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Serial Thief: राजस्थान के सीरियल चोर ने किया फिल्मी कहानी को फेल, खोया हुआ बेटा बनकर कई राज्यों के परिवारों को ठगा

Serial Thief: उत्तर प्रदेश पुलिस ने शनिवार को बताया कि राजस्थान के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, जिसने गाजियाबाद और उत्तराखंड में दो परिवारों को धोखा देकर उनके लंबे समय से खोए हुए बेटे के रूप में खुद...
11:18 PM Dec 07, 2024 IST | Ritu Shaw

Serial Thief: उत्तर प्रदेश पुलिस ने शनिवार को बताया कि राजस्थान के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, जिसने गाजियाबाद और उत्तराखंड में दो परिवारों को धोखा देकर उनके लंबे समय से खोए हुए बेटे के रूप में खुद को पेश किया। उसने इसी तरह की कहानी सुनाकर छह राज्यों में कम से कम सात अन्य परिवारों को भी ठगा है।

कौन है आरोपी?

न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, आरोपी का नाम इंद्रराज रावत है। उसने राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के नौ परिवारों को ठगा है। ट्रांस-हिंडन के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (डीसीपी) निमिष पाटिल ने बताया कि अकेले उत्तर प्रदेश में आरोपी ने तीन परिवारों को धोखा दिया। रावत पर पहचान छुपाने, धोखाधड़ी, और घर में अवैध रूप से घुसने सहित विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं।

कैसी की ठगी?

पुलिस के अनुसार, रावत ने खुद को लंबे समय से लापता बेटे के रूप में पेश किया और कहा कि वह बचपन में अपहरण का शिकार हुआ था। उसने भावनात्मक रूप से कमजोर परिवारों की सहानुभूति अर्जित की और उनके घरों में रहने लगा। वह आरामदायक जीवन जीता और अंततः उनके कीमती सामान चुराकर गायब हो जाता।

गिरफ्तारी कैसे हुई?

24 नवंबर को, रावत ने खोड़ा पुलिस स्टेशन में आकर दावा किया कि उसका 31 साल पहले, सात साल की उम्र में अपहरण हुआ था। उसने कहा कि साहिबाबाद के शहीद नगर कॉलोनी से स्कूल से लौटते समय उसे तीन व्यक्तियों ने एक टेम्पो में अगवा कर लिया था।

रावत ने पुलिस को बताया कि उसे जैसलमेर ले जाया गया और वहां उसे चरवाहे के रूप में काम करने के लिए मजबूर किया गया। उसने यह भी दावा किया कि एक दिल्ली के व्यवसायी ने उसे बचाया और गाजियाबाद के सीमा क्षेत्र में छोड़ दिया। पुलिस ने उसकी कहानी की जांच शुरू की और पाया कि उसका असली नाम इंद्रराज रावत है और उसका आपराधिक इतिहास है।

पिछले मामले
पुलिस का बयान

डीसीपी निमिष पाटिल ने कहा कि रावत भावनात्मक रूप से संवेदनशील कहानियों का इस्तेमाल करके परिवारों का विश्वास जीतता था। जब उसे लगता कि उसकी पहचान उजागर हो सकती है, तो वह गायब हो जाता। पुलिस अब रावत के पूरे आपराधिक इतिहास और 2005 से 2021 के बीच की गतिविधियों की जांच कर रही है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या और परिवार उसकी इस धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं।

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