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Sukhbir Badal Resignation: शिरोमणि अकाली दल में बड़ा बदलाव, सुखबीर सिंह बादल का इस्तीफा

Sukhbir Badal Resignation: शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) की कार्यकारी समिति ने शुक्रवार को पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल का इस्तीफा स्वीकार कर लिया। न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के हवाले से पार्टी नेताओं ने यह जानकारी दी। यह निर्णय पार्टी के मुख्यालय...
08:24 PM Jan 10, 2025 IST | Ritu Shaw
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Sukhbir Badal Resignation: शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) की कार्यकारी समिति ने शुक्रवार को पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल का इस्तीफा स्वीकार कर लिया। न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के हवाले से पार्टी नेताओं ने यह जानकारी दी।

यह निर्णय पार्टी के मुख्यालय चंडीगढ़ में आयोजित कार्यकारी समिति की बैठक में लिया गया। यह कदम उस आदेश के बाद उठाया गया है, जिसमें अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने एसएडी से दिसंबर 2 के फरमान को जल्द से जल्द लागू करने का निर्देश दिया था।

अकाल तख्त का आदेश

2 दिसंबर को अकाल तख्त ने एसएडी कार्यकारी समिति को सुखबीर सिंह बादल का इस्तीफा स्वीकार करने का आदेश दिया था। सुखबीर सिंह बादल को पंजाब में एसएडी सरकार के दौरान 2007 से 2017 के बीच हुई गलतियों के लिए धार्मिक अपराधी (तंखैया) घोषित किया गया था।

अकाल तख्त ने एक पैनल का गठन कर एसएडी के नए प्रतिनिधियों की नियुक्ति और पार्टी अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों के लिए छह महीने के भीतर चुनाव कराने का भी निर्देश दिया।

सुखबीर बादल ने क्या कहा?

इस्तीफा स्वीकार होने के बाद, सुखबीर सिंह बादल ने पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। बादल ने कहा, "पिछले पांच वर्षों में, मैंने पार्टी की सेवा के लिए जो भी संभव था, वह किया। मैं उन कार्यकर्ताओं और नेतृत्व का आभारी हूं जिन्होंने मुझे समर्थन दिया।"

सुखबीर सिंह बादल ने पिछले साल 16 नवंबर को पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था, लेकिन पार्टी की कार्यकारी समिति ने उस समय उनका इस्तीफा अस्वीकार कर दिया था और उनसे पुनर्विचार करने की अपील की थी। समिति ने कहा था कि यदि वह इस्तीफा स्वीकार करते हैं, तो पूरी समिति सामूहिक रूप से इस्तीफा दे देगी।

तंखैया घोषित किए जाने की पृष्ठभूमि

30 अगस्त 2022 को अकाल तख्त ने सुखबीर सिंह बादल और अन्य नेताओं को तंखैया घोषित किया था। बादल ने धार्मिक सजा भी भुगती। 2 दिसंबर को अकाल तख्त ने एसएडी को सुखबीर बादल का इस्तीफा स्वीकार करने और अन्य नेताओं को पद से हटाने का आदेश दिया था।

सुखबीर पर हमला

4 दिसंबर को, जब सुखबीर सिंह बादल धार्मिक सजा (तंखा) भुगत रहे थे, उस समय एक पूर्व उग्रवादी नरायण सिंह चौरा ने उन पर करीब से गोली चलाने की कोशिश की। हालांकि, पुलिसकर्मियों ने समय रहते उसे काबू में कर लिया, और सुखबीर बाल-बाल बच गए। नरायण सिंह को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया।

इस घटनाक्रम के बाद पार्टी में नेतृत्व परिवर्तन की प्रक्रिया शुरू हुई है, और नए नेतृत्व के चयन के लिए चुनाव कराए जाने की संभावना है।

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