SC Verdict On Private Property: 'हर निजी संपत्ति को सरकार नहीं कर सकती अधिग्रहित..' - सुप्रीम कोर्ट
SC Verdict On Private Property: सुप्रीम कोर्ट की नौ-सदस्यीय संविधान पीठ ने मंगलवार को निजी संपत्तियों को लेकर एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि हर नागरिक की निजी संपत्ति को सार्वजनिक हित के लिए सरकार द्वारा अधिग्रहित नहीं किया जा सकता। मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली इस पीठ ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकारें कुछ विशेष परिस्थितियों में ही निजी संपत्ति पर दावा कर सकती हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
मुख्य न्यायाधीश ने अपने बहुमत वाले फैसले में जस्टिस कृष्णा अय्यर के उस पुराने निर्णय को पलट दिया जिसमें कहा गया था कि सभी निजी संसाधनों को राज्य द्वारा अधिग्रहित कर वितरित किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि किसी संपत्ति को "सामग्री संसाधन" की श्रेणी में तभी रखा जा सकता है जब उसका सामुदायिक प्रभाव महत्त्वपूर्ण हो और उसकी प्रकृति सार्वजनिक हित में हो।
संवैधानिक संरक्षण मिलेगा
पीठ ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 39(b) के तहत लाए गए कानूनों को अनुच्छेद 31(C) के तहत संवैधानिक संरक्षण प्राप्त होगा। बहुमत का निर्णय मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने जस्टिस हृषिकेश रॉय, जे.बी. पारदीवाला, मनोज मिश्रा, राजेश बिंदल, एस.सी. शर्मा, और ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह के साथ दिया। न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना ने इस निर्णय के कुछ हिस्सों से असहमति जताई, जबकि न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया ने सभी पहलुओं पर असहमति व्यक्त की।
यह फैसला महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे पहले के कई फैसलों ने समाजवादी दृष्टिकोण अपनाया था, जिसमें राज्य को सभी निजी संपत्तियों को अधिग्रहित कर "सामान्य हित" में वितरित करने का अधिकार दिया गया था। लेकिन यह फैसला पहले वाले से बिल्कुल उलट है।
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