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Sanatan Board: धर्म की स्वतंत्रता का दिवस, धर्मसभा में 'सनातन बोर्ड' का मसौदा होगा पेश

Sanatan Board: प्रख्यात आध्यात्मिक वक्ता देवकीनंदन ठाकुर ने गुरुवार को घोषणा की कि आगामी 27 जनवरी को सेक्टर 17 में आयोजित होने वाली 'धर्मसभा' को 'धर्म की स्वतंत्रता का दिवस' के रूप में मनाया जाएगा। इस अवसर पर 'सनातन बोर्ड'...
10:57 PM Jan 23, 2025 IST | Ritu Shaw

Sanatan Board: प्रख्यात आध्यात्मिक वक्ता देवकीनंदन ठाकुर ने गुरुवार को घोषणा की कि आगामी 27 जनवरी को सेक्टर 17 में आयोजित होने वाली 'धर्मसभा' को 'धर्म की स्वतंत्रता का दिवस' के रूप में मनाया जाएगा। इस अवसर पर 'सनातन बोर्ड' के संविधान का मसौदा भी प्रस्तुत किया जाएगा।

निरंजनी अखाड़े में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में देवकीनंदन ठाकुर ने कहा, "हमारा धर्म स्वतंत्र नहीं है क्योंकि हमारे मंदिर सरकारों के अधीन हैं, हमारे गुरुकुल बंद हो चुके हैं, और हमारी गौ माता सड़कों पर भटक रही हैं। 'सनातन बोर्ड' की आवश्यकता धर्म के उत्थान के लिए है।"

सनातन बोर्ड की मांग

उन्होंने धर्मसभा के महत्व पर जोर देते हुए कहा, "इस कार्यक्रम में सभी अखाड़ों के प्रतिनिधि, चारों शंकराचार्यों के प्रतिनिधि और सनातन धर्म से जुड़े लोग शामिल होंगे। हमें सरकार से 'सनातन बोर्ड' चाहिए और इसके बिना कुंभ नहीं छोड़ेंगे।" जूनागढ़ अखाड़ा के महंत स्वामी यतिंद्रानंद गिरि ने कहा, "सनातन बोर्ड केवल भारत के लिए नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए आवश्यक है। आतंकवाद, घृणा और अराजकता का समाधान केवल सनातन बोर्ड के माध्यम से हो सकता है।"

अन्य महंतों ने भी दिया समर्थन

निरंजनी अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर और उज्जैन के अर्जि हनुमान जी मंदिर के महंत स्वामी प्रेमानंद पुरी ने कहा, "कुछ लोग दावा करते हैं कि गंगा की भूमि वक्फ बोर्ड की है। हमें स्पष्ट करना होगा कि सनातन धर्म सूर्य के उदय से भी पुराना है। देश की एकता और अखंडता को बचाने के लिए 'सनातन बोर्ड' की स्थापना अत्यंत आवश्यक है।"

आनंद अखाड़े के पीठाधीश्वर स्वामी बालकनंद गिरि महाराज ने कहा, "जहां आस्था है, वहीं सनातन है। यदि आप इसे नहीं मानते, तो गहराई में जाएं और आपको हर जगह सनातन धर्म की जड़ें मिलेंगी। सनातन धर्म की रक्षा के लिए 'सनातन बोर्ड' का गठन अनिवार्य है।"

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने जानकारी दी, "सनातन बोर्ड का संविधान मसौदा 27 जनवरी को धर्मसभा में अंतिम रूप से तैयार किया जाएगा और इसे सभी धर्मगुरुओं की उपस्थिति में औपचारिक रूप से घोषित किया जाएगा।" 27 जनवरी की धर्मसभा सनातन धर्म के लिए एक ऐतिहासिक दिन साबित हो सकती है। धार्मिक नेताओं का मानना है कि इस बोर्ड का गठन भारतीय संस्कृति और परंपरा को संरक्षित करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।

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