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World Chess Champion: कौन हैं डी गुकेश? चेस के नए बादशाह, विश्वनाथन आनंद के बाद रच दिया इतिहास!

World Chess Championship 2024: भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने गुरुवार को सिंगापुर में वर्ल्ड शतरंज चैंपियनशिप जीतकर इतिहास रच दिया। 18 साल की कम उम्र में यह खिताब जीतने वाले गुकेश दुनिया के सबसे युवा शतरंज चैंपियन बन गए हैं।...
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World Chess Championship 2024: भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने गुरुवार को सिंगापुर में वर्ल्ड शतरंज चैंपियनशिप जीतकर इतिहास रच दिया। 18 साल की कम उम्र में यह खिताब जीतने वाले गुकेश दुनिया के सबसे युवा शतरंज चैंपियन बन गए हैं। इसके साथ ही, वह विश्वनाथन आनंद के बाद शतरंज में वर्ल्ड चैंपियन बनने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी भी बने। गुकेश ने फाइनल के निर्णायक 14वें गेम में चीन के डिंग लिरेन को हराकर यह खिताब अपने नाम किया, जिससे उनकी सफलता की कहानी और भी रोचक हो गई।

वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप 2024 में ऐतिहासिक जीत

FIDE वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप 2024 के निर्णायक मुकाबले में चीन के डिंग लिरेन सफेद मोहरे और भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश काले मोहरे के साथ खेल रहे थे। जब मैच टाईब्रेक की ओर बढ़ रहा था, तब 53वीं चाल में डिंग लिरेन का ध्यान भंग हुआ और उन्होंने गलती कर दी। गुकेश ने चौंकते हुए इस मौके का पूरा फायदा उठाया और लिरेन को वापसी का कोई मौका नहीं दिया। अंत में, गुकेश ने पिछले साल के वर्ल्ड चैंपियन को मात देते हुए इस प्रतिष्ठित खिताब को जीत लिया। इस जीत के साथ, गुकेश वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप के 18वें विश्व चैंपियन बने।

कौन हैं डी गुकेश?

डी गुकेश, चेन्नई के रहने वाले एक युवा और प्रतिभाशाली चेस खिलाड़ी हैं, जिनका पूरा नाम डोम्माराजू गुकेश है। उनका जन्म 7 मई 2006 को चेन्नई में हुआ था। गुकेश ने 7 साल की उम्र में शतरंज खेलना शुरू किया था। शुरुआती कोचिंग उन्हें भास्कर नागैया ने दी, जो एक इंटरनेशनल चेस खिलाड़ी रहे हैं। बाद में, विश्वनाथन आनंद ने गुकेश को चेस की उन्नत रणनीतियाँ सिखाईं और उन्हें अपने ज्ञान से मार्गदर्शन दिया। गुकेश आनंद शतरंज अकादमी (WACA) में ट्रेनिंग लेते हैं, जहां उन्होंने अपने कौशल को निखारा और दुनिया के शीर्ष खिलाड़ियों में अपनी जगह बना

बचपन से शतरंज का जुनून

डी गुकेश के माता-पिता पेशेवर हैं..उनके पिता डॉक्टर और मां माइक्रोबायोलॉजिस्ट हैं, लेकिन गुकेश के लिए सबसे बड़ा जुनून शतरंज था। बचपन में ही इस खेल से प्यार करने वाले गुकेश ने अपनी मेहनत और कौशल से दुनिया भर में पहचान बनाई। सिर्फ 17 साल की उम्र में FIDE कैंडिडेट्स चेस टूर्नामेंट जीतकर वह सबसे युवा प्लेयर बने थे। 2024 में बुडापेस्ट में आयोजित चेस ओलंपियाड में उन्होंने भारत को मेंस और विमेंस दोनों कैटेगरी में जीत दिलाई, और ओपन कैटेगरी के फाइनल में निर्णायक भूमिका निभाई। गुकेश का यह सफर शतरंज की दुनिया में एक नई क्रांति लेकर आया है।

करियर की कुछ ऐतिहासिक उपलब्धियां

गुकेश ने कम उम्र में ही अपनी कड़ी मेहनत और उत्कृष्टता से यह साबित कर दिया कि वह शतरंज के अगले सुपरस्टार हैं। वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप जीतकर, वह यह साबित कर चुके हैं कि भविष्य के चेस किंग वही हैं। उनकी करियर की कुछ शानदार उपलब्धियां इस प्रकार हैं:

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