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Sukhu Ka Samosa: हिमाचल में आखिर समोसे को लेकर क्यों गरमाई है राजनीति, CID क्यों कर रही इसकी जांच? यहां समझें

Sukhu Ka Samosa: हिमाचल प्रदेश में 'सामोसों' को लेकर राजनीतिक तनाव बढ़ गया है। जी हां, आपने सही पढ़ा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक नेता ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए 11 समोसे भेजे। यह घटना तब हुई...
06:59 PM Nov 09, 2024 IST | Ritu Shaw

Sukhu Ka Samosa: हिमाचल प्रदेश में 'सामोसों' को लेकर राजनीतिक तनाव बढ़ गया है। जी हां, आपने सही पढ़ा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक नेता ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए 11 समोसे भेजे। यह घटना तब हुई जब कांग्रेस सरकार ने एक कथित जांच का आदेश दिया, जिसमें बताया गया कि एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री के लिए मंगाए गए समोसे गलती से उनकी सुरक्षा टीम को परोसे गए थे।

हमीरपुर के भाजपा विधायक आशीष शर्मा ने मुख्यमंत्री के आवास पर समोसे भेजते हुए सोशल मीडिया पर सुक्खू सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि सरकार जलवायु परिवर्तन, बेरोजगारी और वित्तीय संकट जैसी महत्वपूर्ण समस्याओं पर ध्यान देने के बजाय छोटी-छोटी बातों पर ध्यान दे रही है।

अपने फेसबुक पोस्ट में शर्मा ने कहा कि जब लोग अपने बुनियादी अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं, तब सरकार को बड़े मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए और इस तरह की "अर्थहीन" जांच से दूर रहना चाहिए। उन्होंने कहा, “इस मूर्खता के खिलाफ विरोध में, मैंने मुख्यमंत्री को 11 समोसे भेजे हैं ताकि उन्हें याद दिला सकूं कि राज्य के लोगों द्वारा सामना की जा रही वास्तविक समस्याओं को हल करना कितना जरूरी है” ।

भाजपा की युवा विंग, भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) ने शिमला में प्रदर्शन किया, समोसे वितरित किए और सरकार की आलोचना की कि वह महत्वपूर्ण मुद्दों को हल करने में असफल रही है।

हिमाचल प्रदेश में ‘समोसा राजनीति’: आखिर हुआ क्या?

21 अक्टूबर को, मुख्यमंत्री सुक्खू ने शिमला में सीआईडी मुख्यालय में एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया, जहां उनके लिए समोसे और केक लाए गए थे, लेकिन गलती से उनकी सुरक्षा टीम को परोस दिए गए। इस घटना के बाद एक वरिष्ठ सीआईडी अधिकारी ने बताया कि इस मामले में जांच की जरूरत है, क्योंकि इसे सरकार विरोधी मानकर देखा गया।

अब इस ‘गायब समोसों’ का मामला सीआईडी द्वारा जांच के अधीन है। सीआईडी के डीजी संजीव रंजन ओझा ने कहा कि यह पूरी तरह से सीआईडी का आंतरिक मामला है और इसे राजनीतिक रंग नहीं देना चाहिए। उन्होंने कहा कि, “मुख्यमंत्री समोसे नहीं खाते... हमने किसी को कोई नोटिस नहीं दिया है। बस यह पता लगाने के लिए कहा है कि क्या हुआ। इसका सरकार से कोई लेना-देना नहीं है… हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि यह जानकारी कैसे लीक हुई।”

बीजेपी बनाम कांग्रेस: ‘गायब समोसों’ पर विवाद

धर्मशाला के भाजपा विधायक सुधीर शर्मा, राज्य भाजपा के उपाध्यक्ष और कांगड़ा के सांसद राजीव भारद्वाज ने सवाल उठाए कि समोसों पर जांच के लिए आखिर क्या जरूरी मुद्दे हो सकते हैं। भाजपा के मीडिया प्रभारी करन नंदा ने सरकार की असफलताओं पर अफसोस जताया और कहा कि देवभूमि के रूप में प्रसिद्ध हिमाचल प्रदेश अब शौचालय कर और स्नैक्स की जांच जैसी विवादास्पद खबरों के लिए सुर्खियों में है।

वहीं, कांग्रेस नेताओं ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह इस घटना का राजनीतिकरण करके मुख्यमंत्री को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। वहीं, मुख्यमंत्री सुक्खू ने स्पष्ट किया कि जांच अधिकारियों के ‘दुर्व्यवहार’ से संबंधित थी, लेकिन मीडिया में खबरें समोसों पर केंद्रित हो गईं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने कांग्रेस सरकार के चुनावी जीत के बाद से एक बदनामी अभियान शुरू किया है।

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