SpaDeX Mission: अंतरिक्ष की दुनिया में ISRO को एक और बड़ी सफलता, जानें क्यों जरूरी है स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट
SpaDeX Mission: इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) ने गुरुवार को एक बड़ा कारनामा करते हुए स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट (SpaDeX Mission) के तहत अंतरिक्ष में दो सैटेलाइट जोड़ने का ऐतिहासिक प्रदर्शन किया। इस उपलब्धि के साथ, भारत स्पेस डॉकिंग तकनीक में सफलता हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है। इससे पहले यह उपलब्धि केवल अमेरिका, चीन और रूस के नाम थी।
'गर्व का क्षण'
इसरो ने 'एक्स' (पहले ट्विटर) पर अपनी इस सफलता की घोषणा करते हुए लिखा, "भारत ने अंतरिक्ष इतिहास में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज कर लिया है। स्पेडेक्स मिशन ने स्पेस डॉकिंग में ऐतिहासिक सफलता हासिल की है। इस गौरवपूर्ण क्षण का हिस्सा बनकर गर्व महसूस हो रहा है।"
SpaDeX Docking Update:
Post docking, control of two satellites as a single object is successful.
Undocking and power transfer checks to follow in coming days.
— ISRO (@isro) January 16, 2025
प्रधानमंत्री मोदी ने दी शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस उपलब्धि पर इसरो और भारत की अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को बधाई दी। उन्होंने 'एक्स' पर लिखा, "स्पेस में दो सैटेलाइट की सफल डॉकिंग के लिए इसरो के वैज्ञानिकों को ढेर सारी बधाई। यह भारत के भविष्य के महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष अभियानों की ओर एक बड़ा कदम है।"
Congratulations to our scientists at @isro and the entire space fraternity for the successful demonstration of space docking of satellites. It is a significant stepping stone for India’s ambitious space missions in the years to come.
— Narendra Modi (@narendramodi) January 16, 2025
मिशन की शुरुआत और सफर
इसरो ने स्पेडेक्स मिशन की शुरुआत 30 दिसंबर 2024 को की थी। इस मिशन के तहत दो छोटे सैटेलाइट, SDX01 (चेजर) और SDX02 (टारगेट), को 24 पेलोड के साथ PSLV C60 रॉकेट से लॉन्च किया गया। यह लॉन्च श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पहले लॉन्चपैड से किया गया था। लॉन्च के लगभग 15 मिनट बाद, दोनों सैटेलाइट्स को 475 किलोमीटर की सर्कुलर ऑर्बिट में सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया।
12 जनवरी 2025 को इसरो ने दोनों सैटेलाइट्स को तीन मीटर की दूरी पर लाकर सफलतापूर्वक डॉकिंग और अलगाव प्रक्रिया को अंजाम दिया।
स्पेस डॉकिंग क्यों है महत्वपूर्ण?
इसरो के अनुसार, स्पेस डॉकिंग तकनीक उन मिशनों के लिए महत्वपूर्ण है, जहां कई रॉकेट लॉन्च की आवश्यकता होती है। यह तकनीक भारत के चंद्रमा मिशन, चंद्र नमूनों को पृथ्वी पर लाने, और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS) के निर्माण व संचालन के लिए बेहद जरूरी है। स्पेडेक्स मिशन के माध्यम से भारत ने अंतरिक्ष डॉकिंग तकनीक को अपनी सूची में शामिल कर लिया है, जिससे भविष्य में भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाएं और भी सुदृढ़ होंगी।
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