा गया है।

प्रतिरक्षा प्रणाली और डीएनए में बदलाव: अंतरिक्ष में सफेद रक्त कोशिकाओं का व्यवहार बदल जाता है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। डीएनए में भी अस्थायी बदलाव आते हैं, लेकिन धरती पर लौटने के बाद ये सामान्य हो जाते हैं।

पृथ्वी लौटने के बाद कैसे होगा पुनर्वास?

वापसी से पहले दोनों अंतरिक्षयात्रियों ने पानी और नमक की गोलियां लेकर शरीर में तरल संतुलन बनाए रखा। उन्होंने विशेष कंप्रेशन गारमेंट्स पहने, जिससे शरीर के तरल पदार्थ नीचे की ओर वापस आ सकें।नासा के कमर्शियल क्रू प्रोग्राम के मैनेजर स्टीव स्टिच ने बताया, "हर अंतरिक्ष दल लौटते वक्त तरल पुनः लोडिंग प्रोटोकॉल से गुजरता है ताकि शरीर सही तरह से अनुकूलित हो सके।"

अब दोनों अंतरिक्षयात्री जॉनसन स्पेस सेंटर, ह्यूस्टन में मेडिकल सुपरविजन में रहेंगे, जहां उनके सभी स्वास्थ्य मानकों की जांच की जाएगी और पूरी तरह से ठीक होने के बाद ही उन्हें घर जाने की अनुमति दी जाएगी। डॉ. डर्वे के अनुसार, "अंतरिक्ष यात्रा का लगभग हर अंग प्रणाली पर असर होता है – चाहे वह त्वचा हो, हड्डी, मांसपेशी, प्रतिरक्षा प्रणाली या हृदय प्रणाली। हमारी टीम हर क्षेत्र पर ध्यान देती है ताकि पूरा स्वास्थ्य संतुलित रहे।"

चंद्रमा और मंगल मिशनों के लिए अहम शोध

नासा का मानना है कि अंतरिक्ष में बढ़ते मिशन मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों को समझने में मदद करेंगे। यह शोध भविष्य में चंद्रमा और मंगल जैसे लंबे मिशनों की तैयारी के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

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